हाय अनिका पुत्तर, सुन मेरी बात- तुम्हारी ज़िंदगी की नई लव स्टोरी शुरू हो रही है, मगर ज़रा सोच समझ के कदम रखना। अब सवाल ये है कि अपने पार्टनर को अतीत के रिश्तों की सारी फ़िल्मी कहानी खोल देनी चाहिए या नहीं? देख, अपनी पुरानी कहानियों को वैसे ही संभाल जैसे पुरानी फ़िल्म की DVD को संभाला है। कभी-कभी उसे रिवाइंड करके देख लेना मगर हर बार पूरा प्लॉट मत सुनाना!
बेटा, आज के डेट का सबसे जरूरी सवाल है कि पार्टनर को अपने पहले के रिलेशनशिप के बारे में बताऊं या न बताऊं? पुत्तर जी, मेरे पास ऐसे कई सवाल भी आए हैं, जिसमें लड़की ने पूछा है, “आंटी जी , अगर मैं अपने बॉयफ्रेंड को पहले के रिलेशनशिप के बारे में ना बताऊं, तब भी उसे पता चल जाएगा क्योंकि हम दोनों सेक्स करेंगे तो!
अगर तुम्हारा पार्टनर पूछता है, "अरे अनिका, तेरे एक्स के किस्से क्या हैं?" तो मुस्कुराकर कहना, "अरे, वो तो पुराने ट्रेलर थे- अब तो मैं तुम्हारे साथ एक ब्लॉक बस्टर स्क्रिप्ट लिख रही हूं, जिसके मेन हीरो तुम हो- कहते हैं ना- लीड रोल में हो, तो साइड एक्टर की बात क्यों छेड़ रहे हो!" इससे ना सिर्फ बातें हल्की रहेंगी बल्कि तुम्हारी पर्सनालिटी में भी वो चार्मिग मिस्ट्री बनी रहेगी।
खुद की राय जानो पहले
देखो अनिका पुत्तर , क्या बताना है और क्या छुपाना है, ये तो खुद की राय होनी चाहिए लेकिन पुत्तर जी, पहले आप अपने रिश्ते को मौका दो, और समझो कि आपकी अपने पार्टनर से कितनी बनती है।
अगर कुंडली की भाषा में कहूं, तो पहले ये पता करो कि आपके गुण मिलते हैं या नहीं। अगर आपका रिश्ता 1, 2 महीने तक चलता है और इस दौरान आपका पार्टनर खुल कर आपसे आपके रिश्ते के बारे में नहीं पूछता है, तब मेरे ख्याल से बात करने की जरूरत नहीं है।
लेकिन अगर आपका पार्टनर अपने पहले के रिलेशनशिप के बारे में आपसे चर्चा करता है। जैसे ब्रेकअप क्यों हुआ, ब्रेकअप कब हुआ, या मान लो कि आप और आपका बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड एक ही शहर का हो, और उनका कोई पहले का रिश्ता रहा हो, तब हर किसी की किसी ना किसी जगह से याद जुड़ जाती है।
और जब हम उसी जगह से गुजरते हैं, जहां से पहले किसी और का हाथ थाम कर गुजरा करते थे, तब मन में कहीं ना कहीं पुरानी चीजें किसी मूवी की तरह घूम सकती है और आप कुछ बोल सकते हो। तो पुत्तर जी, ये एकदम नॉर्मल है क्योंकि हो सकता है कि कुछ चीजें भुलाई नहीं जा सकती हो।
मत बनो खुली किताब
अनिका पुत्तर, एक बात ध्यान रखो कि पहली मुलाकात में खुली किताब भी बनने की जरूरत नहीं है। अगर तुम्हारा पार्टनर तुम्हारी past लाइफ को जानने को लेकर वाकई इंटरेस्ट दिखाता है, तो धीरे-धीरे थोड़ा-थोड़ा करके खुलना ठीक रहेगा। जैसे- किसी फिल्म में क्लाइमेक्स से पहले थोड़ा सस्पेंस होता है। वैसे ही रिश्ते में भी चीज़ें धीरे-धीरे खुलनी चाहिए। जल्दी में सारी डिटेल्स ना देने से तुम्हारी कहानी में मिस्ट्री बनी रहेगी! पता है ना- आजकल ज्यादा डिटेल्स शेयर करने का नतीजा क्या होता है! निजी जानकारी को बचाकर रखना भी जरूरी है।
इसके अलावा बेटा जी, एक बात भी ध्यान रखना चाहिए कि पहले पता करो कि आपका रिश्ता कितना मजबूत है। अगर रिश्ता मजबूत है, तब इन सब बातों की जगह ही नहीं बचेगी और सबकुछ नॉर्मल रहेगा लेकिन रिश्ते में कहीं भी अनबन दिखे तो कुछ भी शेयर करने से बचना क्योंकि हो सकता है पुत्तर कि तेरी पुरानी बातों को लेकर सामने वाला बवाल कर दे या मजबूर करे।
फालतू की पोल खोलने से बचो
अगर मान लो तुम बताना ही चाहती हो - तो यह रहे मेरे कुछ टिप्स :
- सीख और अनुभव:
अनिका पुत्तर जी, बताने का मकसद यह होना चाहिए कि तुम्हें क्या सीखने को मिला। जैसे- “मैंने सीखा कि खुद से प्यार करना कितना ज़रूरी है” या “सही समय पर सही फैसले लेने से रिश्ते में समझदारी आती है।” इससे सामने वाले को यह समझ आएगा कि तुम अपने अतीत पर पछतावा नहीं करते, बल्कि उससे आगे बढ़कर जीवन में सुधार लाना जानते हो। - सेंसेटिव जानकारी का चुनाव:
अगर कोई बात है, जो सिर्फ तुम्हारे और तुम्हारे पिछले पार्टनर के बीच की थी, तो उसे ज़्यादा विस्तार से ना बताओ। अपने पार्टनर के इमोशंस का भी ध्यान रखो। अगर उन्हें लगता है कि कुछ बातें अतीत में ही रह जाएं तो बेहतर है, तो धीरे-धीरे खुलने का मौका दो। - सेक्स कैसा था- यह तो बिल्कुल भी मत बताओ:
अगर वो पूछे सेक्स किया था - बस छोटा सा जवाब दो - जो तुम्हे ठीक लगे! हाँ या ना - यह तो तुम्हे ही सोचना पड़ेगा - लेकिन उसकी डिटेल्स शेयर करने से बचो। तुम्हें अपने पहले के पार्टनर की प्राइवेसी का भी तो ख्याल रखना जरूरी है। क्या हुआ अगर रिश्ता नहीं रहा- कम से कम निजी जानकारी बची रहनी चाहिए।
देखो बेटा, अगर आंटी जी की सलाह मानो तो रिलेशनशिप का असली फंडा ये है कि दोनों की केमिस्ट्री हर मिस्ट्री के ऊपर होनी चाहिए और भरोसा सबसे ऊपर होना चाहिए।
पुत्तर एक बात याद रखना- हर रिश्ते की अपनी खासियत होती है। जैसे- तुम्हारी खासियत सच बोलना हो सकती है लेकिन अगर तुम्हारा नया पार्टनर अतीत के बारे में पूछता भी है, तो अपने जवाब में दिल की गहराई और थोड़ी मुस्कान ज़रूर डालना लेकिन हर बार हर छोटी-छोटी बात खोलने की जरूरत नहीं होती है।
जैसे कि कुछ फिल्में बस शॉर्ट फिल्म ही रहती हैं या मानो युट्युब या इंस्टाग्राम पर आने वाले रिल्स, तो वैसे ही कुछ बातें सिर्फ यादों में ही रह जाने दो।
कहते हैं- किसी के सामने खुली किताब ना बनो, टाइम-पास का दौर है- पढ़कर फेंक दिए जा सकते हो! है ना पुत्तर जी!
और हां, चाहो तो ये याद कर लो- हरिवंश राय बच्चन लिखते हैं-
जो बीत गई सो बात गई, जीवन में एक सितारा था माना वह बेहद प्यारा था,
वह डूब गया तो डूब गया, अम्बर के आनन को देखो कितने इसके तारे टूटे,
कितने इसके प्यारे छूटे जो छूट गए फिर कहां मिले,
पर बोलो टूटे तारों पर कब अम्बर शोक मनाता है।
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