वैसे, हम यहाँ बात कर रहे है ज़्यादातर इस्तेमाल होने वाले पुरुष कॉन्डोम की , लेकिन महिला के कॉन्डोम भी होते हैं जो कि योनि के अंदर पहने जाते हैं।
मिथ्या 1: कॉन्डोम का इस्तेमाल सेक्स का मूड ख़राब कर देते हैं और दोनों साथियों के लिए उत्तेजना का मज़ा भी।
कॉन्डोम का इस्तेमाल आपके उस ख़ास पल को बिलकुल ख़राब नहीं करता। उदाहरण के तौर पर, आप कंडोम पहनने कि प्रक्रिया को फोरेप्ले का हिस्सा बना सकते हैं। हमारी ख़ास टिप्स पढ़िए इस बारे में!
कॉन्डोम बहुत अलग-अलग साइज़, आकार, रंग, बनावट और स्वादों में आते हैं, तो आप इस तरह कि विविधता का पूरा मज़ा उठा सकते हैं!
और कॉन्डोम असल में सेक्स का मज़ा और बढ़ा भी सकते हैं। एक नए शोध के अनुसार कॉन्डोम पुरुष के लिंग कि संवेदनशीलता को थोडा कम करता है। लेकिन उन पुरुषों के लिए जिन्हे लगता है कि उनका वीर्यपात जल्दी हो जाता है, उनके लिए कॉन्डोम का इस्तेमाल मददगार साबित हो सकता है।
सबसे ज़रूरी बात तो यह है कि आपके दिमाग में कोई भी चिंता आपके सेक्स का मज़ा खराब कर सकती है। अगर आप रिलैक्स होकर सेक्स करेंगे, वो भी बिना गर्भवती होने के डर से या किसी तरह से यौन संक्रमण रोग के डर से तो आप सेक्स का पूरा मज़ा ले पाएंगे।
मिथ्या 2: कॉन्डोम इस्तेमाल कि ज़रूरत नहीं है अगर वो वर्जिन है।
जब आप पहली बार सेक्स करते हैं, तब भी गर्भवती होने का और सेक्स संक्रमित रोग होने कि सम्भावना होती है। अनचाहे गर्भधारण से और यौन संक्रमित रोग से बचने का केवल एक ही तरीका है, और वो है कंडोम का इस्तेमाल जिसमे पुरुष और महिला दोनों के कंडोम शामिल हैं। पढ़िए:पहली बार सेक्स।
मिथ्या 3: दो कॉन्डोम का इस्तेमाल करना ज़्यादा सुरक्षित है।
एक समय पर दो कॉन्डोम का इस्तेमाल बहुत ही बेकार विचार है, क्यूंकि फिर तो कॉन्डोम के फटने कि सम्भावना बढ़ जाती है। कॉन्डोम का इस्तेमाल इस तरीके से करने के लिए बना भी नहीं है - और अगर ऐसा होता तो कंडोम बनाने वाले डबल कॉन्डोम भी बना देते!
एक कॉन्डोम का इस्तेमाल उतना सुरक्षित है जितना वो हो सकता है - ज़रूरी है इसका सही से इस्तेमाल!
मिथ्या 4: कॉन्डोम आसानी से फट सकते हैं और सेक्स करते समय आसानी से बाहर फिसल भी सकता है।
अधिकतर किस्सों में, जहाँ कॉन्डोम फट जाता है या फिसल कर बाहर आ जाता है, ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि कॉन्डोम सही तरीके से पहना ही नहीं होता है। उदहारण के तौर पर, तैल रुपी चिकनाई पदार्थ से कंडोम फट सकता है। लेकिन कॉन्डोम को सही से इस्तेमाल करने से, कॉन्डोम के प्रभावशाली ना होने कि सम्भावना केवल 3 प्रतिशत रह जाती है।
सिर्फ यह जानना ज़रूरी है कि कंडोम को ठीक तरीके से कैसे पहने - कॉन्डोम पहनने कि जानकारी के बारे में पढ़िए और साथ में सुरक्षा कि टिप्स भी।
मिथ्या 5: कॉन्डोम इस्तेमाल से आपको कैंसर हो सकता है या आपके स्पर्म (शुक्राणु) पर भी असर डाल सकता है।
कॉन्डोम के इस्तेमाल से जुड़े हुए कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं हैं। इसका इस्तेमाल पूरी तरह सुरक्षित हैं और यह तो आपको अनचाहे गर्भधारण से और यौन संक्रमित रोग से बचाता है, जिसमे ग्रीवा सम्बन्धी कैंसर भी शामिल है, और निष्फलता भी। कॉन्डोम पुरुष के शुक्राणुओं की गुणवत्ता को बिल्कुल प्रभावित नहीं करता है।
मिथ्या 6: जब कॉन्डोम सेक्स के बीच में फिसल जाता है, तो महिला कि योनि या गर्भाश्य में ही गुम हो जाता है।
अगर कंडोम को सही तरीके से पहना जायेगा या उतारा जायेगा, तो उसके फिसल जाने कि सम्भावना बहुत कम होती है। लेकिन अगर ऐसा होता भी है, तो उसको योनि के अंदर से बाहर निकालना बहुत आसान होता है। आप खुद अपने हाथ से उसे निकाल सकते हैं। और अगर ना भी कर पाएं, तो अपने डॉक्टर के पास जाकर आप उनकी मदद लेकर इसे निकाल सकते हैं। लेकिन, क्यूंकि कंडोम फिसल जाने से शुक्राणु शायद योनि अंदर चला गया हो, तो आपातकालीन गर्भनिरोधन लेना ना भूलें।
मिथ्या 7: जिन लोगों को रबड़ से एलर्जी होती है वो कॉन्डोम का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
रबड़ वाले कॉन्डोम सबसे ज़्यादा कारगर है अनचाहे गर्भधारण और यौन संचारित रोग से बचाने के लिए। लेकिन अगर आपको रबड़ से एलर्जी है तो आप भेड़ कि खाल से बने कंडोम या पॉलीयूरीथेन से बने कंडोम का इस्तेमाल कर सकते हैं। पॉलीयूरीथेन कॉन्डोम रबड़ कंडोम के बाद सबसे अच्छा विकल्प है। ये कंडोम थोड़े ज़्यादा पतले और महंगे होते हैं। एक अच्छी बात यह बाई कि इसमें आप अपने साथी कि गर्माहट और भी अच्छे से महसूस कर सकते हैं।
पॉलीयूरीथेन से बने कॉन्डोम भी अनचाहे गर्भधारण से और यौन संक्रमित रोग से बचाने के लिए उतने ही कारगर होते हैं जितने कि रबड़ वाले। लेकिन क्यूंकि यह ज़्यादा पतले होते हैं, तो इनके फटने का या फिसलने का डर थोडा ज़्यादा होता है। लेकिन भेड़ कि खाल वाले कंडोम केवल अनचाहे गर्भधारण से ही बचाव करता है लेकिन यौन संक्रमित रोग से नहीं।
मिथ्या 8: जिन पुरुषों के लिंग बड़े होते हैं, वो कॉन्डोम का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
कॉन्डोम अलग-अलग- साइज़ और आकार में आते हैं, लेकिन अधिकतर कॉन्डोम लगभग सभी को उचित रूप से आ जाते हैं। अगर आप किसी तरह के कॉन्डोम से तकलीफ़ महसूस करते हैं, तो आप कोई और ब्रांड वाला कॉन्डोम इस्तेमाल करके देख सकते हैं।
क्या आपने सेक्स के बारे में कोई मिथ्या सुनी है और सोच में हैं कि वो सच है या नहीं? हमें बताइये और हम आपको देंगे सारे तथ्य और तोड़ेंगे सारे मिथ्या! यहाँ लिखिए या फेसबुक पर हो रही चर्चा में हिस्सा लीजिये।