- सबसे पहले यह जान लें कि इसमें आपकी कोई ग़लती नहीं है कि आपको अपने पार्टनर के हाथों ब्लैकमेल होना पड़े। आपने उसके साथ रिश्ते में रहकर कुछ ग़लत नहीं किया है और आपका पार्टनर ब्लैकमेल करने की इस प्रवृत्ति के लिए ख़ुद जिम्मेदार है।
- ब्लैकमेल किये जाने की स्थिति में आप कई चीजें कर सकते हैं जैसे कि पार्टनर को उसकी इस हरकत पर शर्मिंदा करें...डांटें या किसी के दोस्त के पास चले जाएं या फिर किसी भरोसेमंद व्यक्ति से सलाह लें कि इस हालत में क्या करना चाहिए।
- ऐसी स्थितियों में जहां तक संभव हो, ब्लैकमेल करने वाले पार्टनर से दूरी बनाएं और उससे हर तरह का संपर्क तोड़ लें। यह इससे निपटने का सबसे बेहतर तरीका हैI हालांकि, हर स्थिति में ऐसा करना संभव नहीं है क्योंकि कई मामलों में दोनों पार्टनर भावनात्मक रुप से एक दूसरे से जुड़े होते हैं।
- अगर आपको समझ में नहीं आ रहा हो कि ब्लैकमेलिंग का सामना कैसे करें तो आप अपने विश्वासपात्र सहकर्मी, रिश्तेदार, दोस्त और यहां तक कि थेरेपिस्ट और एक पेशेवर सलाहकार (जहां आपको फीस देनी पड़ सकती है) की मदद ले सकते हैं।
- आप जो भी कदम उठाने जा रहे हैं उसके बारे में डरने और बहुत सोचने की ज़रूरत नहीं है। भारत में ब्लैकमेलिंग एक अपराध है और आवश्यकता पड़ने पर आपको कानूनी मदद लेनी चाहिए। यदि आप एक पुरुष हैं, तो मदद लेने के लिए पुलिस को 100 पर कॉल करें। यदि आप एक महिला हैं, तो आप महिला हेल्पलाइन नंबर - 1091 पर कॉल कर सकती हैं, ताकि वे भी ब्लैकमेल करने वाले व्यक्ति के ख़िलाफ़ कार्रवाई शुरू कर सकें।
- अगर भावनात्मक या आर्थिक कठिनाई के बावज़ूद आप अपने पार्टनर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उस दिशा में कानूनी हस्तक्षेप चाहती हैं तो आपको अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर उसके ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज़ कराना चाहिए।
- भारत की कानूनी प्रणाली में ऐसे प्रावधान हैं जो ब्लैकमेल के विभिन्न रूपों के लिए एक ब्लैकमेलिंग पार्टनर के ख़िलाफ़ मुकदमा चलाने के लिए लागू किये जा सकते हैंI इनमें से कुछ धाराएँ आपराधिक धमकी (धारा 503 और 506), धमकी देना (धारा 386), और आईटी अधिनियम की संबंधित धाराएँ निजता के उल्लंघन (धारा 66 ई) से संबंधित हैं।
- यदि आप नाबालिग हैं तो द प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट, 2012 के प्रावधान के तहत भी आपको सहायता मिलेगी।
- अगर पुलिस अधिकारी आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज़ नहीं करता है तो आप एसएसपी / जिले के पुलिस कमिश्नर को मामला दर्ज़ करने के लिए एक आवेदन लिख सकते हैं। यदि वह उचित कार्रवाई नहीं करता है तो आप किसी वकील की मदद से न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पहुंच सकते हैं।
- कभी भी मामलों को अपने हाथ में ना लें। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितना नाराज, परेशान और निराश हैं - बदला लेने के लिए अपने दम पर व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश ना करें। ब्लैकमेलर को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करके आप अपने आप को आपराधिक गतिविधि में शामिल कर सकते हैं और इससे आपको न्याय मिलने की संभावना कम हो जाएंगी।
याद रखें, आप ब्लैकमेलर की धमकियों से जब तक डरेंगे वह तब तक आपको डराता रहेगा। इसलिए डर से बाहर निकलकर किसी विश्वसनीय व्यक्ति से सब कुछ साझा करने के रास्ते खोजें। इससे आपको ब्लैकमेलर का सामना करने में काफ़ी हद तक मदद मिलेगी।
उदाहरण के लिए, यदि आपका पार्टनर आपकी तस्वीरें लीक करने की धमकी देता है तो हिम्मत रखें और अपने किसी दोस्त, काउंसलर या पुलिस से संपर्क करें। एक बार जब कोई तीसरा पक्ष इस मामले में शामिल हो जाता है तो उसके बाद आपके पार्टनर द्वारा आपकी तस्वीरों को लीक करने की संभावना बहुत कम हो जाती है क्योंकि उसे तुरंत एक आपराधिक गतिविधि के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। इस प्रकार आपके लिए सबसे बड़ी चुनौती अपने अंदर के डर से लड़ना है, वास्तव में यह वही डर है जिसके कारण आप ऐसी प्रतिकूल स्थिति को नियंत्रित नहीं कर पाती हैं और पार्टनर द्वारा बार-बार ब्लैकमेल होते हैं।
*गोपनीयता बनाये रखने के लिए नाम बदल दिए गये हैं और तस्वीर में मॉडल का इस्तेमाल किया गया है।
क्या आप भी ब्लेकमेलिंग के शिकार हुए हैं? उससे निपटने के लिए आपने क्या कदम उठाये? हमारे फेसबुक पेज पर लव मैटर्स (एलएम) के साथ उसे साझा करें या हमारे चर्चा मंच पर एलएम विशेषज्ञों से पूछें।