अबॉर्शन /गर्भ समापन

अबॉर्शन से जुड़ी हर बात, हर जवाब!  #AbortionIsHealthcare 

All stories

‘काश मैंने उसकी सुनी होती!’

बिहार के एक छोटे से गांव की रहने वाली स्नेहा होशियार लड़की है। वह पढ़ लिखकर जीवन में कुछ बनना चाहती है। लेकिन एक छोटी सी गलती से उसकी ज़िंदगी ही बदल गई है। आखिर वह कौन सा निर्णय था जिसे लेकर स्नेहा को आज भी अफसोस है?

गर्भपात कर उन पर एहसान किया

कोमल 15 साल की थी जब वह गर्भवती हुई। उसकी माँ की धारणा थी कि अविवाहित, 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के लिए गर्भपात अवैध है, इसलिए वह सरकारी अस्पताल नहीं गई। इसके बजाय, उसने अपनी बेटी के गर्भपात के लिए एक महंगे डॉक्टर को चुना और उसे एक बड़ा कर्ज लेना पड़ा। उसका परिवार अब हमेशा के लिए भारी कर्ज में है और इस कर्ज को चुकाने के लिए उन्हें शायद जीवन भर काम करना पड़ेगा।

परिवार में रेप

ऋतु के परिवार के सदस्य ने उसका रेप किया, जिसके बाद उसे गर्भपात कराना पड़ा, लेकिन बिहार में बतौर एएनएम का काम कर रही रानी के अनुसार स्थिति और भी ज्यादा गंभीर हो सकती है। रानी लव मैटर्स के साथ ऋतु की कहानी साझा कर रही हैं।

'इतनी कम उम्र में वह प्रेगनेंट कैसे हो सकती है'

बिहार के एक छोटे से गांव की रहने वाली 12 साल की नैना का दो महीने से एसिडिटी और गैस का इलाज चल रहा था, जबकि मामला कुछ और था। गांव के किसी डॉक्टर ने सोचा भी नहीं होगा कि वह इतनी कम उम्र में प्रेगनेंट हो सकती है। स्थानीय एएनएम रानी ने लव मैटर्स इंडिया के साथ नैना की कहानी शेयर की।

‘यह तो गैर कानूनी है’

भारत का संशोधित गर्भपात कानून भारत में महिलाओं को बिना शादी के अबॉरशन करवाने को रज़ामंदी दे दी है, लेकिन क्या यह बात हमारे देश में आज भी सब को पता है? खस्सकार उनको जो इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं - जैसे की आशा दीदी, आंगनवाड़ी के कर्मचारी और अन्य लोग जो की सरकारी असपताल में हैं? आज भी जब कोई अनब्याही लड़की अबॉरशन करवाने आती है, तो उसको यह कह दिया जाता है की यह गैर कानूनी है। बिहार के एक छोटे से गांव की 18 साल के सोनम जब हाल ही में वहां अबॉरशन करवाने गयी तो यही हुआ उसके साथ भी। आईये यह कहानी पढ़ते हैं।

'क्या तुम चाहती हो कि पूरे गांव को पता लग जाए?'

गांव में रहने वाली एक नाबालिग लड़की का उसके माता-पिता द्वारा बिना किसी डॉक्टर की देखरेख में जबरन गर्भपात करा दिया गया। अमूमन गांवों में रहने वाले लोगों को गर्भपात से जुड़ी जानकारी नहीं होती है। बिहार के ग्रामीण हिस्से में रहने वाली सरिता की उम्र 14 साल है, जिसे एक सरकारी अस्पताल में गर्भपात नहीं कराने दिया गया क्योंकि आशा दीदी का कहना था कि गर्भपात गैर-कानूनी प्रक्रिया है।

भारत में सुरक्षित गर्भपात तक पहुंच अभी कोसों दूर

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में दो तिहाई गर्भपात अनधिकृत स्वास्थ्य सेवाओं द्वारा किए जाते हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ किरण कुर्तकोटी का कहना है कि आधिकारिक क्लीनिकों से महिलाएं मुफ्त, सुरक्षित गर्भपात करवा सकती हैं, लेकिन हमारे आसपास ऐसे क्लिनिक ही बहुत कम हैं।

अविवाहित महिला भी करवा सकती है अबॉर्शन

भारत में गर्भ समापन 1971 से ही कानूनी रूप से मान्य है, लेकिन इसके साथ कई तरह की शर्तें भी जुड़ी हुई हैं꠰ अब 2021 में कानून बदलने वाला है जिसमे अबॉरशन से जुडी कुछ शर्तों में कटौती होगी꠰ आइये देखते हैं कि ये नए बदलाव क्या हैं?

'डॉक्टर मुझे गलत तो नहीं समझेगा क्यूंकि मेरी शादी नहीं हुई?'

अगर आपको कल गर्भ समापन/अबॉर्शन के लिए जाना पड़े, तो आपके दिमाग में सब से पहले क्या ख्याल आएगा? लव मैटर्स इंडिया ने यह सवाल भारत के कुछ युवाओं से पूछा। यहां जानिए उन्होंने क्या कहा …

अबॉर्शन कराने जा रहे हैं? पहले जान लें ये ज़रूरी बातें

क्या आप गर्भावस्था समाप्त कराने या अबॉर्शन कराने जा रही हैं लेकिन आपको डर लग रहा है? तो अब डरने की कोई ज़रूरत नहीं है। लव मैटर्स ने इस बारे में स्त्रीरोग विशेषज्ञों से विस्तार से बात की, ताकि आप या आपके प्रियजन मेडिकल अबॉर्शन कराने का फैसला लेने से पहले सभी ज़रूरी चीजें जान सकें।

गर्भपात : पांच महत्वपूर्ण तथ्य

गर्भपात – इस बारे मे बहुत कुछ कहा जा चुका है कि महिलाओं को भ्रूण नष्ट करने का अधिकार होना चहिए या नहीं। इस सम्बंध मे बहुत कुछ आपकी धार्मिक और व्यक्तिगत मान्यताओं के साथ साथ आपके देश के कानून पर भी निर्भर करता है। आइये आपको गर्भपात से जुड़े पांच महत्वपूर्ण तथ्य बताते हैं। 

गर्भपात: गलत धारणाओं का अंत

गर्भपात एक ऐसा विषय है जिसके बारे में लगभग हर किसी की एक मजबूत राय होती है, चाहे वो इसका समर्थन करते हों या इसके खिलाफ होंI और इस बारे में प्रचलित धारणाओं के चलते ये जान लेना अच्छा होगा ये धारणाएं गलत हैं या सहीI उसके बाद ही आप अपनी इस बारे में राय बनाएंI