‘22 वर्षीय अनिकेत दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र हैं।’
उत्तेजना की कमी
मैं पिछले छह महीने से समीरा के साथ डेट कर रहा था। हम एक दूसरे के साथ घूमने फिरते और सेक्स करते थे। हमारी सेक्स लाइफ मज़ेदार थी लेकिन धीरे-धीरे बिस्तर पर एक बड़ा बदलाव दिखना शुरू हुआ। सेक्स करते समय पहली बार स्खलन काफ़ी देर से हुआ, फ़िर भी मैं इसे लेकर परेशान नहीं हुआ। मैंने सोचा कि शायद ठीक से उत्तेजित न हो पाने के कारण ऐसा हुआ होगा। इसलिए हम दोनों ने इस बात पर इतना ध्यान नहीं दियाI
बेस्वाद, बेमज़ा
अगले हफ़्ते हम दोबारा मिले और हमने सेक्स किया लेकिन फ़िर वही हुआ। मेरा स्खलन नहीं हुआI हमने मुख मैथुन भी करके देखा लेकिन इससे भी कोई फ़र्क नहीं दिखा। मुझे अपने शरीर और जननांगों में किसी तरह का दर्द महसूस नहीं हुआ लेकिन मुझे पता था कि मेरे शरीर में कुछ न कुछ तो गड़बड़ है जिसकी वज़ह से ऐसा हो रहा है।
सेक्स के दौरान हम जो कुछ भी कर रहे थे अब उसमें मुझे पहले जैसा मज़ा नहीं आ रहा था। पहले मुझे अपने पेट के निचले हिस्से में इतनी सनसनाहट होती थी कि मैं कांपने लगता थाI अब मानो, मेरा शरीर सुन्न हो गया था। मुझे अपनी गर्लफ्रेंड के साथ स्खलित हुए एक लंबा समय बीत चुका था। हस्तमैथुन के दौरान मैं उत्तेजित तो होता था लेकिन स्खलित नहीं होता था। अब वीर्य की बज़ाय सेक्स के समय सिर्फ़ पसीना निकलता था। मुझे एहसास हो गया था कि अब मुझे डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
निदान
डॉक्टर के पास जाने पर उन्होंने मुझसे पहला सवाल यही पूछा कि हम कितनी बार सेक्स करते हैं। मैंने कहा महीने में दो या तीन बार। उसने मुझसे मेरी हस्तमैथुन के आदतों के बारे में भी पूछा जिसको लेकर मैं सबसे ज़्यादा परेशान था। मैंने डॉक्टर को बताया कि पहले हस्तमैथुन करने पर मुझे स्खलित होने में दस मिनट से ज़्यादा समय नहीं लगता था। लेकिन अब इसका दुगुना या तिगुना समय बीत जाने के बाद भी मैं स्खलित नहीं हो पाता हूं।
मैंने डॉक्टर को बताया कि पिछले दो महीनों से मैं सेक्स का आनंद नहीं ले पा रहा हूं और सेक्स करने के बाद कंडोम के अलावा बाहर कुछ भी नहीं निकलता है। डॉक्टर ने कहा कि यह वास्तव में एक समस्या है लेकिन शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक। जब मैंने डॉक्टर को अपनी दिनचर्या के बारे में बताया तो उसने मेरी आदतों और जीवनशैली के बारे में भी सवाल पूछा और यह जानने के बाद उन्होंने बताया कि मुझे आगे क्या करना चाहिए।
किताबें और योग
डॉक्टर ने मुझे सलाह दी कि मैं अपने आप को तनाव से जितना दूर रख सकता हूं, उतना दूर रहूं। इसके साथ ही उन्होंने मुझे कम से कम दो महीनों तक अपने को शारीरिक रूप से उत्तेजित करने और सेक्स ना करने की भी सलाह दी। मुझसे यह भी कहा गया कि जब तक मैं मनोवैज्ञानिक रूप से ठीक न हो जाऊं तब तक हस्तमैथुन भी न करूं। मैंने दवाओं के बारे में पूछा तब डॉक्टर मुझे दो महीने तक इंतजार करने के लिए बोला।
मैं घर लौट आया और जैसा डॉक्टर ने कहा था वैसा ही किया। मैं तड़के सुबह जगने लगा और अपने आसपास एक योगा क्लास भी जाने लगा। मैंने फोन का भी अधिक इस्तेमाल करना बंद कर दिया और लगातार घंटों तक लैपटॉप पर काम करना भी बंद कर दिया। इसकी जगह मैंने किताबें पढ़नी शुरू की। इस दौरान समीरा भी मुझे लेकर चिंतित रहती थी, अब हम हफ्ते में सिर्फ़ एक आद बार मिलते और शहर का चक्कर लगाते थे।
खुद को रोक नहीं सका
एक महीना बीत चुका था लेकिन मुझे अपने शरीर में कोई ख़ास परिवर्तन महसूस नहीं हुआ। हाँ इतना हुआ कि अब पहले की तुलना में सुबह के समय मेरा लिंग ज़्यादा उत्तेजित होने लगा था। एक सुबह मैंने एक कामुक सपना देखा और मैं तुरंत उठ गया और पाया कि मैं अंडरवियर में ही स्खलित हो चुका हूं। मैंने अपने डॉक्टर को फोन किया और उन्हें बताया। डॉक्टर को यह सुनकर खुशी हुई।
इसके दो हफ्ते बाद मैं अपने को सेक्स करने से नहीं रोक पाया और अपनी गर्लफ्रेंड से मिला। उस शाम जब मैंने मिशनरी पोजीशन में सेक्स करने की कोशिश की तो मुझे अपने शरीर में काफी सनसनाहट महसूस हुई । यह देखकर मुझे वास्तव में बहुत आश्चर्य हुआ। मैंने जो कंडोम लगाया था वह वीर्य से भर चुका था।
*गोपनीयता बनाये रखने के लिए नाम बदल दिए गये हैं और तस्वीर में मॉडल का इस्तेमाल किया गया है।
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लेखक के बारे में: अर्पित छिकारा को पढ़ना, लिखना, चित्रकारी करना और पॉडकास्ट सुनते हुए लंबी सैर करना पसंद है। एस आर एच आर से संबंधित विभिन्न विषयों पर लिखने के अलावा, वह वैकल्पिक शिक्षा क्षेत्र में भी काम करते हैं। उनको इंस्टाग्राम पर भी संपर्क कर सकते हैं।