खुल कर अपनी बात कह सकना
मुझे वो पुरुष बेहद पसंद आते हैं जो अतिसंवेदनशील होते हैंI शायद इसलिए, क्यूंकि वो खुल कर अपने मनोभाव आपके सामने रख देते हैंI आमतौर पर इस विशिष्टता को महिलाओं की कमज़ोरी माना जाता है- शायद इसलिए क्यूंकि ऐसा करने से लोग आपका फ़ायदा उठा सकते हैंI मुझे तो लगता है यह कमज़ोरी नहीं बल्कि बहादुरी है क्यूंकि आपको पता होता है कि आपका फ़ायदा उठाया जा सकता है लेकिन फ़िर भी आप सामने वाले पर भरोसा करते हैंI
मिशेल डे गामा, 35, सिंगल, फिजिकल ट्रेनर, गोवा
मेरी बात सुनो
मुझे लगता है कि मैं एक अच्छी श्रोता हूँ लेकिन, इसका अर्थ यह नहीं है कि मेरा साथी सिर्फ़ अपनी बात ही कहता रहे और यह जानने या समझने की कोशिश ही ना करे कि मैं क्या कहना चाहती हूँ या क्या सोच रही हूँI यह तो दो-तरफ़ा होता हैI अगर मैं सब कुछ छोड़कर आपकी बातें ध्यानपूर्वक सुनती हूँ तो मैं आपसे भी यही उम्मीद रखती हूँI मुझे बिना रोक-टोक के और बिना किसी मौखिक प्रतिक्रिया के अपनी बात कहना पसंद हैI मुझे अच्छा लगेगा अगर मेरा साथी मेरे लिए यह कर पाए ना कि मुझे यह महसूस करवाए कि वो सिर्फ़ मेरे चुप रहने का इंतज़ार कर रहा है जिससे कि अपनी प्रतिक्रिया दे सकेI किसी भी सफ़ल रिश्ते के लिए ज़रूरी है कि आप दोनों एक दूसरे की बात सुन सकें और अपनी कह सकेंI इसका मतलब है कि आप दोनों लगातार एक दूसरे से जुड़े हुए हैंI इससे रिश्ते में ग़लतफ़हमी होने की संभावना कम रहती है और मनमुटाव भी नहीं होताI
साक्षी शाह, 24, (अभी-अभी मंगनी हुई है), इंटीरियर डिज़ाइनर, मुंबई
ईमानदारी
मैं अपने साथी से सच्चाई की अपेक्षा करती हूँI इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें मुझे सब कुछ बता देना चाहिए। उदाहरण के लिए: मैं यह जानना चाहूंगी कि उन्हें पहले कभी कोई यौन संचारित रोग तो नहीं हुआ, ना कि यह कि अपने पूर्व प्रेमी के साथ उन्हें कौनसी सेक्स मुद्रा पसंद थीI मुझसे चीजों को छुपाने से रिश्ते में ही खटास बढ़ेगीI आप अपने विवेक से काम लें और खुद ही यह निर्णय लें कि क्या बताना ज़रूरी है और क्या नहीं, क्यूंकि मैं भी यही करती हूँI ईमानदार होना तब और भी ज़्यादा महत्त्वपूर्ण जब आप शादी करने वाले हैं - आपको पता होना चाहिए कि आप किसके साथ सम्बन्ध जोड़ने जा रहे हैं!
केंडेस डिसूज़ा, 27, गृहणी, गोवा
संकेतों पर ध्यान दें
मैं आम तौर पर एक शर्मीला व्यक्ति हूँ और अकसर अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं होते हैं। इसकी भरपाई मैं अपने हावभाव से पूरी कर लेता हूँI मुझे लगता है कि हाव भाव की भाषा अपने विचारों और भावनाओं को दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाने का एक अच्छा तरीका है। तो अच्छा होगा कि मेरा साथी कोई ऐसा व्यक्ति हो जो ना सिर्फ़ मेरे संकेत पढ़ सकें बल्कि अपने विचार भी खुल कर व्यक्त कर सकें, खासकर शारीरिक रूप सेI शारीरिक रूप से मेरा मतलब सेक्स नहीं है। मतलब यह कि बोलते हुए मेरी आँखों में आँखें डालकर बातें करें, जब हम बाहर घूमने जाए तो कभी-कभी मेरा हाथ पकड़ ले, वगैरह वगैरहI बेशक, यह दूसरे व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वो पीडीए (सार्वजनिक स्थान में स्नेह प्रकट करना) के साथ कितना सहज है।
मिल्टन सेक्वेरा, 40, तलाकशुदा, कॉर्पोरेट जगत में कार्यरत, मुंबई
मुझे समझे
मेरा मानना है कि संबंधों में अंतरंगता बहुत कुछ, इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप एक-दूसरे के लिए कितने संवेदनशील हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि अगर मैं निराश हूँ, तो मैं चाहता हूं कि वह भी निराश हो। बल्कि, मैं उम्मीद करता हूं कि वह मेरी बात सचमुच सुनें और समझें कि मैं क्या महसूस कर रहा हूं, मेरी भावनाओं को खारिज किए बिना। सहानुभूति होने का मतलब है कि आप अपने साथी की आंतरिक भावनाओं को समझ सकते हैंI
रेखा कादंबरी, 25, सिंगल, मनोविज्ञान की छात्रा, मुंबई
*अनुरोध पर नाम बदल दिए गए हैं
लव मैटर्स इंडिया अपने पाठकों को विश्व यौन स्वास्थ्य दिवस की बेहद मुबारकबाद देता है! इस साल के डब्ल्यूएसएचडी (4 सितंबर) के लिए मुख्य मुद्दा भी प्यार, संबंध और अंतरंगता है।
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