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माँ-बाप या प्यार, किसे चुनेंगे आप?

अगर आपके माता-पिता को आपका साथी पसंद ना हो, तो क्या उसके साथ रिश्ते में रहने पर आप अपने आपको कसूरवार मांनेगे? लव मैटर्स ने कुछ युवाओं से इस बारे में उनकी राय जानने की कोशिश की...

मेरे माता-पिता मेरा भला ही चाहेंगे

-मयंक घोष (23) मैनेजमेंट ट्रेनी

अगर मेरे माता-पिता मुझे अपना रिश्ता ख़त्म करने को कहेंगे तो मैं वैसा ही करूँगा क्योंकि मुझे पता है कि वो ऐसा तभी कहेंगे जब उन्हें पूरा विश्वास होगा कि वो रिश्ता मेरे लिए सही नहीं होगा। उन्होंने हमेशा सही रास्ता चुनने में मेरी मदद की है और उन्हें पता है कि अपने साथी से सम्बन्ध खत्म करना कितना मुश्किल हो सकता है। इसलिए मुझे पूरा विश्वास है कि पूरी तरह सोच समझने के बाद ही वो मुझे ऐसा करने को कहेंगे।

हाँ, पर अगर फ़िर भी इस बारे में मेरे ख्याल उनसे अलग हए तो मेरे माँ-बाप मुझे समझेंगे और मेरे लिए हुए निर्णय की इज़्ज़त करेंगे। वो मुझे समझाने की कोशिश ज़रूर करेंगे लेकिन मुझे नहीं लगता कि इसको लेकर वो बहुत ज़्यादा हाय-तौबा मचाएंगे।

मेरा फैसला, मेरी गलतियां

-सुजाता घोसाल (24), एडवरटाइजिंग प्रॉफेशनल

इसमें इतना सोचने की क्या बात है? अगर मैं किसी को पसंद करती हूँ और उसके साथ रहना चाहती हूँ तो यह मेरा फैसला है, मेरा माँ-बाप का नहीं। उसके साथ ज़िन्दगी मैंने बितानी है, उन्होंने नहीं।

मैं इस समय ऐसी स्थिति में नहीं हूँ लेकिन अगर कभी ऐसा मौक़ा आएगा तो इसके लिए मुझे अपने माता-पिता की सहमति की ज़रुरत नहीं है। मैं अपने फैसले खुद ले सकती हूँ और अगर कोई गलती हुई तो उसकी भी ज़िम्मेदार मैं ही होंगी।

मेरे लिए यह बहुत मुश्किल होगा

-बंसी मेहता (22), पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट

मेरे माता-पिता मेरे जीवन से जुड़े हर अहम् फैसले में मेरे साथ रहे हैं, फ़िर चाहे वो पढ़ाई को लेकर हो या कैरिएर को लेकर। किसी से प्यार भरा रिश्ता जोड़ना भी ऐसा ही एक अहम् फैसला होगा और इसलिए अगर मेरे माता-पिता मेरे फैसले से खुश नहीं होंगे तो मुझे बेहद ठेस पहुंचेगी। निस्संदेह मैं अपने आपको कसूरवार समझूँगा।

आखिर जब मेरे माता-पिता ही मेरे लिए फैसले से खुश नहीं होंगे तो मैं खुश कैसे रह सकता हूँ। मैं उन्हें समझाने की कोशिश ज़रूर करूँगा लेकिन मैं चाहूँगा कि ऐसी स्थिति कभी ना आये।

मैं कभी भी ऐसी नौबत नहीं आने दूंगी

-दीप्ति साठे (27), डेंटिस्ट

मुझे नहीं लगता कि मेरे साथ कभी भी ऐसा हो सकता है। अपनी ज़िन्दगी के हर छोटे-बड़े फैसले में मैं अपनी माँ की राय लेती हूँ तो फ़िर दिल से जुड़े मामलो में उनसे पूछने में कैसी शर्म। मेरी माँ और पिता दोनों ही परिपक्व और समझदार हैं और उन्होंने मुझे यही सिखाया है कि हमेशा सोच समझ कर फैसले लेने चाहिए।

मुझे नहीं लगता कि मैं उनके खिलाफ जा कर किसी से रिश्ता जोड़ूंगी। बल्कि मेरे लिए तो पहली शर्त ही यह होगी कि मेरे माँ-बाप को वो पसंद आना चाहिए। मैं अपने माँ-बाप की इकलौती संतान हूँ और मैं चाहूंगी कि वो शादी के बाद भी मेरे जीवन से जुड़े रहें।

आप कैसे अपने माँ-बाप से बात करेंगे? अपने सवाल हमसे फेसबुक पर या हमारे फोरम जस्ट पूछो पर साझा करें।