यह लेख होमोफोबिया और ट्रांस्फोबिया के खिलाफ़ अंतर्राष्ट्रीय दिवस को मनाने के लिए चलाये जा रहे हमारे अभियान #love4all का हिस्सा हैI
आंटी जी कहती हैं...ओए मेरी कुड़िये...मैं तेरा डर समझ सकती हूँ...उम्मीद करती हूँ कि तेरे परिवार वाले भी तेरी बात समझेंगे..चल कुछ प्लान करते हैं, पुत्तर!
हर बार, पहली बार
बेटा जी, समलैंगिक होना कोई पाप नहीं हैI लेकिन दूसरों को बताने से पहले आपको अपने आप से तो प्यार करना पड़ेगा ना, है ना? जब कोई चोरी ही नहीं की तो डर कैसा? कुड़िये यह समझ लेना कि जब भी तू किसी को बताएगी तो उस व्यक्ति के लिए तो पहली बार ही होगाI और तेरे लिए यह सच बताने का अनुभव हर व्यक्ति के साथ अलग होगाI
हो सकता है कि कुछ लोग तेरी बात समझे, या शायद उन्हें पहले से अंदेशा होI कुछ ऐसे जाहिल भी होंगे भी होंगे जो तेरे साथ बदतमीज़ी करेंगेI लोगों की प्रतिक्रियाओं में यह अंतर उनकी ठोस धार्मिक धारणा, समाज से निष्कासन का डर और जानकारी की कमी की वजह से होता हैI इसलिए किसी को भी बताने से पहले तुझे लोगों का मूड समझना होगा और उनकी प्रतिक्रियाओं का पूर्वानुमान लगा कर ही अपनी बात कहनी होगीI
सही उम्मीदवार
थोड़ा और विश्लेषण करते हैंI तो सबसे पहले तू किसको बताना चाहती है? माँ? पिताजी? या अपनी सबसे अच्छी दोस्त को? यह याद रखना कि पहला अनुभव ही तुझे बताएगा कि अगली बार कैसे अपनी बात कहनी हैI वैसे तो उन्हें शायद पहले से आभास होI तू ऐसा कुछ क्यों नहीं करती कि तुझे पता चल सके कि पानी कितना गहरा है? जैसे खाना खाते-खाते बोल दिया, "माँ मेरे ऑफिस में एक लड़की है जो समलैंगिक है" या "पापा, आपको पता है शर्मा अंकल का बेटा LGBT सक्रियतावादी है और एक सम्मलेन में हिस्सा लेने एम्स्टर्डम जा रहा हैI"
एक विकल्प यह भी है कि बेधड़क होकर अपनी बात रख दे, "प्यार और आकर्षण किसी भी लिंग वाले और किसी भी नाम-पते वाले के साथ हो सकता हैI हो सकता है कि पुरुष के साथ हो या किसी महिला के साथ या फ़िर किसी और रूप में होI हमें तो जो भी पैकेज हाथ में आये उसे खोलना होता है बस"I
अच्छा, बुरा और बदसूरत
बेटाजान सबसे पहले तो हर तरह की प्रतिक्रिया के लिए अपनी कमर कस लोI हो सकता है कि जिसे तू सबसे पहले बताने की सोचे उसी की प्रतिक्रिया देखकर तेरा दिल बैठ जाएI वो बुरा मान जाये, तुझ पर चिल्ला दे या बदतमीज़ी करेंI यह भी हो सकता है कि उसे समलैंगिकों से ही नफरत होI तब क्या करेगी? अभी से सोच लेI
सच कहूं तो अगर कोई ऐसा करे तो उसे मरने दे, मेरा मतलब करने देI उन्हें समय दे कि वो तेरी बात समझेI अगर बिलकुल ही आगबबूला हो रहें हो तो भी प्यार से अपनी बात समझाI किसी शांत स्वभाव वाले व्यक्ति से बात कर, कोई करीबी दोस्त या समझदार सहकर्मीI तू इंटरनेट, किसी परामर्शदाता या किसी सहयोगी समूह की भी मदद ले सकती हैI कुछ और समलैंगिक महिलाओं से मिलने की कोशिश कर और इस बारे में उनके विचार जानI जितना हो सके घर पर माहौल का अंदाजा लेती रहI
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