कोरोना अब हमारे आस पड़ोस में व्यापक रूप से फैल रहा है। ऐसी स्थिति में इन्फेक्शन को फैलने से रोकने के लिए आपको क्या कदम उठाने चाहिए? हम लाये है आपके लिए महत्वपूर्ण जानकारी
आइये सबसे पहले हम सब यह समझने की कोशिश करें कि सोशल डिस्टेंसिंग (यानी एक दूसरे से दूरी) नोवल कोरोना वायरस और अन्य संक्रामक बीमारियों को फैलने से रोकने में कैसे मदद करता है। सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने का मुख्य उद्देश्य यही है कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण ना फैले।
जैसे जैसे कोविड-19 महामारी देश में पैर पसार रही है, ऐसे में सभी के लिए वैक्सीन लगवाना अत्यधिक महत्वपूर्ण होता जा रहा है। लेकिन वैक्सीन और इसकी प्रक्रिया को लेकर बहुत से भ्रम और अफवाहें फैली हुई हैं। नीचे कुछ आसान उपाय दिए गए हैं जो कि वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को सहज बनाने में आपकी मदद करेंगे।
लगभग सभी युगलों को तनावपूर्ण समय का सामना करना पड़ सकता है। कुछ लोग इसे शांत रहकर या दूर रह कर निकाल लेते हैं जबकि अन्य एक दूसरे पर गुबार निकाल कर और कुछ ऐसे भी रिश्ते होते हैं जिनमें उस तनावपूर्ण समय के दौरान एक ख़ास जुड़ाव हो जाता है। किसी भी रिश्ते में तनाव से निपटने का सबसे अच्छा तरीका क्या है? आइये इसको गहराई से देखते हैं।
हमें अपने पाठकों से ऐसे बहुत सारे सवाल मिलते हैं जिनमें वो जानना चाहते हैं कि क्या अपने पार्टनर का वीर्य पीना या फिर शरीर से निकलने वाले अन्य फ्लूइड (तरल पदार्थ), जैसे कि मूत्र या स्तनों से निकलने वाला दूध, पीना सुरक्षित है? इस लेख में हम आपको इन सभी सवालों के जवाब बता रहे हैं।
वैक्सीन कोरोनावायरस के ख़िलाफ़ किस प्रकार काम करती है और आपके पास अन्य क्या विकल्प हैं ? क्या यह असरदार है और यदि है तो कितने लम्बे समय के लिए ? यदि आपके मन में यह सवाल हैं, तो यह लेख आपके ही लिए है। हम यहाँ कोविड-19 वैक्सीन से सम्बंधित मुख्य प्रश्नों को सम्बोधित करेंगे।
सुनयना का संजय पर तगड़ा वाला क्रश था। वह उसको मैसेज करती रहती, तब भी जब संजय ने उसे कह दिया था कि उसे सुनयना में कोई दिलचस्पी नहीं है। पर फिर सुनयना के साथ जैसे को तैसा वाली स्थिति हुई और उसे अपनी गलती का एहसास हुआ। ऐसा आखिर क्या हुआ? सुनयना ने अपनी कहानी लव मैटर्स इंडिया के साथ शेयर की।
एक डच स्टडी में पाया गया है कि अपने चचेरे भाई-बहन से शादी करने से आपका परिवार स्वस्थ रह सकता है। यह अपने आप में बहुत चौंकाने वाली बात है क्योंकि इसका मतलब यह भी है कि आपके बच्चों में जन्म दोष होने की संभावना अधिक है।