क्या समलैंगिक (लेस्बियन, गे) लोग विषमलिंगी (स्ट्रेट) बन सकते हैं?
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क्या समलैंगिक (लेस्बियन, गे) लोग विषमलिंगी (स्ट्रेट) बन सकते हैं?

द्वारा Auntyji मई 21, 10:22 पूर्वान्ह
अगर कोई समलैंगिक व्यक्ति विषमलिंगी बनने का पक्का मन बना ले और पूरी कोशिश करे, तो क्या वो इसमें कामयाब हो जायेगा?

एक समलैंगिक इंसान जिसने कभी विपरीत लिंग के व्यक्ति के साथ सेक्स नहीं किया है, उसे तो उस मज़ा का पता ही नहीं होगा।  मुझे लगता है की अलग-अलग महिलाओं के साथ अलग-अलग सेक्स क्रिया करने के बाद, वो शायद पहले द्विलिंगी था और फिर विषमलिंगकामी बन गया।मुझे यकीन है की सभी नहीं तो कम से कम कुछ समलैंगिक लोगों का इलाज तो मुमकिन है। ये हमारे समाज के लिए कितना अच्छा तोहफा होगा। सुमित, गुडगाँव

आंटी जी कहती हैं...सुमित पुत्तर, सबसे पहले तो, मैं शुक्रिया कहूँगी तुझे की तुने इस मुद्दे को उठाया। नहीं, मैं बिलकुल नहीं सोच रही की तुझे इस मुद्दे में इतनी दिलचस्पी क्यूँ है। तेरी आंटी ना कोई अनुमान नहीं लगाती। उस से भी ज्यादा ज़रूरी बात याद रखने की ये है की समलैंगिक होना कोई बीमारी नहीं है, इसलिए इलाज का तो सवाल ही नहीं उठता। और पुत्तर जी, ये कोई जुर्म भी नहीं है।

चल, अब तेरे सवाल पर आते हैं। देख पुत्तर, कोई ज़रूरी नहीं है की सब लोग सिर्फ विपरीत सेक्स की ओर आकर्षित हों। और ऐसा भी नहीं है की अगर लड़के लड़कों के साथ ज़्यादा समय बिताएंगे तो वो समलैंगिक बन जायेंगे, और लड़कियों के साथ भी ऐसा कुछ नहीं होता।

समलैंगिक लड़कियां सेक्स से विरक्त नहीं होती जिन्होंने कभी विपरीत सेक्स को देखा ही न हो। और कुछ लड़कियों के छोटे बाल होने का मतलब ये नहीं हो जाता की वो अपने आप को लड़कों जैसा समझती हैं।

स्थिति?

समलैंगिक लोग सिर्फ वैसे ही आम लोग हैं जो भावनात्मक और शारीरिक तौर पर अपने ही लिंग वाले लोगों की तरफ आकर्षित होते हैं। किसी भी इंसान के लिए समलैंगिक में प्रवर्तित होना या विषमलिंगी में प्रवर्तित होना नामुमकिन है। वो ऐसे जन्म से ही होते हैं, वैसे ही जैसे की लड़का और लड़की जन्म लेते हैं।

कभी कभी सांस्कृतिक वातावरण का भी प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन बहुत कम। पुत्तर, याद रख, ये कोई 'स्थिति' नहीं है जो की खत्म हो जाएगी या जिस से आप बाहर आ जाओगे। ये बस वैसा ही है जैसे की आप हैं।

मेरे तजुर्बें में, ये ज़रूर मुमकिन है की समलैंगिक व्यक्ति शादी कर ले, सेक्स भी करे और विपरीत सेक्स के व्यक्ति के साथ वो बच्चे भी करे। ऐसा नहीं है की वो महिला के साथ सेक्स नहीं कर सकता, या बच्चे पैदा नहीं कर सकता। फ़र्क सिर्फ ये है की उसको दूसरी तरह का सेक्स मज़ा देता है। आखिर हम सबकी पसंद और नापसंद होती है ना। राईट पुत्तर जी?

वैज्ञानिक प्रमाण

अधिकतर ऐसा होता है की, एक शादी शुदा समलैंगिक व्यक्ति (चाहे वो लड़का हो या लड़की) यह बताना चाहते हैं की वो अपने पसंद के व्यक्ति के साथ सेक्स करने के व्यक्तिगत अधिकार को, और इच्छा को दबा रहे हैं। उनको समय दीजिये ये सब कुछ सुलझाने का। अल्पमत होना आखिर इतना आसान नहीं होता। अल्पमत समझता है, अरे मतलब माइनॉरटी। और लैंगिक माइनॉरटी के लिए तो ये और भी मुश्किल है।

और हाँ, शादी होने का मतलब ये नहीं होता की उनकी समलैंगिक प्रवर्ती बदल जाती है। ये तो ऐसे हो गया जैसे की इतरलिंगी लोगों को अगर अपने ही लिंग वालों के साथ सेक्स कराया जाये तो वो समलैंगिक बन जायेगे।

ऐसा कोई चिकित्सक और वैज्ञानिक प्रमाण भी नहीं है जो इस बात को समर्थन दे।  और मेरी दोस्त सरस्वती ने भी ये बात कन्फर्म की है। इससे ज्यादा डिटेल अभी नहीं, लेकिन तुझे समझ तो आ गया होगा मैं क्या कह रही हूँ।

अपने बस में नहीं

और पुत्तर, विश्वास कर मेरा, बहुत सारे समलैंगिक लोग विपरीत लिंग के लोगों के साथ सेक्स करते भी है। जवानी में, हम सब अपनी लैंगिकता को लेकर उलझे हुए तो होते हैं। और फ़िर मम्मी पापा की तरफ से दबाव, दोस्त, पड़ोस वाले अंकल और बहुत सारी आंटीयां भी हम पर दबाव डालती हैं की हमें कैसे बर्ताव करना चाहिए और कैसे इंसान से प्यार करना चाहिए। लेकिन तुम जवान लोग कहाँ फ़िक्र करते हो। और करनी भी नहीं चाहिए।

अगर तूने खूब हिंदी फिल्में देखी हैं तो तुझे तो पता ही होगा की हम किस से प्यार कर बैठें, इस पर हमारा कोई कंट्रोल नहीं होता। जैसे की एक गरीब लड़का एक अमीर लड़के से प्यार कर बैठता है और शादी भी कर लेता है, वैसे ही वो किसी अमीर लड़के से भी तो प्यार कर सकता है। वो फ़िल्मी डाइलॉग है ना - वही होता है जो मंज़ूरे खुदा होता है।

लड़ाई क्यूँ?

और जहाँ तक की एक्सपेरिमेंट करने का सवाल है, ये अच्छी सोच है। हमें अपने सिद्धांत को परखना तो चाहिए ही। लेकिन पुत्तर जी, जब समलैंगिक व्यक्ति को विषमलिंगी बनाने की बात आती है तो बहुतों ने कोशिश करी है और असफल रहे हैं।

जो प्राकर्तिक है वो अश्लील नहीं हो सकता, तो इसके खिलाफ लड़ाई कैसी। नहीं क्या? इसकी बजाये हम रूह अफज़ा पार्टी करते हैं, जिसमे हम अलग-अलग लैंगिक प्रवर्ती वाले लोगों को बुलाते हैं और खुल कर इन साब बातों के बारे में चर्चा करेंगे। क्यूँ, बढ़िया आईडिया है ना।

रब राखा जी!

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Bete hastmaithun ek safe /surakshit tareeka hai apni santushti karne ka. Isse koi nuksaan ya beemari nahi hoti. Yadi chahein toh bahut see activities hai, jinmein aap samya bitah sakte hai. jaise ki khel – games, gym ya koi hobbies…ok? Yeh bhee padhiye: https://lovematters.in/hi/resource/men-masturbating Yadi aap is mudde par humse aur gehri charcha mein judna chahte hain to hamare discussion board “Just Poocho” mein zaroor shamil ho! https://lovematters.in/en/forum
Ab kya sthiti hai bete? HIV Positive vyakti se sex karne mein yadi condom break ho jaye to HIV hone ki sambhawana ho sakti hai. Aapko koi sandeh ho toh ek vishesgya ya sarkari hospital se sampark kijiye. Yadi jis viykati ke saath aap unsafe sex kar rahe hain use HIV hai toh HIV hone ki sambhavna hai. Duniya bhar mein sabse adhik HIV casess, sex ke zariye hue hain. Lekin HIV aur bhi kai asurakshit karano se hota hai. So! Zara detail mein yeh niche diya hua link padhiye: https://lovematters.in/hi/resource/hiv https://lovematters.in/hi/safe-sex/stdsstis/hivaids-top-five-facts Yadi aap is mudde par humse aur gehri charcha mein judna chahte hain to hamare discussion board “Just Poocho” mein zaroor shamil ho! https://lovematters.in/en/forum
Sunil bete hastmaithun ek safe /surakshit tareeka hai apni santushti karne ka. Isse koi nuksaan ya beemari nahi hoti. Yadi chahein toh bahut see activities hai, jinmein aap samya bitah sakte hai. jaise ki khel – games, gym ya koi hobbies…ok? Yeh bhee padhiye: https://lovematters.in/hi/resource/men-masturbating https://lovematters.in/hi/making-love/ways-to-make-love/women-masturbating Yadi aap is mudde par humse aur gehri charcha mein judna chahte hain to hamare discussion board “Just Poocho” mein zaroor shamil ho! https://lovematters.in/en/forum
मै कुछ समय के लिए अपने लङके दोस्तो की तरफ आकर्षित होता हूँ उनका लिंग देखना भी अच्छा लगता है लेकिन लङकियो की तरफ भी आकर्षण काफी है लेकिन मै यह डिसाइड नहीं कर पा रहा हूँ कि क्या मैं समलैंगिक हूँ|
देव बेटे इसमें कोई समस्या की बात नहीं है. लड़के और लड़की दोनों के प्रति आकर्षित होना भी एक किस्म की यौइक पहचान है. इस वक़्त सहयेद आप अपने मनन में यह समझ रहे होंगे की क्या आप समलैगिंक हैं - कुछ कह नहीं सकते - हो भी सकते हैं, या फिर bisexual, या द्विलैंगिक ... कहना मुश्किल है. अपने आप को समय दीजिये, कुछ सोच समझ बनाइये - और जो भी सेक्स का रिश्ता बनये सोच समझ के, देख भाल के. https://lovematters.in/hi/sexual-diversity/sexual-orientation/am-i-gay यदि इस मुद्दे पर आप और गहरी चर्चा में जुड़ना चाहते हैं, तो हमारे डिस्कशन बोर्ड, " जस्ट पूछो" में ज़रूर शामिल हों. https://lovematters.in/en/forum
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