51 वर्षीय रानी जौनपुर बिहार में बतौर नर्स काम कर रही हैं।
बड़ी मुसीबत
मुझे उस दिन घर का काम करते करते देर हो गई थी इसलिए मैंने सोचा कि बच्चों को स्कूल भेजने और बाकी काम निपटाने के बाद मैं जल्दी आंगनवाड़ी के लिए निकल जाऊंगी। मैंने उस दिन बस की जगह ऑटो से जाने का निर्णय लिया। मैं जैसे ही ऑटो में बैठी, मैंने राजू और उसकी बेटी को देखा। राजू पास के ही गांव का रहने वाला है लेकिन उस दिन मुझे देखते ही वो थोड़ा सहम गया और उसके साथ उसकी बेटी भी थी, जो रो रही थी।
मैंने उनसे बात बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने मुझसे ठीक तरह से बात नहीं की। हो सकता है कि उन्हें आसपास बैठे लोगों का डर होगा कि कहीं वे उनकी बातें ना सुन ले मगर राजू के व्यवहार से मुझे इतना तो समझ आ गया था कि वह किसी मुसीबत में है और उसे मेरी मदद की जरूरत है।
जब ऑटो रुकी तब हम तीनों ऑटो से उतर गए और उसी समय 22 साल की ऋतु ने बताया कि उसके जीजा जी ने उसका रेप किया है और वो प्रेगनेंट भी हो चुकी है। उसकी बातों को सुनकर मुझे विश्वास ही नहीं हुआ और मैंने उससे पूछा कि वह कब से प्रेगनेंट है?
आप किसका इंतज़ार कर रहे थे?
उसके पिता ने कहा कि वो तीन महीने से प्रेगनेंट है। मैंने उनसे पूछा, ‘रेप के इतने दिन बीत गए और आप सबने अब तक पुलिस में रिपोर्ट क्यों नहीं दर्ज कराई? आप किसका इंतज़ार कर रहे हैं?’
उसके पिता के पास कोई जवाब नहीं था। मैंने ऋतु की ओर देखा तो उसने कहा, ‘हम पुलिस के पास जाने से डर रहे थे।’
मैंने फिर पूछा, ‘लेकिन तीन महीने तक गर्भ को क्यों रखा?’
वो चुप थी।
‘क्या तुम्हारी मां को सब पता है?’ मेरे इतना पूछे पर उसके चेहरा सफेद पड़ गया।
राजू ने बीच में ही टोकते हुए कहा, ‘नहीं, इसकी मां बहुत सख्त स्वभाव की है इसलिए उसे कुछ नहीं बताया।’
चीज़ें बहुत जटिल है
उनकी बातें सुनने के बाद भी मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा था और मेरे मन में तरह तरह के सवाल चल रहे थे। क्या ऐसा हो सकता है कि पिता ही बच्ची का रेप कर रहा हो और मां को कोई जानकारी ही न हो? और जब ऋतु प्रेगनेंट है, तब उसका पिता उसे अबॉर्शन के लिए लेकर जा रहा हो।
चूंकि ऋतु अविवाहित थी इसलिए मैं नहीं चाहती थी कि वो कानूनी चक्करों में फंसे इसलिए मैंने राजू से किसी प्राइवेट अस्पताल में ऋतु का अबॉर्शन कराने का सुझाव दिया। इसके बाद मुझे उनकी कोई खबर नहीं मिली।
हालांकि कुछ महीनों के बाद मेरी राजू से दोबारा मुलाकात हुई और मैंने ऋतु के बारे में पूछा। इस पर उसने बताया कि ऋतु एकदम ठीक है। मैं भी आशा करती हूं कि वो ठीक रहे।
एडिटर्स नोट: यह कहानी प्रत्यक्ष साक्ष्यों के आधार पर लिखी गई है। किसी भी वास्तविक पात्र से मेल बिलकुल संयोग है। यह कहानी लव मैटर्स इंडिया द्वारा ग्रामीण भारत में अबॉर्शन की स्थिति को सामने लाना है। यह विश्व सुरक्षित गर्भपात दिवस 2022 के अंतर्गत प्रकाशित की जा रही है। इस कहानी से हमें पता चलता है कि ऋतु की तरह ही अन्य महिलाओं को भी एक सुरक्षित अबॉर्शन का अधिकार है, जो विपरीत परिस्थितियों का सामना करती हैं। जबकि अबॉर्शन वैध है, लेकिन तब भी ये महिलाओं के लिए आसानी से उपलब्ध नहीं है।
तस्वीर में मॉडल का इस्तेमाल किया गया है।नाम बदल दिए गए हैं।
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