सास के रूप में मिली दूसरी मां
एक पारंपरिक भारतीय परिवार में मेरी शादी मेरे माता-पिता के पसंद से हुई है। शुरू में तो मैं बहुत ज्यादा डरी हुई थी कि मैं ससुराल में सबके साथ कैसे तालमेल बैठाकर उन्हें खुश करूंगी। लेकिन यहां आने के बाद मेरे लिए सब कुछ आश्चर्यजनक रहा क्योंकि मेरी सास हर काम में मेरी बहुत मदद करती हैं। मेरे घर में जैसे मेरी मम्मी मेरा ध्यान रखती थीं वैसे ही मेरी सास भी मेरे लिए नाश्ता और दोपहर का खाना बनाती हैं और जब मैं काम पर जाती हूं तो वो मुझे टिफिन भी देती हैं। कभी-कभी मुझे मेरे पति के लिए दुख भी होता है क्योंकि जब भी मेरी अपने पति से लड़ाई होती है तो मेरी सास मेरा ही पक्ष लेती हैं।
-इंदिरा, 26 वर्ष, सरकारी कर्मचारी, मुंबई
उनके लिए समय नहीं है
सच बताऊं तो मैं अपनी पत्नी के घरवालों के साथ कभी भी समय नहीं बिता पाया। जब हम दोनों ने एक दूसरे के साथ समय बिताना शुरू किया तो हमने इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताया था। लेकिन जब मैं पत्नी के घरवालों से मिला तो उससे पहले ही हम दोनों ने अपने घर में शादी करने का फैसला सुना दिया था। मैं पहली बार अपने माता-पिता के साथ पत्नी के घरवालों से मिला। उसके घर के किसी भी सदस्य से मेरी अकेले में बात कभी नहीं हुई। मैं अपने माता-पिता के साथ रहता हूं और मेरी पत्नी के माता-पिता दूसरे शहर में रहते हैं इसलिए उनके साथ समय बिताना संभव नहीं हो पाता है।
-सूरज, 29 वर्ष, साफ्टवेयर इंजीनियर, नागपुर
पापा बिना बताए आ जाते थे
मेरे माता-पिता ने बड़े लाड-प्यार से मेरी परवरिश की है। शादी के बाद पति से भी मुझे उतना ही प्यार मिला लेकिन मैं हमेशा अपने पापा की छोटी गुड़िया ही रहूंगी। मेरे पापा कभी-कभी बिना बताए ही हमारे घर यह देखने आ जाते हैं कि मैं ठीक हूं या नहीं। शुरू में तो मेरे पति को इससे कोई परेशानी नहीं होती थी लेकिन कुछ दिनों बाद वह गुस्सा होने लगे। शुरू में ये चीजें बहुत छोटी लगती थीं।
घर लौटने के बाद वे शराब पीते हैं जबकि मेरे पापा शराब नहीं पीते हैं। इस वजह से मेरे पति को छिप कर शराब पीनी पड़ती थी। कुछ दिनों बाद मेरे पति का गुस्सा और ज़्यादा बढ़ने लगा। वह ऑफिस से निकलने से पहले यह जानने के लिए फोन करते कि मेरे पापा घर पर आए हैं या नहीं। यदि पापा घर पर होते तो वह अपने किसी दोस्त के यहां चले जाते थे। इससे हमारे बीच मनमुटाव होने लगा उसके बाद मैंने अपने पापा से कहा कि उनका यहां आना शायद मेरे पति को पसंद नहीं आता है तो वे इस बात को समझ गए और आगे से आना बंद कर दिया।
-ज्योति, 30 वर्ष, शिक्षिका, गुडगांव
उसके मम्मी-पापा हर जगह आ जाते हैं
मैं अपने माता-पिता के ज्यादा करीब नहीं हूं। यही वजह है कि जब मैंने डेटिंग शुरू की तो मैं अपने घरवालों से कुछ नहीं बता पाया लेकिन उसके अपने परिवार में सबकुछ बता दिया। जब हम साथ रहने लगे तो चीजें और बिगड़ने लगीं। जब मैं 16 साल का था तभी से अपने घर से बाहर हूं। मैं घर तभी जाता हूं जब किसी की शादी या कोई त्योहार हो। जबकि उसके साथ बिल्कुल उल्टा है। उसे बाज़ार भी जाना होता है तो वो मम्मी के साथ ही जाती है। मैं अपनी पत्नी के साथ समय ही नहीं बिता पाता था क्योंकि उसके मम्मी-पापा हर वक्त उसी के साथ रहते थे। मैंने अपनी पत्नी से कई बार इस विषय में बात करने की कोशिश की लेकिन हर बार हमारी लड़ाई हुई। अब हमने इस विषय पर बात करना ही बंद कर दिया है।
-थॉमस, 31 वर्ष, एडवरटाइजिंग, पुणे
पति बिल्कुल चुप हो जाते हैं
मैं एक विवाहित महिला हूं और दो बच्चों की मां हूं। मेरे पति के मम्मी-पापा की वजह से बहुत सी दिक्कतें आती हैं। दो छोटे-छोटे बच्चों की देखभाल करने में मैं वाकई थक जाती हूं ऊपर से सास-ससुर की फरमाइशें अलग से। चाहकर भी मैं खुद को शांत नहीं रख पाती। जब कभी भी मेरे सास-ससुर और मेरे बीच कोई बहस होती है तो मेरे पति बाहर चले जाते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि वो हमारी परवाह नहीं करते लेकिन उन्हें लड़ाई-झगड़ा पसंद नहीं है। उन्हें लगता है कि उस वक्त बोलना बेकार है और चीजें अपने-आप ठीक हो जाएंगी। मुझे पता है कि वे ऐसा क्यों सोचते हैं लेकिन मैं अकेली पड़ जाती हूं। सास-ससुर यहां सिर्फ़ तब तक हैं जब तक कि मेरी बेटी थोड़ी बड़ी नहीं हो जाती उसके बाद वे गांव चले जाएंगे। सच बताऊं तो मैं भी यही चाहती हूं।
- नीलम, 33 वर्ष, प्रकाशन, नई दिल्ली
गोपनीयता के लिए कुछ नाम बदल दिए गए हैं। तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति मॉडल हैं।
आपका अपने पार्टनर के मम्मी-पापा के साथ किस तरह का रिश्ता है?
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