आंटी जी कहती हैं ... ओह हो बेटा राघव, तेरी बातें सुनकर ऐसा लग रहा है कि तू लड़कियों की पूरी की पूरी प्रजाति से डरा बैठा हैI चलो देखते हैं कि क्या कुछ चीज़ें बदलने से तेरी मदद हो पाएगीI
अपने आपको इतने हलके में ना ले पुत्तर
पहली बात तो यह है बेटा कि कभी भी अपने आपको अपनी ही नज़रों में मत गिरने दोI अगर हम बार-बार यही बात सोचेंगे कि हम बहुत औसत हैं और हमारे पास कुछ भी कहने के लिए नहीं है तो हमें यही लगेगा कि जिस लड़की में हम रुचि रखते हैं, वो हमें बिलकुल पसंद नहीं करेगीI लेकिन भाई अब तो आप जैसे हो वैसे ही हो और वैसे भी कोई भी ऊपर से किसी के लिए निर्देशानुसार बन कर नहीं आया हैI हैं ना?
एक बात याद रख, अगर तुम दोनों के बीच आपसी तालमेल अच्छा है तो आधी जंग तो तू पहले ही जीत चूका है क्योंकि ऐसा होने पर हम लोगों को अपने जीवन में जैविक रूप से व्यवस्थित करना शुरू करते हैं। मान लीजिए आपको विमान विद्या में रूचि है और वे भारतीय साहित्य पसंद करते हैं, अब इसमें कुछ भी गलत नहीं हैI जल्द ही आप एक-दूसरे के जुनून और रुचियों को ना सिर्फ़ पसंद बल्कि प्रशंसा करना भी शुरू कर देते हैं - इसके लिए ज़रूरी नहीं कि आपको अपने साथी की हर रूचि के बारे में सब कुछ अच्छी तरह से पता हो!
एक और बात अपने दिमाग में डाल लेI यह लड़कियां किसी दुसरे ग्रह से नीचे नहीं उतरी हैं और ना ही वो यह चाहती हैं कि आप उन्हें आसमान में बिठा कर रखेंI वे भी तेरी ही तरह एक आम प्राणी हैं और उनके मन में भी वही भाव होते हैं जो तेरे मन में हैंI क्या पता जिस लड़की को तू पसंद करता है वो भी तेरी तरह शर्मीली हो और इस बात का इंतज़ार कर रही हो कि कब तू पहला कदम उठाएगाI तो पुत्तर विश्वास से आगे बढ़ और उस लड़की की तरफ़ दोस्ती का हाथ आगे बढ़ा!
डर को दिल से निकाल फेंक
मुझे पता है कि तू सोच रहा होगा कि "अगर उसने मुझे ठुकरा दिया तो?", "मैं उसके काबिल ही नहीं हूँ तो फ़िर कोशिश करके क्या फायदा?"I लेकिन पुत्तर एक बात बता कि जब तक कोशिश नहीं करेगा तब तक पता कैसे चलेगा कि काबिल है या नहीं? चलो एक बार मान भी लिया जाए कि उसने तुझे पसंद नहीं किया - तो? पुत्तर उसके मना करने से तेरी ज़िंदगी थोड़ी रुक जाएगीI ज़रूरी थोड़ी है कि जिस व्यक्ति से पहली बार मिले उसी के साथ सात जन्मो के लिए हमारा रिश्ता बन जाएगाI बेटा अगर तू ऐसा सोचता है तो मुझे कहना पड़ेगा कि ज़िन्दगी जीने का तेरा यह नज़रिया बेहद संकीर्ण हैI अरे पुत्तर, बाहर निकल, लोगों से मिलI कुछ के साथ दोस्ती कर, कुछ को मना कर, कुछ तुझे मना करेंगेI यह सब भी हमें बहुत कुछ सिखाता है और हमें पता चलता है कि हमारे लिए क्या सही है और क्या नहींI
साफ़ सफाई का ध्यान रख
यदि तू हमेशा इसी बात को लेकर चिंतित रहेगा कि तू कैसा लग रहा है तो ज़्यादा संभावना इसी बात की है कि एक लड़की के आने से पहले ही तू वहां से भाग खड़ा होगाI अरे मेरे भाई हर लड़की जॉर्ज क्लूनी या टॉम क्रूज़ को नहीं ढूंढ रही होती हैI साफ़ सुथरा बन कर रहेगा, तेरे शरीर से अच्छी खुशबु आ रही होगी, बस इतना ही बहुत हैI आपकी व्यक्तिगत शैली भी उतनी ही महत्त्वपूर्ण है जितनी कि आपकी शकल, कई बार आपकी शकल से ज़्यादाI
आहिस्ता..आहिस्ता
अंत में तुझे यह और बताना चाहूंगी कि कोई भी लड़की मत पसंद कर लेनाI यह सोच मत रखना कि कोई भी हो, बस लड़की होनी चाहिए! अरे, क्या कोई एक 'सांत्वना पुरस्कार' के लिए रेस में भागता है? नहीं नाI इसलिए, शुरू में उन एक-दो लड़कियों पर ध्यान केंद्रित कर जिन्हें तू वास्तव में पसंद करता हैI कोशिश कर कि उनका नंबर ले और फ़िर उनसे व्हाट्सप्प पर बात शुरू करI लेकिन यह ध्यान रखना कि नंबर उनसे ही लेना है, यह नहीं कि कहीं से चोरी छुपे उठा लियाI
थोड़ी बात आगे बढ़े तो मिलने की कोशिश कर - लेकिन एक समय में एक ही लड़की से मिलना! पहली मुलाक़ात में ही उनसे फ़िल्म देखने के लिए मत पूछ लेना, बेचारी डर जाएंगीI कॉफ़ी के लिए मिलना ज़्यादा बेहतर रहेगा, या फ़िर किसी पार्क की सैर भी कर सकते होI फ़िर जब उसे धीरे-धीरे तुझ पर भरोसा हो जाए और तुम दोनों को एक दूसरे की बातें अच्छी लगने लगे तो तू उसे डेट करने के लिए पूछ सकता हैI
जब भी किसी लड़की से मिलने जाओ तो कभी भी अपने किसी दोस्त को लेकर मत जानाI क्यों? अरे भाई कबाब में हड्डी किसको अच्छी लगती है? शर्म को ताक पर रख पूरे आत्मविश्वास से आगे बढ़ और मुझे पूरा विश्वास है कि तू जल्दी ही लड़कियों में लोकप्रिय हो जाएगाI कहीं ऐसा ना हो कि 'किस किस से प्यार करूँ' तेरा तकिया कलाम बन जाएI
तस्वीर में एक मॉडल का इस्तेमाल किया गया है
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