Aunty, I think about sex all the time. Am I normal?
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आंटी, मैं हमेशा सेक्स के बारे में ही सोचता रहता हूँ! मुझे कोई प्रॉब्लम तो नहीं?

द्वारा Auntyji अक्टूबर 25, 12:34 बजे
सवाल: मैं हर वक्त सेक्स के बारे में सोचता रहता हूँ। क्या मुझे किसी तरह की बीमारी है?

अगर मैं कोशिश भी करू तो भी अपना दिमाग सेक्स से हटा नहीं सकता। यह लज्जाजनक बात है, लेकिन जब भी मैं किसी लड़की से मिलता हूँ तो उसके साथ सेक्स करने का ख्याल मन में आता है।  क्या मुझे सेक्स की लत है? अगर मैं अपने दोस्तों को ये बताओ तो वो मेरे बारे में क्या सोचेंगे? क्या मुझे किसी तरह के इलाज की ज़रूरत है? जयंत, बंगलोर

आंटी जी कहती है...ज़रूरी बात सबसे पहले, जयंत पुत्तर, तेरा केस कोई अनोखा नहीं है। हम सब, चाहे कोई भी लिंग हो और किसी भी उम्र के, हम सब सेक्स के बारे में सोचते है। शायद हर वक्त नहीं - लेकिन उससे तो ज्यादा ही जितना हम लोगों के सामने स्वीकार करते है!

ये बिलकुल नैचुरल मतलब की प्राकृतिक और स्वस्थ्य चीज़ है। ओये जैसा की मेरी बीजी कहती थी, "जो प्राकृतिक  है वो अश्लील नहीं हो सकता।" और कामुक उतेजना से ज्यादा नैचुरल और क्या हो सकता है?

परेशानियाँ?

लेकिन अगर तुझे लगता है की तू सेक्स के बारे में हर वक्त सोचता रहता है और इस से तेरी ज़िन्दगी पर असर पड़ता है, तो हमें इस बारें में थोड़ी और बात करनी पड़ेगी। क्यूंकि मज़ा कभी कभार खतरनाक भी बन जाता है। मज़े की बात यह है की नीदरलैंड्स में करे गए एक शोध में पाया गया है की अधिकतर सेक्स की लत वाले लोगों को ये समझ में आता है की उनकी लत उनके जीवन पर विपरीत असर डाल रही है।

सच तो यह है की, तू ये कह सकता है की चाहे तू कितना भी सेक्स के बारें में सोचें, कितना भी सेक्स करें, या सेक्स देखें, ये लत सिर्फ तब है अगर ये तेरे और तेरे आस पास के लोगों की ज़िन्दगी पर असर डालता है। फिर तो तेरी चिंता के पीछे कोई और बात है।

नाखुश?

मुझे ख़ुशी है इस बात की तू खुलम खुला ये बता रहा है की शायद कोई परेशानी वाली बात हो सकती है। बहुत सारे मर्द इसके बारें में खुलम खुला बात करने में संकोच करते है। और तो और, कुछ लोगों के लिए, सेक्स की लत होना मर्दानगी भरा व्यवहार समझा जाता है।

हालाँकि बहुत सारे लोग इसे बकवास मानते है, जिसमे से कुछ डॉक्टर भी हैं, ये एक चिंताजनक बात भी हो सकती है। ऐसी परेशानी जिस को बहुत ध्यान से देखा जाए।

लत के साथ, हम निर्भर हो जाते है एक तरह के बढ़ावे की ओर, और फिर उसी का जूनून सर पर सवार हो जाता है। और फिर ये मानसिक और शारीरिक क्षति पहुचाता है।  उसके अलावा ये जूनून भावनात्मक चोट भी पहुचाता है।

सेक्स की लत अपने साथ सामाजिक और पारिवारिक आलोचना भी साथ लाता है। अगर तू इस मुश्किल का सामना नहीं करेगा तो यह तुझको बहुत दुःख दे सकता है और तुझसे प्यार करने वालों को भी बहुत नुक्सान पंहुचा सकता है - और मेरा मतलब है तेरे परिवार के अलावा लोग।

लत?

अब ज़्यादा विस्तार में जाये बिना, मैं ये तो नहीं बता पाऊँगी की तुझे सच में सेक्स की लत है भी या नहीं। तो मैं तुझे कुछ ज़रूरी पॉइंट बताती हूँ. अपने आप से पूछ...
• क्या सेक्स के बारे में सोचना तेरा बहुत ज़्यादा समय और उर्जा तो नहीं लेता हर रोज़?
•   क्या तेरी शारीरिक जीवनी में शर्म, बुरा बर्ताव और गुप्तता भी है?
• क्या तू हस्तमैथुन करता है या फिर शारीरिक सुख इस कदर ढूंढ़ता है की तू अपने हर दिन के काम काज और अपने परिवार और प्यार करने वालो पर ध्यान नहीं दे पा रहा है?

दिन में एक दो बार तो ठीक है, लेकिन अगर तू ऑफिस में लम्बे समय के लिए बाथरूम में बंद हो जाता है, तो जयंत पुत्तर, तुझको मदद की ज़रूरत है।

मदद?

और हाँ, इस केस में, एक अच्छा सेक्स चिकित्सक तेरी सबसे ज़्यादा मदद कर सकता है। लेकिन अगर तेरे पास किसी चिकित्सक के पास जाना संभव नहीं, तो किसी ऐसे व्यक्ति से बात कर जिस पर तुझे विश्वास है।

अपने बहुत अच्छे दोस्त से बात करके देख। शायद तुझे ये पता चले की वो तेरी बात सुनकर आश्चर्य ना करें। जब भी तू किसी लड़की से मिलता है तो सबसे पहले सेक्स का ख्याल तेरे मन में आता है? मुझे लगता है ये बात बहुत सारे जवान लड़कों को अजीब ना लगे!

पहला कदम

वैसे तूने सबसे अच्छा कदम लिया है आंटी जी, यानी मुझे अपनी परेशानी बता कर। आशा करती हूँ की अब तू ये अच्छे से समझ पायेगा की तुझे वाकई मैं सेक्स की लत है भी या नहीं।
 
मेरा सोचना ये है की तू शायद सेक्स के बारें में सोचता तो बहुत है - लेकिन बहुत सारे लोगों से बहुत ज़्यादा भी नहीं! याद रख, सेक्स के बारे में सोचना कोई बीमारी नहीं - लेकिन इसका जूनून सर पर सवार होना परेशानी वाली बात ज़रूर है।

हमेशा की तरह, अगर तेरी कोई परेशानी है तो सिर्फ ये समझना और स्वीकार करना की परेशानी है, पहला कदम है एक अच्छी शुरुवात का. रब राखा जी, रब राखा!

अगर आपको प्यार, सेक्स और रिश्तों को लेकर कोई सलाह चाहिए तो ईमेल करिए आंटी जी को।

क्या आप इस जानकारी को उपयोगी पाते हैं?

Comments
Kulesh bete, is zyaada porn dekhne ki aadat ko chhodne main time lag sakta hain but agar aap chahe toh aap ismein badlaav zaroor la sakte hain. Drid nischay kijiye aur yaad rakhiye ki aap apni addiction ko sambhal sakte hain. Apni life ke khaali samay ko bhariye taaki aap ke paas porn ke liye waqt hi na ho. Yadi chahein toh bahut see activities hain, jinmein aap samya bitaa sakte hain. Jaise ki khel – games, gym ya koi hobbies…ok? Yaad rakhiye porn ka maksad sirf manoranjan tak hi seemit hona chahiye. Yadi aap is mudde par humse aur gehri charcha mein judna chahte hain toh hamare discussion board ‘Just Poocho’ mein zaroor shamil hon! https://lovematters.in/en/forum
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