सिर्फ़ फिल्मो में नहीं
कोई कार में सेक्स करने के बारे में कैसे सोच सकता है? वहां जगह की कमी होती है, चलती गाड़ी हिचकोले भी खाती है जिससे रगड़ लगने का भी डर रहता है और तो और पकड़े जाने का खतरा, वो अलगI इस सबके बावजूद सन 1930 से, मतलब कि जब से गाड़ियों की पिछली सीटें गद्दीदार हुई हैं, तब से अमरीकी लड़के-लड़कियां उस पर कूदे जा रहे हैंI
वैसे तो पिछली शताब्दी में खड़ी गाड़ियां कई गरमा-गर्म मुलाकातों का पसंदीदा स्थान रहा करती थी लेकिन आजकल के अमरीकी युवा इस बारे में क्या सोचते हैं इस बारे में ज़्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं थीI
अमरीकी शोधकर्ताओं के एक दल को लगा कि इस विषय पर और शोध की ज़रुरत है और इस बारे में और जानने के लिए उन्होंने 700 कॉलेज विद्यार्थियों से 'कार में सेक्स' के उनके अनुभवों के बारे में बात कीI
शोधकर्ताओं ने उनसे तरह तरह के सवाल पूछे, जैसे कि उन्होंने कार में सेक्स क्यों किया, और क्या वो उस समय अपने दीर्घकालिक साथी के साथ थे या फ़िर वो केवल एक बार की मुलाक़ात थीI वो यह भी जानना चाहते थे कि उन लोगो के बीच किस तरह का सेक्स हुआ और वो अनुभव अच्छा था या बुराI उनको इस बात की उत्सुकता थी कि उन्होंने गाड़ी के कौनसे हिस्से में सेक्स किया और उस समय उनकी गाड़ी कहाँ पार्क थीI
पिछली सीट पर सेक्स
60 प्रतिशत विद्यार्थियों ने कार में सेक्स किया हुआ थाI लगभग 15% की तो कौमार्यता भी गाड़ी में ही भंग हुई थीI कार आमतौर पर ग्रामीण इलाकों में खड़ी की जाती थी और लगभग 60 प्रतिशत मौकों पर 'मौका-ए-वारदात' गाड़ी की पिछली सीट थीI
वैसे तो योनि संभोग ही सबसे लोकप्रिय था लेकिन जननांग स्पर्श और मुखमैथुन के किस्से भी शोधकर्ताओं की नज़र में आये थेI हालाँकि इन पर बिताया गया समय आधे घंटे से कम ही थाI अधिकांश छात्र गाड़ी में अपने दीर्घकालिक साथी के साथ या किसी ऐसे के साथ थे जिनके साथ वो एक गंभीर रिश्ते में थेI शायद अध्ययन में सम्मिलित हुए छात्र गाड़ी में अनौपचारिक सेक्स ज़्यादा पसंद नहीं करते थे, या फिर शायद उन्हें अनौपचारिक सेक्स ही पसंद नहीं थाI
रुका ना जाए भइया!
तो ऐसी क्या मजबूरी थी कि अपने घर के आरामदायक गद्दों और बैडरूम को छोड़कर यह लोग गाड़ी में सेक्स कर रहे थे? ज्यादातर लोगों के लिए यह कामुक जोश से ज़्यादा नहीं थाI कम से कम 85 प्रतिशत छात्रों का कहना था कि वो या उनका साथी एकदम से कामोत्तेजित हो गए थे और ऐसे समय में यह नहीं देखा जाता कि आप कहाँ हैI यहाँ यह याद रखना भी ज़रूरी है कि आधे से ज़्यादा छात्रों ने यह भी स्वीकारा था कि असल में उनके पास और कोई जगह भी नहीं थीI
हालांकि महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ओर्गास्म का सुख अधिक नसीब हुआ था लेकिन मज़ा तो दोनों को ही आया थाI तो शोधकर्ताओं को यह जानकर कतई आश्चर्य नहीं हुआ कि अजीब परिस्थितियों, कम जगह, पकड़े जाने के जोखिम, और टेढ़ी-मेढ़ी मुद्राओं के बावजूद, अधिकाँश लोगों की लिए यह अनुभव मज़ेदार ही रहा थाI जाहिर है कि अगर किसी पुलिसवाले ने आपको रंगे हाथों पकड़ लिया, जैसा कि लगभग 10 प्रतिशत छात्रों के साथ हुआ भी था, तो आपके लिए यह अनुभव कटु अनुभव ही रहेगा, लेकिन उसके साथ-साथ यादगार भी रहेगाI
सन्दर्भ: सेक्शुअल बिहेवियर इन पार्कड कार्स रिपोर्टेड बाई मिडवेस्टर्न कॉलेज मेन एंड वीमेनI जॉर्नल ऑफ़ सेक्स रिसर्चI पब्लिश्ड ऑनलाइन 15 Sep 2016.
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