‘मेरी भी एक बनावट है’
जेनिफर सीक्योरा (28), कॉपीराइटर, मुम्बईI
मैंने फैसला कर लिया है कि कपड़े हमेशा ऑनलाइन ही खरीदूंगीI कम से कम यहाँ पर अपने साइज के कपड़े खरीदना आसान हैI मुझे बहुत खीज होती है जब दुकानदार ढीले-ढाले कपड़े दिखाते हुए मुझे यह कहता है "मैडम यह वाला ले लो, यह आप पर बहुत जंचेगा" असल में वो कहना यह चाहता है "मैडम इसमें आप कम मोटे लगोगे" I ऐसा इसलिए क्योंकि मेरा साइज मीडियम (M), लार्ज (L) और एक्स एल (XL) नहीं हैI मेरा शरीर गोल है और वज़न 75 किलो, तो ज़ाहिर है मुझे तो कपड़े नहीं टेंट पहनना चाहिएI
जब भी मैं किसी मॉल या दूकान में अपने लिए कपड़े खरीदने जाती हूँ तो मैं बिना किसी मदद के अपने लिए कपड़े नहीं खरीद पाती, क्योंकि मेरे कपड़े तो प्लस-साइज वाले खाने में होते हैंI कई बार दुकानदारों ने मुझे यह बोला है कि हमारे पास आपके शरीर की बनावट के कपड़े नहीं हैंI इन लोगों को शायद साइज और बनावट में फ़र्क़ नहीं पताI या फ़िर इनका यह मानना है कि यदि आपका वज़न थोड़ा ज़्यादा हो तो शायद आप ख़ूबसूरती के किसी भी मापदंड के योग्य नहीं हैंI
'आप नाच नहीं सकती'
मौशमी बैनर्जी (35)
मुझे बचपन से नाचना पसंद थाI मैं हर तरह का नृत्य करती थी, फ़िर चाहे वो शास्त्रीय नृत्य हो या बॉलीवुडI मैं हमेशा से बेल्ली डांसिंग सीखना चाहती थीI मुझे इसकी मनोहर शैली ने बेहद आकर्षित किया हैI लेकिन जब मैं पहली बार नृत्य सीखने के लिए दाखिला लेने गयी तो उस अनुभव ने नाचने के प्रति मेरे लगाव को लगभग खत्म ही कर दियाI
वहां एक बदतमीज़ रिसेप्शनिस्ट थी जो 20 मिनट तक मुझे यह समझाने की कोशिश करती रही कि बेल्ली डांसिंग मेरे बस के बाहर हैI उसके अनुसार मुझे कुछ ऐसा चुनना चाहिए जो मेरा वज़न कम करने में मदद करे, जैसे बॉलीवुड डांसिंगI मैं जितना ज़्यादा उसे समझाने की कोशिश करती उतना ही कम इच्छुक होती जातीI
अपने वज़न की वजह से मैं लगातार परेशान रही हूँ, खासकर वो जो मेरे नितम्बो पर थाI बेल्ली डांसिंग के प्रति मेरे प्यार के बीच में मेरे वज़न को लाने की वजह से मैं उस रिसेप्शनिस्ट से बेहद नाराज़ थी और वहां से जाने का मन बना चुकी थी कि तभी वहां की प्रशिक्षक वहां आ गयीI उसने ना सिर्फ़ उस रिसेप्शनिस्ट को कसकर डाँट लगाई बल्कि मुझे यह भी विश्वास दिलाया कि अपने पसंद का नृत्य सीखने के लिए मुझे पतली कमर की कोई ज़रुरत नहींI और हाँ उसने यह भी कहा कि मैं आज से ही बेल्ली डांसिंग शुरू कर सकती हूँ!
'तेरे पास मांस ही नहीं है'
राजेश पी (24), मैनेजमेंट स्टडीज स्टूडेंट, मुम्बईI
आमतौर पर अगर कोई मुझसे यह पूछे कि 'मांस कहाँ है' तो मैं उन्हें अपना भरा हुआ फ्रिज दिखा देता हूँI लेकिन जब मैंए पहली बार यह सूना था तो वो बात मुझे सुई की तरह चुभी थीI चूंकि यह बात एक दोस्त ने कही थी तो दर्द थोड़ा और ज़्यादा हुआ थाI मैं इस बात से भी दुखी था कि लड़कियां मुझमे कोई दिलचस्पी नहीं दिखाती थीI मेरे दोस्त जो शुरू में मेरा साथ देते थे, उन्होंने भी अब मुझे वज़न बढ़ाने के नुस्खे बताने शुरू कर दिए थेI
मुझे यही विश्वास दिलाया जाता था कि लड़कियों को हट्टे-कट्टे लड़के पसंद आते थे और मुझ जैसे मरियल पहलवान नहींI इस बात से उस समय मेरे आत्म स्वाभिमान को बेहद ठेस पहुँचती थीI सौभाग्यवश अब मेरी एक गर्लफ्रेंड है जो मुझे इसी रूप में प्यार करती हैI
'मफिन का मतलब हमेशा केक नहीं होता'
बृंदा मेनन (27), फ्रीलान्स मार्केटिंग प्रोफेशनल, मुम्बईI
मुझे कोई अंदाज़ा नहीं था कि मफिन टॉप का क्या मतलब हैI एक कार्यक्रम के दौरान एक परिचित ने मुझे इसका मतलब बताया थाI मेरा टॉप छोटा था और उसने मुझे कहा कि मैं बड़ी हिम्मतवाली हूँ कि मफिन टॉप होते हुए मैंने इतना छोटा टॉप पहना हुआ हैI मैंने मज़ाक करते हुए उससे पुछा कि क्या उसे मफिन, जो एक तरह का केक होता है, पसंद नहीं हैI उसने अजीब तरह से मुझे देखा और वहां से चली गयीI
मेरे पूछने पर बाद में उसने मुझे इसका मतलब बतायाI मैं उसकी बात सुनकर हैरान हो गयी थीI और यह सोचने पर मज़बूर हो गयी थी कि आखिर कब तक महिलाएं खुद को और एक दूसरे को ख़ूबसूरती की कसौटी पर तौलती रहेंगीI
अनुरोध पर नाम बदल दिए गए हैंI
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