आंटी जी कहती हैं...अच्छा जी! वैसे यह एक सुझाव है और हर किसी को अपने विचार व्यक्त करने की पूरी आज़ादी हैI क्यों?
लड़की का नज़रिया
पुत्तर वैसे तुझे इससे परेशानी क्या है? चल एक बार उसके नज़रिये से सोच कर देखते हैंI
देख पुत्तर, शारीरिक अनुकूलता भी एक रिश्ते के लिए उतनी ही ज़रूरी है जितना कि आपसी तालमेलI अगर यह बैठ गया तो कमाल हो जाएगा, लेकिन अगर तुम दोनों के शरीर एक दुसरे के साथ तालमेल ना बिठा पाएं तो तुम्हारे हनीमून का मज़ा किरकिरा हो सकता हैI जब तक तुम दोनों के शरीर एक दूसरे को समझेंगे, हनीमून खत्म होने को आएगाI
तो पुत्तर वो यही तो कह रही है कि अगर जाने से पहले ही तालमेल बैठ जाये तो हनीमून वाला 'चरण' मज़ेदार होने के साथ-साथ प्रयोगात्मक भी हो सकता हैI
लड़के का नज़रिया
दूसरी ओर अगर तू अभी इस सफ़र में गोते लगाने के लिए अपने आपको तैयार नहीं समझता तो तू भी अपनी जगह गलत नहीं हैI
यह आपका शरीर है और इसके साथ क्या करना है इसका पूरा अधिकार तेरे पास है - लेकिन हाँ अगर तू नहीं करना चाहता तो उसे यह ज़रूर बता देना कि तू अभी क्यों मना कर रहा है और हनीमून तक क्यों रुकना चाहता हैI
कभी-कभी हम सेक्स के बारे में संकोची महसूस करते हैं जबकि हमारा साथी इसके बिलकुल विपरीत होता हैI अब इसे एक अच्छी भागीदारी नहीं कहा जा सकता हैI इसलिए बेहतर है कि आप इस बारे में अपने साथी से बात करेंI
सही क्या है
अच्छा कार्तिक पुत्तर मुझे यह बता कि सिर्फ़ इसलिए कि तेरी होने वाली पत्नी शादी से पहले यह देखना/समझना चाहती है कि तुम दोनों के बीच सेक्स कैसा होगा, कहीं तेरे मन में यह सोच तो नहीं आ रही कि वो सेक्स के इस खेल में तुझसे बहुत आगे तो नहीं हैI 'यह तो सिर्फ़ ट्रेलर है कार्तिक, पूरी पिक्चर तो अभी बाकी है' - कहीं तेरे मन में यह ख्याल तो नहीं आ रहाI
मैं जानती हूँ कि जो महिलाएं सेक्स को लेकर बेबाक होती हैं उन्हें हमारे समाज में नीची नज़र से देखा जाता है और चालु समझा जाता है - यार औरत हो कर सेक्स?'
वैसे मुझे तो यह बात सुनकर हंसी आती हैI अरे भाई अगर कोई सेक्स के बारे में खुला नज़रिया रखता है तो वो तो एक अतिरिक्त बोनस हुआI
कम से कम तुझे अपनी बीवी को शुरुआत से तो नहीं बताना पड़ेगाI पता चले कि अनजाने में ही सेक्स की पूरी ज़िम्मेदारी तुझ पर आ गयीI सेक्स भी करना है, सिखाना भी है और इस दोहरे दबाव के चलते दोनों ही काम ढंग से नहीं हो पाए!
‘ज़िंदगी तो चॉकलेट के बॉक्स की तरह है’
तो धीरे धीरे कदम बढ़ाओI खुद के और उसके बारे में और एक दूसरे के शरीर के बारे ज़्यादा से ज़्यादा जानने की कोशिश करोI सेक्स से सम्बंधित परिस्थितियों को संभालने के तरीकों के लिए सामने वाले का सम्मान करो और खुद भी उनसे सम्मान की अपेक्षा करो - यह तो बेटा ऐसा तोहफ़ा है जो हर शादी में बिना किसी के दिए आता हैI
लेकिन इस तोहफ़े की एक ख़ास बात हैI शादी में आये बाकी उपहारों की तरह अगर आपको यह पसंद नहीं है तो इसे आप किसी और को नहीं दे सकते और ना ही वापस कर सकते हैंI इसे तो आपको खुद ही इस्तेमाल करना हैं जनाबI
तो उससे बेहतर यह नहीं होगा कि 'चॉकलेट बॉक्स' को पहले ही खोल कर देख लिया जाए? पता चले कि तुम दोनों काजू बादाम वाली चॉकलेट ढूंढ रहे थे और निकला मैसूर पाक!
यह बात अलग हैं कि हो सकता है कि तुम दोनों को ही मैसूर पाक इतना पसंद आये कि तुम दोनों चॉकलेट के बारे में भूल ही जाओI लेकिन कम से कम आप दोनों को पहले से तो पता होगा कि पैकेट में क्या मिलने वाला हैI जैसे कई बार यह भी होता है कि जब आप पहली चॉकलेट (या मैसूर पैक) खाते हैं, तो आपको इतना अच्छा लगता है कि आप रुक ही नहीं पाते और एक के बाद एक खाते ही रहते हैंI कितना अच्छा हो कि तेरा हनीमून ऐसा होI
लेकिन अंतिम फैसला तेरा ही रहेगाI सबसे पहले अपने मन में उछलते प्रश्नों का उत्तर ढूंढोI क्या हमें चॉकलेट बॉक्स खोलना चाहिए और देखना चाहिए कि हमें क्या मिलने वाला है? मुझे तो लगता है कि तुम दोंनो के लिए ही यह लाजवाब होगाI बाकी तुम जानो और जाने तुम्हरा मैसूर पाक!
शादी से पहले इन दिनों का पूरा आनंद लेना बेटा जीI तुम्हारी आंटी जी और पूरी लव मोटर्स की ओर से तुम दोनों की शादी की बहुत शुभकामनाएंI
* गोपनीयता बनाये रखने के लिए नाम बदल दिए गए हैं और तस्वीर के लिए एक मॉडल का इस्तेमाल हुआ हैI
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