आंटी जी- ओए होए, तू तो फंस गया पुत्तर, लड़का होकर सेक्स के लिए मना कर रहा हैI चलो जी, मान लिया। लेकिन केशव, अब तू कमर कस ले क्यूंकि अब तुझे कई घिसे पिटे सवालों का सामना करना पड़ेगाI
आधा-आधा
भाई आजकल दुनिया में बड़ा झोल-झाल चल रहा है! जब एक लड़की ना बोलती है तो हम सभी ना सिर्फ़ उसके पक्ष में बोलते हैं बल्कि उसके समर्थन में खड़े भी हो जाते हैंI लेकिन जब एक लड़का कहता है कि ‘नहीं, मैं अभी तैयार नहीं हूँ' तो लोग उस पर फब्तियां कसने शुरू कर देते हैंI अबे तू बंदा है या पायजामा! अब इसका मतलब जो भी हो, लेकिन मेरे ख्याल से नियम तो हर लिंग के लिए एक समान होने चाहिएI
खुद की पहचान संकट में
महिलाओं के साथ तो अक्सर होता आया है कि अपनी बातें सुनवाने और गंभीरता से लेने के लिए उन्हें लंबा संघर्ष करना पड़ता है, और यह अभी भी जारी है। अरे बाबा, “लड़की की ना में हां नही है।” सारे भाई लोग इस बात का घोल बना कर अपनी कानो में डाल लो! समाज में मौजूद रूढ़िवादी सोच ने सिर्फ़ महिलाओं के लिए ही भ्रम की स्थिति पैदा नहीं की है बल्कि लड़को को भी इस सोच से समस्या होती रही हैI
यदि आप पुरुष हैं तो आपके अंदर हर समय सेक्स करने की इच्छा प्रबल रहनी चाहिएI यदि आप पुरुष हैं तो पहल आपको ही करनी पड़ेगी। लेकिन लड़कियों के इशारे पर भी एक नज़र रखोI एक पुरूष सेक्स के लिए ना कहता है तो यह उसकी पसंद का मामला नहीं माना जाता है बल्कि यह तुरंत उसकी मर्दानगी को लेकर चिंता का विषय बन जाता है। इसे मर्दाना कमजोरी भी मान लिया जाता है। मैं बता रही हूं आजकल एक पुरुष बनना भी बहुत कठिन काम हो गया है।
सावधानी बरतो
तो बेटा, आगे क्या करने का सोचा है? तुझे उसे मना भी करना है और उसे यह भी नहीं लगना चाहिए कि तेरे अंदर कोई कमी हैI ना ही उसे यह लगना चाहिए कि वो तुझे सेक्सी नहीं लगतीI तुझे यह भी ध्यान रखना होगा कि ऐसा करने से तुम्हारे रिश्ते में कोई दरार नहीं पड़नी चाहिएI यौन संबंध बनाने के लिए देर से राज़ी होने का मतलब यह नहीं है कि आप अपनी पार्टनर को अस्वीकार कर रहे हैं, यह तो हरेक की निजी पसंद और सोच का मामला है।
शारीरिक संबंध बनाने की शुरूआत करना आसान बात नहीं है। यह कोई गुड्डे गुड़ियों का खेल नहीं है और केशव मुझे बेहद खुशी है कि तू इस बारे में इतनी गम्भीरा से सोच रहा हैI जहाँ तक मेरा ख्याल है तुझे सेक्स से परहेज तो नहीं है, हैं ना? बस तू अभी नहीं करना चाहताI लेकिन पुत्तर सेक्स का मतलब सिर्फ़ योनि प्रवेशित सम्भोग नहीं हैI सेक्स में ऐसा बहुत कुछ है जो तू अपने शिश्न को तकलीफ़ दिए बिना कर सकता है जैसे गर्लफ्रेंड को सहलाना, उसकी गर्दन पर उंगली फेरना या उसे दुलारना। इसे आप दोनों जितनी देर तक चाहें कर सकते हैं।
लेकिन अगर तू ऐसा भी कुछ नहीं करना चाहता और तेरी गर्लफ्रेंड को योनि प्रवेशित सेक्स ही चाहिए तो तुम दोनों इस समय नार्थ पोल और साउथ पोल की तरह होI मैं उम्मीद करूंगी कि तुम दोनों कोई बीच का रास्ता खोज निकालो, नहीं तो शायद मुझे तुम्हारे लिए एक और लेख लिखना पड़ेगा!
फैसले खुद लो
पुत्तर यहां सबसे बड़ी बात यह कि आपको यह कोई बताने नहीं आएगा कि “आप सेक्स के लिए तैयार हैं या नहीं ?” यह सिर्फ़ आपका अपना निर्णय होगा कि आप कब और किसके साथ शारीरिक संबंध रखेंगे। यह बात आप और आपके साथी दोनों पर लागू होती है मेरे ख्याल से तुम दोनों को पूरी समझदारी और आपसी सहमति ऐसा निर्णय लेना है जो तुम दोनों के लिए ठीक होI
यहां आपके पार्टनर की इस क्षमता पर सवाल नहीं किया जा रहा है कि वो आपको उत्तेजित कर सकती है या नहीं! वास्तव में देखा जाए तो यह उसकी जिम्मेदारी है भी नहीं, समझे? आपको तभी सेक्स करना चाहिए जब अंदर से आपको इसे करने की इच्छा हो और आप शारीरिक रूप से पूरी तरह तैयार हों। इसलिए नहीं कि पड़ोस वाले मल्होत्रा जी तुमसे पूछने वाले हैं कि और केशव बेटा, तुम मर्द बने या अभी भी मम्मी के प्यारे बेटे ही हो। ना ही इसलिए कि सब्जीवाला तुम्हें देखकर ताना मारे, 'और भैया..सब ठीक है ना'। इन कार्टूनों की बातों पर ध्यान मत देना केशव और वो करना जो तुम्हे सही लगेI
पहचान छिपाने के लिए चित्र में मॉडल का इस्तेमाल किया गया है।
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