कुछ लोगों के लिए चूमना, सहलाना, चाटना सम्भोग जितना ही महत्वपूर्ण होता है- और शायद उतना ही ऑर्गैस्मिक भी! दूसरों के लिए ये असल एहसास की शुरुवात का पहला कदम होता है। महिलाओं के लिए फोरप्ले काफी महत्वपूर्ण होता है, उनकी योनि को लुब्रिकेट करने और उन्हें सम्भोग के लिए तैयार करने में। फोरप्ले के बारे में और जानिए!
क्या करें...
क्या करें...
- उन् हॉटस्पॉट्स को पहचानिए
सिर्फ लिंग या योनि पर ही ध्यान मत केन्द्रित करिए। हर व्यक्ति के लिए अलग अलग हॉट स्पॉट्स हो सकते हैं, यानि की शरीर के वो हिस्से जहाँ छूना और सहलाना उन्हें जादुई एहसास करता है। और उन्हें कामोत्तेजित कर देता है। जैसे की निप्पल्स, गर्दन, कान, पीठ या नितम्ब। लेकिन क्यूंकि हर व्यक्ति अलग है, तो बेहतर है की आप अपने पार्टनर के उस ख़ास हॉट स्पॉट की खोज करें। और ये खोज जारी रखें- सिर्फ किताब में लिखे अंगों तक सीमित न रहे. कुछ नया करके अपने साथी को सरप्राइज करें।
- घुला-मिला दीजिये
हर रोज़ एक ही चीज़ करने से ज्यादा बोरिंग और कुछ नहीं होता। अच्छा चुम्बन, स्तन पर हाथ, लिंग को ऊपर नीचे करना, और बस! अरे, कुछ और मज़ेद्दर करो, कुछ अलग करो! अलग अलग चीज़ें आज़माओ! अपने साथी को छूकर, अचानक से चूम कर चिढाओ। अरे कुछ चीज़ों का इस्तेमाल भी कर सकते हो जैसे पंख। चिकनाई पदार्थ का इस्तेमाल भी आप कर सकते हैं। अपने साथी की शरीर की भाषा को समझने की कोशिश करिए यह जानने के लिए की उन्हें क्या अच्छा लग रहा है और क्या नहीं। अगर आपको लगे की जो आप कर रहे हैं वो उन्हें पसंद आ रहा है तो करते रहिये. अगर नहीं, तो कुछ और कोशिश करिए। ज़रूरत है की जो आप करें वो बोरिंग ना हो। अपने साथी को सर्प्राइज़ करिए, क्यूंकि यही तो चाबी है बढ़िया फोरप्ले और सेक्स की! - एक दुसरे को बिगाड़ये
इससे अच्छा और कुछ नहीं लगता की आपका साथी आपको अच्छा अच्छा महसूस कराये। तो इसके लिए समय निकालिए। आलिंगन, चुम्बन, एक दुसरे के शरीर को सहलाना - सब कुछ करिए। अपना वो स्पेशल मस्साज वाला तेल निकालिए और एक दुसरे के शरीर पर लगाइए। कामुक छुअन बहुत अच्छी लगती है और शायद आपके साथी को मूड में ले आये, चाहे कुछ समय पहले तक उन्हें सेक्स का कोई मन ना हो। और हाँ कई बार यह सब करने के बाद भी शायद आपके साथी को सेक्स करने की इच्छा न हो, तो मन ख़राब मत करिए, शायद अगली बार यह सब काम आये!
- जल्दबाज़ी
फोरप्ले सबसे ज़्यादा ज़रूरी है महिलाओं के लिए। एक बार पुरुषों का लिंग तन जाए, तो उनके लिए तो सीधे सेक्स ही आता है। महिलाओं को थोडा समय लगता है मूड में आने के लिए, भावनात्मक और शारीरिक दोनों तौर पर। उनकी यॊनि में गीलापन आना ज़रूरी होता हा , ताकि जब लिंग यॊनि के अन्दर जाए तो दर्द महसूस ना हो। तो सेक्स के लिए जल्दबाजी करना अच्छा आईडिया नहीं है क्यूंकि वो सेक्स का मज़ा आप दोनों ही नहीं ले पाएंगे। और महिलाओं को इंटरकोर्स के दौरान ओर्गास्म हमेशा नहीं होता, तो इसका मतलब है की फोरप्ले और भी ज़्यादा ज़रूरी है उनको चरमानंद तक पहुचाने के लिए। और यह सब और ज़रूरी तब भी है जब आपका साथी सेक्स के बाद सीधे खराटे लेने वाला हो और भूल जाये की उसने अपनी साथी को संतुष्ट किया भी है या नहीं।
लेकिन हाँ, कई बार फोरप्ले छोड़कर सीधे 'क्विकी' कर लेना भी दोनों साथियों के लिए बहुत मजेदार हो सकता है। - ज़्यादा ना करो
हाँ तो फोरप्ले बहुत ज़रूरी है और मज़ेदार भी तो के इसका मतलब है की आप यह करते ही जाए, बस करते ही जाये? हम यह नहीं कह रहे है की यह बिलकुल अनिवार्य है - हम यह कह रहे हैं की यह सेक्स का मज़ा आप दोनों के लिए और बढ़ता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं की आप हर बार इसे करना अनिवार्य समझे।
और अगर आपके साथी को शीघ्र वीर्यपात की समस्या है, तो फिर ज़्यादा फोरप्ले आपके लिए नुक्सान दायक भी बन सकता है। ज़्यादा लम्बा फोरप्ले खीचने से शायद वो इंटरकोर्स पर पहुचने से पहले ही वीर्य निकाल दे। और यह भी हो सकता है की वो इसे रोक पाए लेकिन शायद फिर उसे बाद में वीर्यपात में परेशानी आये।
फोरप्ले का कोई परफेक्ट टाइम नहीं होता; यह हर एक के लिए अलग है, और कुछ दिन आप इसका मज़ा ज़्यादा लेना पसंद करते हैं और कुछ दिन नहीं। - फोरप्ले सिर्फ बिस्तर पर
फोरप्ले सिर्फ तभी शुरू नहीं होता जब आप दोनों बिस्तर पर हों। यह काफी पहले भी शुरू हो सकता है. घर के किसी भी कोने में, कार में, एक दुसरे को मदहोशी भरी निगाहों से देखना, एक दुसरे के शरीर के अंगो को छूना और एक दुसरे को चुम्बन देना। सिर्फ शब्दों से भी आप दोनों एक दुसरे को उत्तेजित कर सकते हैं। और बातचीत का मतलब यह नहीं की आप 'गन्दी' बात ही करें। इसका मतलब है की आप एक दुसरे की तारीफ़ भी कर सकते हैं और यह ज़ाहिर कर सकते है की आप एक दुसरे की तरफ कितना आकर्षित हैं।
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