He wants more sex, I do not. Help!
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हमारी यौन इच्छाएं मेल नहीं खातीं, मदद करें!

द्वारा Auntyji अक्टूबर 9, 10:22 पूर्वान्ह
नमस्ते आंटी जी, मुझे सेक्स करना अच्छा लगता हैं लेकिन मेरा पार्टनर रोज़ सेक्स करना चाहता है। हमारी इच्छाएं मेल नहीं खाती हैं और इसकी वज़ह से हम दोनों के बीच बहस होती रहती है। मैं उसे प्यार करती हूं लेकिन इस स्थिति से कैसे निपटूं। कीर्ति, 25 वर्ष, चेन्नई।

आंटी जी कहती हैं- बेटा जी यह तो सच में बहुत कठिन स्थिति है। लेकिन चिंता ना करो पुत्तर। कोई ना कोई उपाय निकालते हैं।

सामान्य धारणा

लोगों की एक गलत धारणा यह है कि अगर आप रिश्ते में हैं तो आपको हर रोज़ सेक्स करना चाहिए। लोग सेक्स को ही आपके प्यार और योग्यता की निशानी मानते हैं।

जबकि मामला यह नहीं है!

यह तो कोई बात हुई नहीं कि सेक्स करने से ही सब कुछ ठीक हो जाता है। कौन ऐसा कहता है? बताओ। क्या यह तुम दोनों के बीच सब कुछ बेहतर बना देता है? बिल्कुल नहीं, इसका कोई लेना देना नहीं, है कि नहीं? इसलिए तुम देखोगी कि सिर्फ़ तुम्हारा पार्टनर ही ऐसा नहीं चाहता है बल्कि यह बना बनाया एक सिस्टम है जो दोनों के लिए काम करता है।

प्यार की ख़ातिर 

तो हमें क्या करना चाहिए? सच कहूं तो कीर्ति बेटा यह बहुत कठिन स्थिति है। मुझे मालूम है कि हममें से बहुत से लोग चाहे वह स्त्री हो या पुरुष, प्यार, रिश्तों और एक दूसरे के साथ की ख़ातिर कई बार पार्टनर की फ़रमाइश और यौन इच्छाओं के आगे झुक जाते हैं।

उत्तर भारत में इस मामले में अक्सर लोग कहते मिल जाते हैं कि : ये सब चलता रहता है, इसी तरह कट जाएगी ज़िंदगी।

लेकिन वास्तव में इसका कोई नियम नहीं है कि यह कैसे होना चाहिए। एक दिन आप खुद इसकी गिरफ्त में आ जाते हैं और तब आपको एहसास होता है कि भले ही मेरा शरीर इसमें शामिल हो लेकिन मेरा दिल और दिमाग़ नहीं ...यह कब हुआ और मैंने इसे क्यों होने ही दिया।

आखिरकार दिल की सुनकर ही आपने यह रिश्ता बनाया। आप कहती हैं कि आप उसे प्यार करती हैं, तो ये नियम कब बदल गए?

ठीक है

कीर्ति बेटा, पार्टनर के साथ हमारी इच्छाएं मेल खातीं तो क्या जीवन हमेशा आसान होता? ज़रा सोचो तब क्या होता? हम दोनों एक ही टीवी चैनल देखते, हम दोनों एक ही रेस्तरां में खाना खाते और हम दोनों एक ही फ़िल्म देखने जाते! सुनने में एकदम काल्पनिक लगता है। है ना?

लेकिन हां, सच्चाई इससे कोसों दूर है। अवास्तविक होने के अलावा हमारी इच्छाएं (और मैं सिर्फ यौन इच्छाओं के बारे में ही बात नहीं कर रही हूं) निर्धारित नहीं हैं। वे अलग अलग कारणों से जीवन भर बदलती रहती हैं, जैसे - तनाव, आघात, प्रसव, उम्र बढ़ना, बच्चे का जन्म, विभिन्न दवाओं के दुष्प्रभाव जैसे जन्म नियंत्रण की गोलियाँ, शारीरिक दर्द, आदि।

यदि तुम और तुम्हारे पार्टनर को एक समय में एक जैसी यौन इच्छाएं नहीं होती हैं तो घबराओ मत। वास्तव में यह जोड़ों (कपल्स) के बीच बहुत सामान्य है - ख़ासतौर से उन लोगों के साथ जो लंबे समय से एक साथ हैं और अपने जीवन में कभी ना कभी बेमेल यौन इच्छाओं से निपटने की कोशिश करते हैं।

आत्मनिरीक्षण

कुछ समय निकालकर अपने आप से बात करो। अपना आत्मनिरीक्षण करो। उस समय के बारे में सोचो जब तुम दोनों का रिश्ता शुरू हुआ था, एक दूसरे का साथ अच्छा लगता था और जब एक दूसरे से दूर भी नहीं रह पाते थे। तुम्हें वह ख़ूबसूरत एहसास याद है जब तुम हमेशा उसके करीब रहना चाहती थी? यह कब बदल गया? इसके बारे में सोचो।

क्या उसने तुम्हारी ख़ुशी की परवाह करना बंद कर दिया? क्या वह थोड़ी देर ही फोरप्ले करने लगा? क्या तुम अपने काम / घरेलू कामों के कारण बहुत थक जाती हो और रात में सेक्स के लिए कोई ऊर्जा नहीं बचती है? क्या उसकी यौन इच्छाएँ अचानक बदल गईं और तुम्हारी यौन इच्छाएं उससे मेल नहीं खा रही हैं?

इन सभी संभावित कारणों को ढूंढो। इसका ज़वाब सिर्फ़ तुम्हारे ही पास है कीर्ति बेटा।

यह भी सोचो कि तुम्हें क्या पसंद है। क्या तुम्हें किसी अलग पोजीशन में यौन उत्तेजना होती है? जैसा वह अभी करता है क्या इससे अलग तरीके के बारे में सोचकर तुम उत्तेजित होती हो? क्या वह तुमसे कम बातें करता है या पहले की तरह अब तुम्हारा दोस्त नहीं रहा? क्या तुम दोनों के बीच संवाद की कमी है जिसके कारण यौन इच्छाएं बदल गयी हैं?

और भले ही चीज़ें हमेशा से इसी तरह रही हों और तुम दोनों की इच्छाएं मेल ना खाती रही हों लेकिन फिर भी इसके बारे में सोचने की ज़रूरत है। तुम्हें क्या पसंद है? तुम्हें क्या नहीं अच्छा लगता है? तुम अपनी भावनाओं को उससे क्यों नहीं बता पा रही हो? कौन सी चीज़ तुम्हें रोक रही है? क्या चीज़ें अलग हो सकती हैं?

कीर्ति बेटा, जब  तुम्हें इसका स्पष्ट और सटीक कारण पता चल जाए तो अपने पार्टनर से इसके बारे में बात करो।

बात करने से…

बेटा, वो डायलॉग तुमने सुना है ना कि बात करने से ही बात बनती है? इसलिए उससे बात करो। किसी वीकेंड जब तुम दोनों घर पर रहो तो तो अपना पसंदीदा खाना ऑर्डर करो (सिर्फ उसकी पसंद का नहीं, बल्कि अपनी भी पसंद का) और उसे बताओ की तुम उससे कुछ बात करना चाहती हो।

तुम्हारे मन में जो कुछ भी चल रहा हो, उससे साझा करो। उसे बताओ कि जब वह रोज सेक्स करने के लिए कहता है तो तुम्हें कैसा लगता है। उससे पूछो कि जब तुम सेक्स का मज़ा नहीं ले पाती हो लेकिन सिर्फ़ उसके लिए करती हो तो वह कैसा महसूस करता है। उससे जानने की कोशिश करो कि वह तुम्हें लेकर क्या महसूस करता है।

जब तुम दोनों इस बारे में खुलकर बातें करोगे तो इसका कोई ना कोई समाधान जरूर निकल आएगा।

यदि वह तुम्हारे साथ और अधिक समय बिताने के लिए तैयार है तो उसे एक मौका दो। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उसे दिल खोलकर स्वीकार करो। ताली एक हाथ से नहीं बजती है ना। तुम दोनों को हर बार दोनों हाथों का इस्तेमाल करना पड़ेगा। तुमने वो गाना सुना है - चलो इक बार फिर से अज़नबी बन जायें हम दोनों? तो फिर नए सिरे से शुरू करो ना!

हालांकि अगर वह स्थिति के बारे में बात करने में दिलचस्पी नहीं लेता है और सारा दोष तुम्हारे सिर मढ़ देता है और बदलना नहीं चाहता है तो तुम्हें एक बार फिर से सोचने की ज़रूरत है। बेटा कीर्ति अपनी रिलेशनशिप के बारे में थोड़ा समय लेकर सोचो। हालांकि यह तुम्हारा अंतिम कदम नहीं होना चाहिए। सबसे पहले तो ..अजनबी बनके देखो।

*गोपनीयता बनाये रखने के लिए नाम बदल दिए गये हैं।

क्या आप भी कोई सवाल पूछना चाहते हैं? नीचे कमेंट करिये या हमारे फेसबुक पेज पर लव मैटर्स (एलएम) के साथ उसे साझा करें। यदि आपके पास कोई विशिष्ट प्रश्न है, तो कृपया हमारे चर्चा मंच पर एलएम विशेषज्ञों से पूछें।





 

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आयशा बेटे आप उनसे प्यार और विश्वास के साथ इसकी वज़ह पूछिए. लेकिन अगर आप दोनों में प्यार है तो विश्वास भी रखिये - पहले की तरह बात न करने की कोई दूसरी/अन्य वज़ह भी हो सकती है. यदि इस मुद्दे पर आप और गहरी चर्चा में जुड़ना चाहते हैं, तो हमारे डिस्कशन बोर्ड, " जस्ट पूछो" में ज़रूर शामिल हों. https://lovematters.in/en/forum
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