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‘हमारे पास भागने के अलावा कोई चारा नहीं है’

Submitted by Mohit Dudeja on मंगल, 06/08/2021 - 01:34 बजे
रोहित और अंकुर एक दूसरे से प्यार करते हैं। लेकिन दूसरे कपल्स की तरह वो अपने फ्यूचर की प्लानिंग नहीं कर रहे हैं। उल्टा, वो दोनों छिपकर रह रहे हैं और भागने की प्लानिंग कर रहे हैं। रोहित ने लव मैटर्स इंडिया से अपनी कहानी शेयर की और बताया की एक समलैंगिक कपल के लिए लाइफ कितनी मुश्किल है।

24 वर्षीय रोहित एक छात्र है 

वो सुनहरा दौर 

मैं और अंकुर बैंगलोर में जिस तरह का जीवन जी रहे थे, कई समलैंगिक कपल वैसा जीवन जीने का बस सपना देखते हैं। हमारे सभी दोस्त और सहकर्मी हमारे बारे में जानते थे। हम कपल की तरह कई कार्यक्रमों में शामिल हो चुके थे। हम दोनों साथ में एक म्यूजिक वीडियो भी किया और हमारा एक इंस्टाग्राम अकाउंट भी था। हमारी छोटी सी दुनिया बहुत खूबसूरत थी। लेकिन जब हम मार्च 2020 में दिल्ली आए तो हमारे जीवन का यह सुनहरा दौर एक दम से खत्म हो गया।

अंकुर और मैं एक दूसरे को लंबे समय से जानते हैं। मेरा परिवार भी उसके बारे में जानता है। हालांकि अंकुर ने अपने मम्मी-पापा को मेरे बारे में नहीं बताया था। कई महीनों तक अपने रिलेशनशिप के बारे में बताने के फायदे और नुकसान के बारे में सोचने के बाद उसने तय किया कि मैं उत्तर प्रदेश के कसबे में रहने वाले उसके दादा-दादी से मिलने एक ट्रिप पर जाऊं। यह मुझे उनसे मिलवाने का अच्छा तरीका होगा।

वह वे मुझे उसके दोस्त के रूप में इंट्रोड्यूस चाहता था, ताकि जब हम एक कपल के रूप में उनके सामने आये तो उन्हें अचानक झटका ना लगे। उसके दादा-दादी के घर में सब कुछ ठीक रहा। लेकिन हमें इस पल की खुशी मनाने का मौका नहीं मिला। 

सोशल मीडिया से निकली बात 

दिल्ली वापस जाते समय अंकुर के पापा ने उसे फोन किया। उसने फोन उठाया और फिर मैंने जो सुना उससे मुझे बहुत धक्का लगा।

अंकुर के पापा उसे गालियां दे रहे थे और बहुत गुस्से में थे। 'मुझे बताओ कि तुम दोनों मिलकर बच्चे कैसे पैदा करोगे और दूध कौन पिलाएगा?’ अंकुर ने गुस्से में फोन काट दिया और हम घर लौट आए। हालांकि, हम उनकी बातों को अपने दिमाग से नहीं निकाल सके। और फिर वह रोज उसे फोन करने लगे।

अंकुर के पापा हर दिन उसे बेइज्जत करने लगे, उधर उसके दादा ने हमें बताया कि अंकुर के कजिन को हमारे कुछ यूट्यूब वीडियो मिले थे, जिसमें हमने बताया था कि हम कपल हैं और साथ रहते हैं। वीडियो उसके गांव में जंगल की आग की तरह फैल गया और अंकुर के कजिन सहित पूरा परिवार उसके दादा-दादी के घर पहुंच गया।

मैंने सभी वीडियो यूट्यूब से हटा दिए लेकिन अब इसका कोई फायदा नहीं था। जो होना था, हो चुका था। एक वीडियो में हमने बताया था कि हम एक बच्चा गोद लेना चाहते हैं। अंकुर के पापा की वो फ़ोन पर गाली अब मुझे समझ आ रही थी।

अंकुर के चचेरे भाई उसके मम्मी-पापा को उकसाते रहते। 'अगर वह लड़के को किस करता रहा, तो कोई लड़की कभी उससे शादी नहीं करेगी।' ऐसे ताने सुनना उनकी रोज़ की आदत बन गयी।

इमोशनल ब्लैकमेल

उसके पापा को अब अपनी इज़्ज़त की चिंता बढ़ रही थी और वे उसे और गालियां देने लगे। 'तुमने हमारे परिवार के साथ ऐसा क्यों किया? तुम्हारी वजह से लोग मुझ पर हंस रहे हैं। मैं अपने घर से बाहर कदम नहीं रख पा रहा हूं। गांव वाले मुझे 'हिजड़े का पापा' कहने लगे हैं’, वह चिल्लाते हुए कहते।

अंकुर ने झल्लाकर जवाब दिया, 'उनसे कह दो मैं आपका बेटा नहीं हूं!'

एक दिन उसके पापा फोन पर रोने लगे। 'मैं तुम्हें देखना चाहता हूं अंकुर। यदि तुम मुझे देखने नहीं आओगे तो मैं मर जाऊंगा। मैं जहर पी लूंगा और यह लिखकर मरूंगा कि तुम मेरी मौत के लिए जिम्मेदार हो।’

अगली बार फोन पर उसके पापा ने गांव नहीं लौटने पर उसे जान से मारने की धमकी दी।

अंकुर फूट-फूट कर रोने लगा और फिर उसने अपने दादा से बात की। उन्होंने उसे किसी भी हालत में गांव न आने के लिए कहा। 'हम सब तुम्हारे साथ हैं। हम उसे तुम्हें मारने नहीं देंगे। तुम्हें आने की जरूरत नहीं है। अब तुम रोना बंद करो। निडर  बनो', उसके दादा ने सलाह दी।

अंकुर हमेशा से ही अपने दादा-दादी के करीब रहा है, लेकिन इस समय उसके दादा की सांत्वना भरी बातें का उस पर कोई असर नहीं हो रहा था। वह अंदर से बहुत डरा हुआ और उदास था।

शादी या इलाज

इस बीच, अंकुर की मां ने हमें फोन किया और इंस्टाग्राम की कुछ फोटो  के बारे में पूछा जो उसके एक कजिन ने उन्हें दिखाई थीं। अंकुर की मां अब तक उसके साथ थीं क्योंकि वह मानती थी कि हम सिर्फ दोस्त हैं। हमने उन्हें आश्वासन दिया था कि हम कपल नहीं हैं, लेकिन अब शायद वो भी हम पर शक करने लगी थीं।

'अगर तुम समलैंगिक हो, तो भी हमें किसी लड़की से तुम्हारी शादी करवाने दो और तुम्हारा इलाज भी। तुम समलैंगिक हो इसका मतलब यह तो नहीं है कि तुम किसी लड़की से शादी नहीं करोगे?' उन्होंने उससे कहा। 

अंकुर को समझ नहीं आ रहा था कि वह अपनी मां को कैसे समझाए। फिर मां ने अंकुर को बताया कि उसके पापा दिल्ली आ रहे हैं और उन्होंने हमारा पता पूछा। लेकिन हमने उन्हें अपना पता नहीं बताया।

जिस दिन अंकुर के पापा आने वाले थे, उसकी मां ने फिर फोन किया। हमें लगा कि वह हमारे पते के लिए हमें फिर से परेशान करेंगी। लेकिन, हमें ताज्जुब हुआ उन्होंने हमें आगाह किया और कहा कि हम कोई भी फोन न उठाएं।

उन्होंने कहा, 'सतीश और तुम्हारे पिता दिल्ली गए हैं और मुझे शक है कि वो लोग तुम्हें और रोहित को नुकसान पहुंचाएंगे। वे मयूर विहार में रुके हुए हैं। सावधान रहना।’

अंकुर ने अपने पापा का नंबर ब्लॉक कर दिया लेकिन उसके पापा दिन भर अलग-अलग नंबरों से कॉल करते रहे।

लॉकडाउन की मार 

हम दोनों बेहद डरे हुए थे और हमें लगातार गांव के लोगों और अंकुर के परिवार के सदस्यों से धमकियां मिल रही थीं। फिर मैंने मदद के लिए हमसफर ट्रस्ट के अपने एक दोस्त से संपर्क किया। उसने मुझे एक वकील के संपर्क में रखा, जिससे हम व्यक्तिगत रूप से कोरोना महामारी के कारण नहीं मिल सके। हमने उन्हें फोन पर पूरी स्थिति बता दी लेकिन उन्होंने जो समाधान बताया, वह संभव नहीं था।

पिछले कुछ महीनों से हमें बहुत परेशान है और इससे बचने का एकमात्र तरीका देश छोड़ना है। हम जानते हैं कि यह आसान नहीं है लेकिन हम इस जहरीले माहौल से बचने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। हमने कुछ ऐसे संगठनों से संपर्क किया जो अन्य देशों में लोगों को LGBTQ+ आश्रय में सुरक्षित शरण में मदद करते हैं। हालांकि, वे महामारी के कारण हमारी मदद नहीं कर पाए हैं और उन्होंने हमें कोविड संकट खत्म होने तक इंतजार करने के लिए कहा है।

हमने दिल्ली छोड़ दिया और जब तक महामारी खत्म नहीं हो जाती तब तक सावधानी से रह रहे हैं। इसके बाद हम इस देश छोड़ने की हर संभव कोशिश करेंगे। कानून ने भले ही हमारे रिश्ते को वैध कर दिया हो लेकिन समलैंगिक कपल्स की आज़ादी से जीने की लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। तब तक हमारे पास भागने के अलावा कोई चारा नहीं है।

यूँ तो 2018 में समलैंगिक संबंधों को भारत में वैध करार दिया गया, भारत के LGBTQIA + समुदाय की मुश्किलें पूरी तरह से ख़त्म नहीं हुई हैं। अभी बहुत से मुद्दे हैं जहां उन्हें विषमलैंगिक और सिजेंडर लोगों के मुकाबले आये दिन भेद-भाव और मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं। उनके लिए लड़ाई अभी जारी है। भारत के LGBTQIA + समुदाय को अब भी विवाह, गोद लेने, बीमा, विरासत, सामाजिक स्वीकृति के साथ-साथ आजीविका जैसे मुद्दों पर समान अधिकारों के लिए संघर्ष करना पडता है। अंतर्राष्ट्रीय  प्राइड मंथ 2021 को चिह्नित करने के लिए और उनके इस संघर्ष को उजागर करने के लिए, लव मैटर्स इंडिया जून में  कहानियों की एक श्रृंखला प्रकाशित करेगा। पढ़ें और अपने कमैंट्स ज़रूर शेयर करें - #JungJaariHai

पहचान की रक्षा के लिए, तस्वीर में व्यक्ति एक मॉडल है और नाम बदल दिए गए हैं।

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लेखक के बारे में: मोहित एक शोधकर्ता हैं जो जेंडर, सेक्सुअलिटी ,शिक्षा और प्रेम के बारे में लिखते हैं। आप उन्हे इंस्टाग्राम पर संपर्क कर सकते हैं।