गर्भधारण करने के बाद महिला के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आता है। लेकिन बिना पूर्व योजना के गर्भधारण करने से जीवन इससे कहीं अधिक प्रभावित होता है। इससे गर्भवती महिला या दंपत्ति को कई तरह की कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है, जिसके बारे में ना तो उन्हें पहले से अंदाज़ा होता है,और ना ही वे इसके लिए भावनात्मक, आर्थिक और शारीरिक रूप से तैयार होती हैं।
इस स्थिति में गर्भपात कराने का फ़ैसला करने से उन्हें भावनात्मक चोट पहुंचती है। इसके बाद महिलाएं डॉक्टर के पास आती हैं। जैसा कि आप अच्छी तरह जानते हैं, गर्भपात भारत में पूरी तरह वैध है। लेकिन दुर्भाग्यवश भारत में हज़ारों महिलाएं शर्म, लांछन,आलोचना और डर के कारण किसी भी क्लिनिक में जाकर असुरक्षित तरीके से अपना गर्भपात करवाती हैं।
अच्छा, इसका मतलब है कि वह शारीरिक संबंध बनाती है।
गर्भपात? आपको दोबारा बच्चे नहीं हो सकते।
क्या आप सावधानी नहीं बरत सकते थे?
वास्तव में गर्भपात के ख़तरों और इसकी वैधता के बारे में उचित जानकारी के अभाव में ज़्यादातर महिलाएं गर्भपात कराने के लिए अवैध और असुरक्षित तरीके अपनाती हैं। लव मैटर्स का मानना है कि गर्भपात कराने वाली महिलाओं के डर, कलंक,आलोचना और शर्म को कम करने में डॉक्टर और पेशेवर चिकित्सक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है।
सहयोग के दो बोल, एक बेहतर वातावरण और उचित जानकारी गर्भपात से जुड़ी सभी बाधाओं को दूर करने में काफी हद तक मदद कर सकती है जिससे लाखों महिलाएं अपने शरीर पर नियंत्रण हासिल करने में सक्षम हो सकती हैं।
आप चाहें या ना चाहें, लेकिन प्रेगनेंसी दो लोगों के शारीरिक संबंध बनाने के बाद ही होती है और इसे ज़ारी रखने या गर्भपात कराने के निर्णय की परवाह किए बिना भी यह दोनों की संयुक्त जिम्मेदारी होती है। यहां तक कि अनचाही प्रेगनेंसी भी किसी एक की तरफ से असफल नहीं हो सकती है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और इसे उसी रूप में स्वीकार भी करना चाहिए। पेशेवर चिकित्सक को गर्भपात कराने वाली महिलाओं को उपलब्ध चिकित्सा विकल्पों के बारे में स्पष्ट और सटीक जानकारी देनी चाहिए, और महिलाओं को अपने मनचाहे तरीके से गर्भपात कराने की भी छूट देनी चाहिए।
हालांकि इलाज के बाद सेवा प्रदाता, महिला और उसके पार्टनर को उचित परामर्श भी दे सकते हैं और भविष्य में अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए संभावित विकल्पों के बारे में भी बता सकते हैं।
गर्भपात एक चिकित्सकीय प्रक्रिया है जिसमें गर्भवती महिला के स्वास्थ्य और उसके उसके मनचाहे तरीको से गर्भपात कराने का ध्यान रखा जाता है। भारत में गर्भपात कराना वैध है। इसलिए वैध तरीके से गर्भपात कराने के बारे में सोचने में कोई बुराई नहीं है क्योंकि इसमें महिला के शरीर और उसके भविष्य के बारे में भी विचार किया जाता है।
सेवा प्रदाताओं को गर्भपात कराने वाली महिला पर अपने व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों और नैतिक निर्णयों को नहीं थोपना चाहिए। सभी सलाह तथ्यात्मक होनी चाहिए और महिला की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
गर्भावस्था सेक्स का एक अनिवार्य नतीज़ा नहीं है। प्वाइंट एक में उल्लेखित कई कारणों से अनचाही प्रेगनेंसी होती है। इसलिए अनचाही प्रेगनेंसी के पीछे सेक्स को ज़िम्मेदार ठहराना गलत है। इसके अलावा इस तरह की बातें महिलाओं की मानसिक स्थिति को प्रभावित करती हैे और गर्भ को खत्म करने के लिए वे असुरक्षित ज़गह पर पहुंच जाती हैं और अपने जीवन को खतरे में डाल लेती हैं। यदि महिला अविवाहित है तो उससे अधिक तानों का सामना करना पड़ता है जिससे उसके मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है।
एमटीपी अधिनियम के अनुसार एक वयस्क महिला( 18 वर्ष से अधिक आयु) को गर्भपात कराने के लिए सहमति देने के लिए किसी भी व्यक्ति को लाना आवश्यक नहीं है। यहां यह उल्लेख करना अधिक महत्वपूर्ण है कि महिला अपने साथ या अपने माता पिता को अपने साथ ला सकती है लेकिन गर्भपात करने के लिए डॉक्टर को उनकी सहमति की आवश्यकता नहीं है।
यदि एक महिला अकेले गर्भपात कराने जाती है तो उसे वहां पहले से ही व्यक्तिगत रूप से उम्मीद अनुसार भावनात्मक सहायता नहीं मिलती जिसकी कि उस स्थिति में महिला को ज़रूरत पड़ती है। इसके बज़ाय उसे सुरक्षित और बेहतर महसूस कराने के हर संभव सहायता उपलब्ध करानी चाहिए।.
कई परीक्षणो के मूल्यांकन के आधार पर ही कहा जा सकता है कि गर्भपात के दौरान कितना खतरा है लेकिन सबसे ज्यादा खतरा तब होता है जब प्रेगनेंसी अधिक दिनों की हो जाती है। हालांकि सामान्यतौर पर योग्य चिकित्सकों द्वारा मेडिकल या सर्जिकल गर्भपात कराना एक सुरक्षित प्रक्रिया है और इससे महिला के भविष्य में गर्भधारण करने की क्षमता पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है।
गर्भपात की प्रक्रिया और इसके नतीजों के बारे में गलत छवि बनाने से व्यक्तिगत, आर्थिक और भावनात्मक कारणों से अनचाही प्रेगनेंसी को खत्म कराने का फैसला करने वाली महिला हतोत्साहित हो सकती है। इसलिए सेवा प्रदाताओं को हमेशा चिकित्सा पद्धति द्वारा गर्भपात की प्रक्रिया और इसके नतीजों के बारे हमेशा वैज्ञानिक और उद्देश्यपूर्ण जानकारी देनी चाहिए।
वह और उसका साथी (यदि कोई है) को उचित परामर्श देना चाहिए ताकि भविष्य में अनचाही प्रेगनेंसी और गर्भपात की आवश्यकता से बचा जा सके।