Kissing couple
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अपने सेक्स जीवन को बेहतर बनाने का एक आसान तरीका

द्वारा Sarah Moses फरवरी 17, 11:30 पूर्वान्ह
क्या आप चाहते हैं कि आपके जीवन में सेक्स बेहतर हो जाए? अपने रिश्ते में प्यार बढ़ाने और मतभेद कम करने के बारे में सुझाव ढूंढ रहे हैं? सेक्सपेर्ट डॉ स्टेला रेस्निक कहती हैं कि इसके लिए "सकारात्मक लगाव" ज़रूरी हैI इसे याद रखने के दो बेहद आसान तरीके: सांस लेना और चूमनाI

डॉ स्टेला रेस्निक एक साइकोलोजिस्ट और सेक्सपेर्ट हैं जिन्हे रिश्तों को बेहतर बनाने का विशेषज्ञ माना जाता हैI WAS जो कि विश्व की एक जानी मानी सेक्षुअल हेल्थ कांग्रेस है, में उन्होंने लव मैटर्स से बातचीत की और बताया कि कैसे जवान जोड़े अपने सेक्स जीवन और रिश्तों में सुधार ला सकते हैंI

आपके शरीर की भाषा या हाव-भाव से आपके साथी को क्या संकेत मिलते हैं? केवल सांस लेने भर से आप एक मतभेद को लड़ाई में बदलने से कैसे रोक सकते हैं? और क्यों एक स्वस्थ यौनिक रिश्ते के लिए चूमना बेहद महत्त्वपूर्ण है? अगर एक दूसरे के प्यार में पूरी तरह सरोबार होना चाहते हैं तो आगे पढ़िए!

एल एम: केवल एक दूसरे के शारीरिक संकेत समझने से दो लोग कैसे अपना सेक्स जीवन बेहतर बना सकते हैं?

दे रेस्निक: मेरे ख्याल से यह बेहद ज़रूरी है कि आप अपनी भावभंगिमाओं के बारे में सचेत रहे क्यूंकि जब आप तनावग्रस्त होते हैं तो आपके हावभाव आपके साथी के व्यवहार को भी प्रभावित करते हैंI अगर आप क्रोधित हैं या किसी बात को लेकर परेशान है तो यह बात आपकी चेहरे और बात करने ले लहज़े में साफ़ नज़र आएगी और आपकी भावभंगिमा तनावग्रस्त प्रतीत होगीI

आपका साथी भी इसी बात का अनुसरण करेगा और अनजाने में वो भी आपके बोलने के तरीके और चेहरे के हावभाव की नक़ल करने लगेगाI जोड़े इसी तरह से एक दूसरे को प्रभावित करते हैं और इसे "भावात्मक लगाव" कहते हैंI

कुछ लम्बी साँसे लीजिये

ऐसी किसी स्थिति से बाहर निकलने के लिए ज़रूरी है कि आप कुछ गहरी साँसे ले जिससे आपका मानसिक तनाव कम होगा और आप अपने साथी तक अपनी बात ज़्यादा निष्पक्ष तरीके और आवाज़ में पहुंचा पाएंगेI इससे आप दोनों को उस मुद्दे को बिना किसी "भावात्मक लगाव" के सुलझाने में मदद मिलेगीI

आप यह भी चाहेंगे कि आप अपनी अप्रसन्नता ज़ाहिर कर सकें और अपने साथी को बता सकें कि उन्हें उनके बारे में कुछ बातें बदलनी होंगीI लेकिन यहाँ यह महत्त्वपूर्ण है कि आप अपने साथी के व्यवहार से पहले से ही व्यथित हैं और यह बात आपकी चीज़ें बदलने की मांग को कहने की आपकी क्षमता से  छेड़छाड़ कर सकती हैI

आप दोनों के बीच के मुद्दे में बहुत से जज़्बात जुड़े होते हैं और इस बात को स्वीकारना बेहद आवश्यक हैI लेकिन उन जज़्बातों का मूल कारण जानना हमेशा आसान नहीं होता और इसमें "कपल थेरेपी" (Couple therapy) सहायक हो सकती है, ऐसा कहती हैं डॉ रेस्निकI

डॉ रेस्निक: थेरेपी या मनश्चिकित्सा से पता चल सकता कि कौनसी बात आपको परेशान कर रही है? आप किस वजह से क्रोधित हैं? क्या यह आपके साथी के व्यवहार की वजह से है? क्या यह इस वजह से है कि आप अपने साथी के व्यवहार का क्या अर्थ निकालते है जिसकी वजह शायद पूर्व में आपकी उनसे रही उम्मीदें हो सकती है? क्या यह आपका डर है? क्या आपको किसी बात को लेकर शर्मिंदगी है? क्या आपको कोई आत्मग्लानि है? आपके साथी का आपके प्रति बर्ताव इन बातों पर निर्भर करता है और उनका आपके प्रति बर्ताव इस बात को प्रभावित करता है कि आपकी उनके प्रति क्या प्रतिक्रिया होती हैI

तो देखा जाए तो यह एक विषम चक्र या vicious cycle है और यही कारण है कि मनश्चिकित्सा बेहद आवश्यक है क्यूंकि तब एक तीसरा व्यक्ति जिसे आप दोनों की ही फ़िक्र है आप लोगों को यह बता रहा होता है कि कैसे आप दोनों एक दूसरे के बुरे व्यक्तित्व को बाहर निकाल रहे हैं जबकि होना इसका बिलकुल उलट चाहिएI

सकारात्मक पहलुओं पर बात करें

ज़रुरत सिर्फ इस बात को समझने की है कि कैसे हम एक दूसरे को सक्रिय करते हैंI और अगर सक्रिय करते हैं तो कैसे इसे सकारात्मक तरीके से कर सकते हैं? कैसे हम एक दूसरे को एक दूसरे के प्रति सहानुभूति रखने के लिए सक्रिय कर सकते हैं? कैसे उनसे और प्यार पा सकते हैं? कैसे उनके अंदर कृतज्ञता का भाव उत्पन्न कर सकते हैं? खासकर, कैसे एक दूसरे के अंदर वासनात्मक कामना उत्पन्न कर सकते हैं?

हम सकारात्मक भावों से एक दूसरे को सकारात्मक रूप से सक्रिय कर सकते हैंI सकारात्मक लगाव, सहानुभूति को जन्म देता है जबकि नकारात्मक सहानुभूति से स्पर्श संचार होता हैI

एल एम: हर जवान जोड़े के पास शायद मनश्चिकित्सा का विकल्प नहीं होताI क्या एक दूसरे में सकारात्मक लगाव उत्पन्न करने के लिए कुछ ऐसा है जो वो खुद कर सकते हैं?

डॉ रेस्निक: सबसे मुश्किल होता है जब दो असुरक्षित लोग एक दूसरे को और असुरक्षित बना देते हैं और उन्हें यह समझ ही नहीं आता कि वो दोनों ही इस समस्या का हिस्सा हैंI तो सवाल यह होना चाहिए: कि आप दोनों कैसे एक दूसरे के लिए समाधान खोज सकते हैं?

अब मैं आपको बताती हूँ कि कैसे आप समाधान का हिस्सा बन सकते हैं: जब आपका साथी गुस्से में हो तो उन्हें शांत करने की कोशिश करें ना कि उन्हें और भड़का देंI कैसे अपने साथी को शांत करें? एक दूसरे को पकड़े और गहरी साँसे लेंI

एक दूसरे को कसकर पकड़ें, अपनी आँखें बंद करें, और एक दूसरे को चूमें!

एल एम: ब्रीदिंग या साँस लेना क्यों इतना ज़रूरी है?

डॉ रेस्निक: इससे आपका तंत्रिका तंत्र संतुलित हो जाता हैI जब आप गुस्सेल और परेशान होते हैं तो आपके तंत्रिका तंत्र का सहानुभूतिशील हिस्सा कह रहा होता है "लड़ो या मरो"I ऐसी अवस्था में तंत्रिका तंत्र का दूसरा हिस्सा जो सहानुकम्पी होता है और हमें शांत करता है वो सक्रिय नहीं होताI

जब आप दोनों एक दूसरे को जकड़कर गहरी साँसे ले रहे होते हैं तो बाहर आने वाली साँसों से सहानुकम्पी तंत्रिका तंत्र सक्रिय हो जाता है और आपके तंत्रिका तंत्र को संतुलित कर देता है जिससे आपको अपने साथी के प्रति सहानुभूति उत्पन्न होती है और आप दोनों अपना ध्यान समस्या से हटाकर समाधान ढूंढने की और केंद्रित करते हैंI

एल एम: क्या आपके पास युवा जोड़ो के लिए और सुझाव हैं?

डॉ रेस्निक: मैं यहाँ एक और बात कहना चाहूंगी कि चूमना एक स्वस्थ यौनिक रिश्ते के लिए बेहद अहम हैI तो एक दुसरे को प्यार से आगोश में लें, गहरी साँसे लें, एक दुसरे की आँखों में प्यार से देखें, मुस्कराएंं और अपने होठों को अपने साथी के होठों से सटाकर कोमलतापूर्वक चूम लें और अपनी-अपनी  जिह्वाओं को एक दूसरे की खोज करने देंI ऐसे गीले चुम्बनो में एक दूसरे के थूक का आदान-प्रदान होता है जिसमे टेस्टोस्टेरोन (पुरुषो और महिलाओं के अंदर यौन आकर्षण का हारमोन) और डोपामाईन (उत्तेजक) जैसे जैव रसायन मौजूद होते हैंI तो एक दूसरे को प्यार से आगोश में लें, गहरी साँसे लें, एक दूसरे की आँखों में प्यार से देखें, मुस्कराएंं और अपने होठों को अपने साथी के होठों से सटाकर कोमलतापूर्वक चूम लें और बस चूमते रहेंI

वाह क्या शानदार शुरुआत है!

स्टेला रेस्निक PHd, बेवर्ली हिल्स कॉलिफोर्निआ में रहने वाली क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट हैंI उनकी नवीनतम किताब है "द हार्ट ऑफ़ डिजायर: कीज़ टू द प्लेषरज़ ऑफ़ लवI पूर्व में वो द प्लेषर ज़ोन नाम की किताब लिख चुकी हैंI

क्या आप इस जानकारी को उपयोगी पाते हैं?

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