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मुझे अपने द्विलैंगिक होने पर कोई शर्म नहीं आती

एशले को यह पता था कि उसे पुरुष और महिला दोनों पसंद हैं। इसके बावजूद उसने खुद से प्यार करना बंद नहीं किया। आगे पढ़िए कि कैसे एशले ने द्विलैंगिक होते हुए भी समाज के परंपरागत मापदंडों का सामना कियाI

पुणे में रहने वाली एशले डिसूजा 25 वर्षीय हैं और जानवरो की डॉक्टर हैं।

खुद को पहचानना

परिपक्व होने के बाद जब आप अपने बारे में सोचना शुरू करते हैं तब आपको पता चलता है कि समाज  ना सिर्फ़ आपके सामाजिक और प्रॉफेशनल जीवन पर प्रभाव डालता है बल्कि आपकी निजी ज़िंदगी भी इससे प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाती।

मैं एल जी बी टी समुदाय का हिस्सा होने में गर्व महसूस करती हूँ। मैं अपने समुदाय के लोगों के अधिकारों के लिए हर लड़ाई लड़ने के लिए तैयार रहती हूँ। और जब भी मैं इस लड़ाई के लिए सड़को पर उतरती हूँ तब भी मैं किसी के साथ पक्षपात नहीं करती। जैसा कि मैंने बताया, मुझे तो दोनों पसदं हैं, पुरुष और महिलाएं। मैं तो द्विलैंगिक हूँ नाI

सच का सामना

औरों को लगता होगा कि मेरे तो दोनों हाथ घी में हैं क्यूंकि मैं पुरुष और महिला दोनों को डेट कर सकती हूँ, और ऐसा होता भी हैI लेकिन इसका यह मतलब बिलकुल नहीं है कि मेरे चारो और खुशियां ही खुशियां हैंI

असलियत तो यह है कि मेरा रूमानी जीवन बिलकुल ही बेकार हैI और सच यह है कि यह हमेशा से ऐसा ही रहा हैI

मैंने कुछ बहुत ही शानदार लोगो को डेट किया है, निस्संदेह मैं पुरुष और महिला दोनों को इस सूची में शामिल कर रही हूँI शुरू में सब कुछ अच्छा होता हैI समस्या शुरू होती है जब रिश्ता गम्भीर रुख लेने लगता हैI अगर मुझे कोई बेहद अच्छा लगने लगता है और मैं उस रिश्ते को गम्भीरता से लेना शुरू कर देती हूँ तो मुझे लगता है कि मुझे अपने साथी को सब कुछ सच बता देना चाहिएI लेकिन मेरे सच बताते ही रिश्ते में खटास आनी शुरू हो जाती हैI

मेरा पहला अनुभव...

जब मैंने पहली बार किसी को यह बात बताई तो उसकी प्रतिक्रिया कुछ ऐसी थी, "लेकिन मैं समलैंगिक नहीं हूँ"I मेरे सच बताते ही लोगो को झटका लगता थाI ना सिर्फ़ वो मुझे समलैंगिक समझना शुरू कर देते थे बल्कि वो एक समलैंगिक व्यक्ति के साथ भी नहीं रहना चाहते थेI शायद वो समलैंगिकता और समलैंगिक लोगों से डरते थेI मुझे कई लोगों ने यह भी कहा है कि मुझे विपरीत लिंग वाले लोगों के साथ और अधिक शारीरिक सम्बन्ध बनाने चाहिएI

बड़े-बुज़ुर्ग अक्सर मुझे राय देते हैं कि मुझे अपनी ज़िन्दगी के इस घोर संकट से बचने के लिए शादी कर लेनी चाहिएI मैंने उन्हें यह समझाने की कई बार कोशिश की है कि मैं द्विलैंगिक हूँI इसमें ना ही कोई बुराई है और ना ही मुझ में कोई समस्या है लेकिन मुझे नहीं लगता मेरे स्पष्टीकरणों का उन्हें कोई फ़र्क़ पड़ता हैI वैसे जब मैं कॉलेज में थी तो कई बार खुद से सवाल करती थी, "क्या मैं सामान्य हूँ? या मुझ मैं सच में कोई समस्या है?

यह लेख #IDAHOT2016 को मनाने के लिए चलाये जा रहे हमारे अभियान #love4all का हिस्सा हैI कुछ आसान से सवालों का जवाब देकर इस भेदभाव को मिटाने में हमारी मदद कीजियेI IDAHOT सर्वे में हिस्सा लेने के लिए बैनर पर क्लिक कीजिये! 

(International Day Against Homophobia, Transphobia and Biphobia).

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