आंटी जी, क्या सेक्स पोज़िशन से लड़का होगा या लड़की पता कर सकते हैं?
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आंटी जी, क्या सेक्स पोज़िशन से लड़का होगा या लड़की पता कर सकते हैं?

द्वारा Auntyji सितम्बर 4, 04:44 बजे
आंटी जी, मेरी पहले से एक बेटी है और मैं दूसरे बच्चे का सोच रही। इस दौरान मेरे मौहल्ले की आंटियों ने मुझे बताया कि सेक्स पोज़िशन का होने वाले बच्चे के लिंग से संबंध होता है। क्या सच में ऐसा होता है? - अदिति।

जब भी मोहल्ले में किसी को प्रेग्नेंसी की खुशखबरी मिलती है, तो बस पूरी गली “जासूस आंटी” मोड में चली जाती है। कोई कहने लगता है, “अगर इस पोज़िशन में हुआ होगा, तो बेटा ही होगा”, तो कोई गूगल बाबा से पढ़कर आता है और बताता है, “नहीं-नहीं, पीछे से हुआ तो बेटा, सामने से हुआ तो बेटी”! मतलब, हर कोई  डॉक्टर” बनकर बैठ जाता है।

अब ज़रा सोचो अगर ये सब सच होता तो सोनोग्राफी की जगह बेडरूम की CCTV फुटेज ही रिपोर्ट बना देती! आंटियां परांठे पलटते हुए बता देतीं – “पुत्तर, कल रात कौन-सी पोज़िशन में सोए थे? उसी से रिपोर्ट बना दूं क्या?”

सेक्स पोज़िशन से जेंडर पता चलता है?

बिल्कुल नहीं क्योंकि ये बस एक मिथक है, जिस पर लोग आसानी से भरोसा कर लेते हैं जबकि इसका कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है। हालांकि अक्सर सुना होगा कि “डॉगी पोज़िशन से बेटा होता है, मिशनरी से बेटी।”

किसी ने कहा होगा कि “अगर डीप पेनिट्रेशन हुआ तो बेटा पक्का!” लेकिन अदिति बेटा, ये सब बातें सिर्फ “दादी-नानी वाली रिसर्च” हैं। इनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।

असली साइंस समझ लो

देख पुत्तर, जेंडर तय करने का काम किसी पोज़िशन का नहीं बल्कि क्रोमोसोम्स का होता है।

  • मम्मी हमेशा X क्रोमोसोम देती हैं
     
  • पापा के पास दो चॉइस होती हैं – X (तो बिटिया) या Y (तो बेटा)
     

यानी कि बच्चा बेटा होगा या बेटी, ये गर्भधारण के उसी पल फाइनल हो जाता है। बाद में चाहे तुम उंची पोज़िशन ट्राई करो या योगासन, गेम का रिज़ल्ट नहीं बदलने वाला।

भारत में भ्रूण का लिंग जानना गैरकानूनी है। PCPNDT Act ( Pre-conception and Pre-natal Diagnostic Techniques (PCPNDT) Act, 1994) के हिसाब से लिंग जांच करवाना या करवाने की कोशिश करना दोनों ही अपराध हैं। डॉक्टर से लेकर मम्मी-पापा तक सबको जेल की हवा खानी पड़ सकती है, तो “पोज़िशन बदल लो, जेंडर बदल जाएगा” वाली बातें सुनकर सिर्फ मुस्कुराओ और चाय की चुस्की लो।

तो करना क्या है?

बेटा हो या बेटी दोनों ही तुम्हारे बच्चे हैं इसलिए हमेशा अपने बच्चों की कद्र करना सीखो बेटा जी। साथ ही गर्भावस्था के दौरान असली ध्यान केवल इन चीज़ों पर होना चाहिए। 

एक बात समझ बेटा, बेटा या बेटी नहीं, बल्कि तुम्हारा प्यार और देखभाल ही बच्चे की असली दुनिया बनाने वाला है।

तो पुत्तर जी, “पोज़िशन से बच्चा नहीं बदलता लेकिन अगर रिश्ता प्यार और भरोसे वाला हो तो पूरी ज़िंदगी रंग बदल देती है।” चलो अब, अगली बार मिलते हैं- एक कप चाय और ढेर सारी चटपटी बातों के साथ। 

 

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