आंटी जी , 'बेटा ये राशि और कुंडली भी ना बहुत अज़ीब चीज़ है। चलो देखते हैं, क्या कर सकते हैं।'
सितारों का उतार चढ़ाव
अंकिता, सच बताऊं तो कुंडली और राशि देखना मुझे भी अच्छा लगता है। जानती हो क्यों? अगर कुछ भी ग़लत हुआ तो कम से कम हम अपने सितारों को दोष तो दे सकते हैं। अब तुम मुझे एक बात बताओ, तुम अपनी राशि वाले कितने लोगों को जानती हो। कम से कम 10 को तो जानती ही होगी?
तेरी कक्षा या कॉलेज में तुम्हारी राशि के कितने लोग हैं? शायद सैकड़ों होंगे, है ना? फिर तू कैसे कह सकती है कि इस राशि के सभी लोगों की किस्मत तेरे जैसी है? फ़िर तो इनमें से हर किसी का रिश्ता ख़राब हो जाएगा। तुम्हें लगता है कि ये हो सकता है? बेशक नहीं।
सितारों का झुकाव
वास्तव में सितारे सिर्फ़ लोगों का ध्यान भटकाने का काम करते हैं। कभी-कभी जब हम बुरे दौर से गुज़र रहे होते हैं तो हम सभी चीज़ों पर यकीन करना शुरू कर देते हैं। ऐसे में हमें एक सहारा चाहिए होता है जो हमें उस मुसीबत से बाहर निकाले और इसीलिए हम राशिफल पर भरोसा करते हैं।
लेकिन यह महज़ ख़ुद को तसल्ली देने की कोशिश है। बेटा अंकिता, एक अच्छा रिश्ता आपसी समझ, प्यार, एक दूसरे में दिलचस्पी, विश्वास, सहमति और एक दूसरे की परवाह पर निर्भर करता है।
बेशक रविवार के अखबारों में या फिर इधर उधर से जो कुछ भी तुम्हारे हाथ लगे वहां तू अपने पसंदीदा ज्योतिषी को पढ़ सकती हैI लेकिन उनकी बातों में आने की ज़रूरत नहीं है और ना ही इसे अंतिम सत्य मानने की। ये सिर्फ़ हमें भ्रमित करते हैं और नुकसान पहुंचा सकते हैं।
अलग रणनीति
इसलिए तुम्हें कुछ और करने की कोशिश करनी चाहिए। अच्छा एक बात बता, तू रिश्तों को बेहतर बनाए रखने के लिए ख़ुद क्या करती है? अपने पुराने रिश्तों से तूने जो कुछ भी सीखा या समझा, तेरे ऊपर उसकी क्या छाप पड़ी है।
मुझे लगता है कि हमें अपना भी मूल्यांकन करना चाहिए। जैसे कि मुझे अपने पार्टनर की ड्रेसिंग सेंस बिल्कुल पसंद नहीं है। लेकिन वो जैसे भी हैं मैं उनसे प्यार करती हूं। अगर वो रणवीर सिंह की तरह कपड़े पहनता है तो मुझे भी दीपिका बनना पड़ेगा।
इसी तरह तुझे भी इस बात का एहसास होना चाहिए कि ऐसी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। ऐसी बातों को अपने राह का रोड़ा बनने ही ना दो और कुछ नए नियमों के साथ अपने रिश्ते की शुरूआत करो।
रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए आपके साथ-साथ आपके पार्टनर की भी भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इसके लिए किसी को दोष मत दो, कम से कम नक्षत्रों को तो बिल्कुल नहीं।
सूरज और तारे
कॉलेज के दिनों की मेरी एक दोस्त इन चीज़ों में आंखें बंद करके भरोसा करती थी। अगर अपने घर के अखबार में उसे राशि पढ़कर संतुष्टि नहीं मिलती तो वो मुझे फोन करके पूछती कि मेरे घर के अखबार में उसकी राशि के बारे में क्या लिखा है। जल्दी ही यह हमारा रोज़ का काम बन गया।
लेकिन पेपर पढ़ने के बाद हम भूल जाते थे कि हमने क्या पढ़ा था और हमारे राशि में क्या बुरा होना लिखा था। राशि पढ़ने का एक मात्र फ़ायदा यह था कि इससे हमें हर रविवार को एक दूसरे से बात करने का समय मिल जाता। दोस्ती पक्की। लेकिन मुझे यह याद नहीं रहता कि इस हफ्ते सूर्य क्या संकेत कर रहा है या हमारी दोस्ती बेहतर होने वाली है या ख़राब।
एक बात हमेशा याद रखना अपने रिश्ते के चाँद सितारे आप ख़ुद ही हैं। इसलिए अपना बेहतर करने की कोशिश करें। इससे कम से कम इस बात की तसल्ली तो रहेगी कि आपने कोशिश की और कोशिश रंग लायी। अगर आप ऐसा नहीं करती हैं तो शायद आप उनकी आंखों का तारा नहीं बन सकती।
*गोपनीयता बनाये रखने के लिए नाम बदल दिए गये हैं।
यह आलेख पहली बार ८ फरवरी २०१९ को प्रकाशित हुआ था।
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