आंटी जी कहती हैं, 'दिबाकर पुत्तर, तुम अपने ख्यालो को कैद नहीं कर सकते, लेकिन उनके बारें में तुम क्या करते हो और क्या नहीं, यह तो तुम्हारे हाथ में है ना? चलो दोनों के बारे में बात करते हैं!'
अब तक स्वस्थ
पुत्तर, बहुत अच्छा लगा जान कर की तुम एक 'संतुष्ट' शारीरिक सम्बन्ध में हो अपने साथी के साथ। ये पहला कदम है अच्छे कामुक स्वस्थ्य के लिए। मैं अंदाजा लगा सकती हूँ की वो भी वैसा ही महसूस करती होगी। अगर हाँ, तो यह दूसरा इशारा है एक अच्छे स्वस्थ्य शारीरक सम्बन्ध का।
लेकिन तीसरा और सबसे ज़रूरी पॉइंट हैं की क्या तुम दोनों एक दूसरे की संतुष्टि और आनंद का ख्याल रख रहे हो?। तुम्हे पता है ना की अगर तुम और तुम्हारा पार्टनर सेक्स में खुश, तो इसकी ख़ुशी तुम्हारे बाकी जीवन में भी दिखेगी।
कल्पनाएँ नार्मल हैं
अब तुम्हारी कल्पनाओं पर आते हैं। कल्पनाएँ अच्छी होती हैं। सिर्फ अच्छी ही नहीं, वे मज़ेदार भी होती हैं हैं। यह रिश्तों को ताजा रखने में हमारी मदद भी करती हैं। और जैसा कि तुम्हारे अंकल जी कहते हैं, यह रिश्तों में मस्ती का तड़का लगाने का सबसे स्वास्थ्यप्रद तरीका है। जो कोई भी यह कहता है कि उसने कभी ऐसा नहीं किया है, वह निरा झूठ बोल रहा है।
किसी के बारे में कल्पना करना कोई बुरी बात नहीं है। कल्पनाएँ या फैंटसीज भी विभिन्न भूमिकाएँ अदा करती हैं। कुछ लोग उत्तेजित महसूस करने के लिए कल्पना करते हैं, सेक्स के लिए प्रेरित महसूस करते हैं और कुछ कल्पनाओं में लिप्त होते हैं क्योंकि इससे उन्हें सेक्स के दौरान कामोन्माद (ओर्गास्म्स) प्राप्त करने में मदद मिलती है।
हमारे मन में आने वाले विचारों और कल्पनाओं पर हमारा नियंत्रण नहीं है। लेकिन यहाँ जो महत्वपूर्ण है वह है - क्या हम उन पर कार्रवाई करते हैं?
हाँ या ना?
तो तुमने एक या दो बार किसी और के बारे में सोचा हैं? शायद ज्यादा बार भी? किसी और तरह की कल्पनाएँ या फैंटसीज भी तुम्हारे मन में आयी हो?
लेकिन अभी ऐसा लगता है कि तुम सिर्फ ऐसी कल्पना कर रहे हो और कम से कम अब तक तो उसके बारे में तुमने कुछ किया नहीं है। है ना? यदि तुम अब उन कल्पनाओं को हकीकत में बदलना चाहो तो तुमको इस पर विचार करने की आवश्यकता है।
पहली बात, यदि तो तुम अपनी कुछ कल्पनाओं को अपने साथी के साथ आज़माना चाहते हो, तो तुमको उसकी इच्छा और सहमति चाहिए। उसके लिए तुम्हे उससे बात करनी होगी और देखना होगा कि क्या वह तुम्हारी कल्पनाओ को उतना ही पसंद करती हैं जितना तुम और उस पर कुछ एक्शन करना चाहती है या नहीं?
यदि वह नहीं तैयार है तो तुम को अपनी कल्पना या फैंटसी को एक फैंटसी ही बने रहना देना चाहिए। तुमको अपने साथी को किसी भी चीज के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए। अगर वह हिचकिचाती है या नहीं कहती है, तो इसका मतलब है कुछ मत करो।
अब, यदि तुम अन्य महिलाओं के साथ अपनी कल्पनाओं को आज़माना चाहते हैं, जो तुम्हारे साथ रिश्ते में नहीं हैं और उनकी सहमति नहीं है, तो यह सिर्फ उत्पीड़न होगा। गलत होगा।
और मान लो, की कोई अन्य महिला तुम्हारी फैंटसीज को तुम्हारे साथ अंजाम देने के लिए तैयार हैं, तो उस सिचुएशन में तुम्हारे कमिटमेंट का क्या? क्या तुम्हारी पार्टनर को यह मंजूर होगा की तुम किसी और के साथ अपनी कल्पनाएँ या फैंटसीज को सच करो?
तो इस पर विचार करने के लिए बहुत कुछ है और इस का कोई आसान या सीधा उत्तर नहीं हैं।
इसलिए यदि आप मुझसे पूछें, तो स्थिति यह है - कल्पनाएँ आमतौर पर कल्पनाओं के रूप में ही अच्छी लगती हैं।
पहचान की रक्षा के लिए, तस्वीर में व्यक्ति एक मॉडल है और नाम बदल दिए गए हैं।
यह लेख पहली बार 20 मार्च, 2012 को प्रकाशित हुआ था।
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