लेकिन अगर आप शहरों और कस्बों की गलियों में रात को घूमे तो आपको रात में काम करने वाले बहुत सारे लोग मिलेंगे। इस बार की पांच मुख्या तथ्य श्रंखला में हम बात करेंगे खरीदे हुए सेक्स के बारे में।
खरीदा हुआ सेक्स आखिर है क्या और कैसे होता है?
खरीदा हुआ सेक्स, या वैश्यावृति का मतलब है किसी के साथ सेक्स करने के लिए उसे पेमेंट देना। ये पेमेंट केश यानी रूपए भी हो सकता है, लेकिन यह तोहफे और किसी और ज़रूरत को पूरा करके भी हो सकता है। जिस व्यक्ति को सेक्स देने के बदले पेमेंट (पैसे) मिलते हैं उसे सेक्स वर्कर (सेक्स का धंदा करने वाली / वाला) कहा जाता है और अक्सर इन्हें और अप्रतिष्ठित नामों से बुलाया जाता है। सेक्स वर्कर्स महिला और पुरुष दोनों हो सकते हैं। पुरुष सेक्स वर्कर अपनी सेवाएं दुसरे पुरुषों को भी देते हैं। अगर वो खुद समलैंगिक नहीं हैं, तो इसको कई बार कहा जाता है 'गे टू पे'।
सेक्स वर्कर सेक्स बहुत सारे करों की वजह से सेक्स बैचते हैं, और कई बार यह कारण गरीबी होता है। इस तरह के सेक्स को 'जीवित रहने के लिए सेक्स' कहा जाता है। कुछ सेक्स वर्कर के लिए, सेक्स बेचना खुद उनकी मर्ज़ी होती है - हालाँकि उन्हें ये लगता है की हालातों के चलते उनके पास कोई और विकल्प है ही नहीं। लेकिन काफी सेक्स वर्कर्स को दलालों द्वारा मानव व्यापर के ज़रिये इस धंदे में ज़बरदस्ती दाल जाता है। यह काम इन लोगों से ज़बरदस्ती, डरा-धमका कर कराया जाता है और उनसे इस काम के बदले पैसे भी नहीं दिए जाते। खरीद कर सेक्स करने के लिए बहुत साडी जगह हैं। कुछ सेक्स वर्कर्स अपनी सेवाएं कोठों पर देते हैं, कुछ सड़कों पर और कुछ घरों और होटलों में।
कंडोम इस्तेमाल क्यूंकि सेक्स वर्कर्स का शारीरिक मेल बहुत सारे अलग-अलग लोगों से होता है, तो उनको सेक्स संक्रमित रोग होने की संभावना भी ज्यादा होती है। ज़ाहिर सी बात हैं अगर आप उनकी सेवाएं लेते हैं और कंडोम का इस्तेमाल नहीं करते, तो आपको भी उनसे यह सेक्स संक्रमित रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए कंडोम का इस्तेमाल सेक्स व्यापार में बहुत ज़रूरी है। एशिया में, एड्स कमीशन, एशिया के अनुसार, क्यूंकि पुरुष सबसे ज्यादा सेक्स खरीदते है इसलिए यह एक बहुत ज़रूरी कारण है एचआईवी फेलने का। भारत में, औसत रूप से 5 प्रतिशत सेक्स वर्कर एचआईवी पॉजिटिव हैं। और कुछ इलाकों में तो यह 18 प्रतिशत से भी ज्यादा है जैसे की महाराष्ट्र और मणिपुर में 13 प्रतिशत। तो याद रखिये, अगर आप सेक्स वर्कर की सेवाएं लेते हैं तो कंडोम का इस्तेमाल ज़रूर कीजिये।
खरीदा हुआ सेक्स और कानून खरीद कर सेक्स करना सही है या नहीं यह आपकी नीजी सोच और विश्वासों पर निर्भर करता है।लेकिन आप जहाँ रहते हैं, वह पर सेक्स खरीदना कानूनी तौर पर सही या गलत भी हो सकता है। कुछ देशों में, जैसे की रूस और चाइना में, वैश्यावृति कानूनन जुर्म है लेकिन कुछ और देशों में जैसे की नेथेरलैंड में यह जुर्म नहीं माना जाता और एक व्यवसाय की तरह नियमानुसार चलाया भी जाता है। भारत में, वैश्यावृति कानूनन जुर्म नहीं है, लेकिन इसे नियमानुसार नहीं चलाया जाता है। नियम तो थोड़े बहुत हैं जिसे की: कोठा चलाना जुर्म है और दलाली भी। भारत में, सेक्स सेवाओं के विज्ञापन देना भी कानूनन जुर्म है। किसी के साथ उनकी मर्ज़ी के बगैर सेक्स करना बलात्कार होता है, जो की कानूनन जुर्म है। और यह तब भी माना जायेगा जब की आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ खरीद कर सेक्स कर रहे हैं जिससे जबरन सेक्स का काम कराया जा रहा है।
सेक्स आंकडेभारत में, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2007 में करीब 3 मिलियन सेक्स वर्कर थे। लेकिन' ह्यूमन राइट्स वाच' संसथान के अनुसार भारत में उस वर्ष 20 मिलियन सेक्स वर्कर थे। मुंबई को सेक्स वोर्केरों की राजधानी माना जाता है, जहाँ करीब 2 लाख से भी ज्यादा वैश्या शहर भर में काम करती हैं। ये पता लगा पाना की कितने लोग सेक्स खरीद रहे हैं बहुत मुश्किल है। करीबन 8 से 80 प्रतिशत पुरुष कम से कम एक बार सेक्स ज़रूर खरीदते हैं - लेकिन सेक्स रिसर्च से भी यह पूरी तरह से पता लगाना बहुत मुश्किल है की कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ। देशों की बात करें तो, कंबोडिया वो देश है जहाँ सबसे ज्यादा पुरुष सेक्स खरीदते हैं, और करीब 59 से 80 प्रतिशत पुरुषों ने कम से कम एक बार सेक्स ज़रूर खरीदा है।
सेक्स खरीद - एक अलग तरह से भीखरीदा हुआ सेक्स कई बार बहुत अच्छे काम भी आ सकता है: ऐसे कई वेश्याएं हैं जो की उन लोगों को सेवैयें देती हैं जो ज्यादा उम्र के होते हैं या जिन्हें किसी तरह की विकलांगता होती है, ताकि वो भी कामुक आनंद ले सके। कुछ सालों एफ्ले नेथेरलैंड में इस बात को लेकर काफी बहस चली थी की क्या शारीरिक सेवाओ को भी मरीजों के लिए हॉस्पिटल और घर देखबाल का हिस्सा बनाना चाहिए - अभी तक, इस मुद्दे को लेकर कोई नतीजे पर नहीं पंहुचा गया है। सेक्स पर्यटन, आकर्षित करता है पर्यटकों को, जो की अधिकतर पश्चिमी देशों के होते हैं।
ये एक बहुत बड़ा व्यवसाय है, और जब तक की इससे जुडे लोग इसमें अपनी मर्ज़ी से भाग ले रहे हैं और 18 साल से ऊपर की उम्र के हैं और ऐसी जगह ये सेवाएं ले और दे रहे हैं जहाँ यह कानूनी तौर पर इसकी स्वीकृति है, तब तक यह ठीक है। लेकिन सच यह भी हैं की सेक्स पर्यटन में मानव व्यापर से पीड़ित बहुत सारी महिलाओं और बच्चों को जबरन इस सेक्स व्यापर में धकेला जाता है। और आपको बता दें की सिर्फ मनुष्य ही नहीं जो सेक्स व्यापर का हिस्सा हैं - लेकिन कुछ पेंगविन और बन्दर की प्रजाति भी हैं जो किसी उपकार के चलते सेक्स लेते और देते हैं!