‘अब जब मैं मंदिर जाता हूँ तो भगवान से अपने आप को ‘नॉर्मल’ बनाने की प्रार्थना नहीं करता, क्योंकि मुझे पता चल चूका है की मैं ‘नॉर्मल’ हूँ, और लोगों की सोच गलत है,’ अंश ने गैलक्सी वेबसाइट से कहा। आइये उसकी कहानी पढ़ते हैं।
‘वह तो टॉमबॉय है। हमेशा लड़कों के जैसे कपड़े पहनती है।’
‘लंबे बाल, नेल पेंट और नोज रिंग - क्या लड़के भी पहनते हैं?’
एक जेंडर के लोग दूसरे जेंडर के कपड़े क्यों पहनते हैं, यह जानते हुए भी कि समाज की दृष्टि से यह उनके जेंडर के लिए फिट नहीं है। इसे क्रॉसड्रेसिंग कहते हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं:
जबसे निशा ने प्रिया के को किस किया था वह उसके ज़ेहन से जा ही नहीं रही थी और वो अब उसके ख्यालों में हर वक़्त थी। क्या उसे अपने पति विक्रम को इस बारे में बता देना चाहिए?
बचपन से ही करण को अपना दोस्त इतना अच्छा लगता था कि उसे कभी भी इस बात का अहसास ही नहीं हुआ कि कब उसकी चाहत प्यार में बदल गई। लेकिन उसके दोस्त को एक लड़की से प्यार हो गया। तब कारन ने क्या किया। जानने के लिए कहानी पढ़ें।
जब पार्थ ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए अपना घर छोड़ा, तो वह इस बात को लेकर आशंकित था कि उसका रूममेट हॉस्टल में कौन होगा। उनके पिता ने उन्हें आश्वस्त किया कि रूममेट कपल की तरह हैं। जब वह सचमुच किसी स्थिति में फंस जाता है तो क्या होता है?
अपने लिए एक साथी चुनकर उसके प्यार में पड़ना एक अनोखा अनुभव है। लेकिन यह सारा के लिए आसान ना था, वजह थी उसकी शारीरिक अक्षमता? उसने लव मैटर्स से अपना अनुभव साझा कर कुछ डेटिंग टिप्स बताए जो सबके काम के हैं।
लव मैटर्स ने 5 LGTB से उनके अनुभवों के बारे में पूछाI उन्होंने हमें नफरत, हिंसा, तिरस्कार और यहाँ तक कि हत्या के प्रयास की दिल दहला देने वाली आपबीतियां सुनायींI
यूँ तो 2018 में समलैंगिक संबंधों को भारत में वैध करार दिया गया, भारत के LGBTQIA + समुदाय की मुश्किलें पूरी तरह से ख़त्म नहीं हुई हैं। अभी बहुत से मुद्दे हैं जहां उन्हें विषमलैंगिक लोगों के मुकाबले आये दिन भेद-भाव और मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं। क़ानूनन शादी न कर पाने से लेकर किराये पर घर लेने तक, हर बात के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती हैं। आइए जानते हैं 2018 की उस बड़ी जीत के बाद भारत के LGBTQIA + समुदाय को अब भी किन मुद्दों पर पूर्ण अधिकार या आज़ादी नहीं हैं।