आंटी जी कहती हैं.... हम्म तो यह बात है....
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बेटा मंगल क्या तुझे मेरी बातों में घबराहट नज़र आ रही है? क्या तुझे ऐसा लग रहा है कि मुझे समझ नहीं आ रहा कि बात कैसे शुरू करुँ? "आंटी जी" की वो प्रतीतात्मक चुलबुलाहट भी गायब है, है ना? तो बेटा जब तू लोगों से यह बात कहेगा तो उनकी भी कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया होगीI
क्या तेरे साथ ऐसा होता रहता है? बस बेटा, यही दिक्कत है अलैंगिकता के साथI सामने वाले को समझ ही नहीं आता कि क्या कहेंI आखिरकार सब लोगों को तो सेक्स अच्छा ही लगता है और वो इसे हमेशा करना भी चाहते हैं, हैं ना? सेक्स सब ठीक कर देता है, है ना? दरअसल नहीं!
अपनी भावनाओं को समझो
ऐसे बहुत से लोग हैं, ध्यान देने वाली बात है, "बहुत से" लोग हैं जो अलैंगिक हैं लेकिन बेहद सफ़ल हैं, समझदार हैं और उन्हें समाज में ऊँचा दर्जा भी हासिल हैI ऐसे वयक्तियों को एसिस या अलैंगिक कहा जाता हैI ऐस समझता है ना? अरे ताश में इक्का होता है ना, वो वाला ऐसI तो सबसे पहले अपने आपको किसी से भी कम समझना बंद करोI आखिर तू ऐस हैI
बेटा, तेरी लैंगिक पहचान बाकियों से अलग है, बसI यही बात हम उन सभी लोगों से कहते हैं जिनके लैंगिक रुझान अलग होते हैंI और अब यही बात हम अलैंगिकों से भी कह रहे हैं क्यूंकि ज़रूरी नहीं कि जिस बारे में बातचीत ना हो या कम हो वो सच ना होI
कइयों से बेहतर
अब देख, हर मोहल्ले में एक ऐसे बुड्ढे अंकल ज़रूर होते हैं जिनकी काम वासना को पूरा मोहल्ला ना शांत कर सकेI अब उन्हें तो कोई कुछ नहीं कहता, "अंकल जी आप की काम वासना थोड़ी अजीब है, कही कोई परेशानी की बात तो नहीं?"
जो लोग अलैंगिक होते हैं वो बहुत स्नेही, ध्यान रखने वाले, साथ देने वाले, संवेदनशील और यहाँ तक कि आपके बेहद करीब भी हो सकते हैं बस उन्हें सेक्स में दिलचस्पी नहीं होती
यह आपके ऊपर है कि आप इस बारे में क्या सोचते हैंI हो सकता है कि आपको लगे कि आप किसी की और आकर्षित नहीं है या फिर यह कि आपको लड़का या लड़की किसी को भी देखकर किसी प्रकार का कोई लैंगिक रुझान नहीं होताI आप अलैंगिक है और बस इतना ही समझना हैI
असम्भव कुछ नहीं
तो बेटा अलैंगिकों को लेकर भ्रम सी स्थिति हैI समलैंगिकों, किन्नरों और हिजड़ो की तरह इन्हें भी अधिकतर गलत ही समझा जाता हैI मुद्दा यहाँ पर चाहने और ना चाहने का हैI एक अलैंगिक व्यक्ति चाहे तो प्यार कर सकता है और नहीं भी, वो चाहे तो एक लम्बे रिश्ते में रह सकता है और ना चाहे तो इन सबसे कोसो दूर, वो किन्हीं निजी कारणों जैसे खुद की संतान के लिए सेक्स भी कर सकता हैI यह तो कभी ना खत्म होने वाले सूची हैI
धैर्य रखो और खुश रहो
अभी तक तो समलैंगिकों को ही हमारे समाज में सही तरीके से स्वीकृति नहीं मिली हैI यह सब देख कर तो यही लगता है कि अलैंगिकों की राह भी आसान नहीं होगीI अफ़सोस! पुत्तर मैं तो यही कहूंगी कि इंटरनेट पर इस बारे में और भी जानकारी मिल जायेगी उस को भी पढ़ना, अब आंटी जी कितना बताएंगीI
कुछ विश्वसनीय वेबसाइट पर जाकर लोगों की व्यक्तिगत कहानिया पढ़ोI उससे तुम्हे ज़रूर फायदा होगाI मेरी तरफ से बस इतना ही कि तुम्हें अपने आप से आश्वस्त और खुश रहना होगाI किसी भी बात से या किसी भी वयक्ति की किसी बात से अपने आपको परेशान मत होने देना और ना ही किसी को अपनी निजी ज़िन्दगी के बारे में बात करने देना, ठीक है?