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गर्भनिरोधक इम्प्लांट- आपके सारे सवालों का जवाब

इस आर्टिकल में हम आपके उन सारे सवालों का जवाब देंगे जो आपको इंप्लांट - एक नए गर्भनिरोधक को लेकर हो सकते हैं। तो चलिए शुरू करते हैं। इसको त्वचा (बांह) के नीचे लगते हैं इसलिए इसको सबकुटनेयस या सब डर्मल इम्प्लांट भी कहा जाता है।

इंप्लांट क्या होता है?

इंप्लांट लम्बी अवधि तक प्रेगनेंसी को रोकने का एक तरीका है। यह बेहद छोटे आकार का प्लास्टिक के रॉड का बना होता है, जिसे लेडी डॉक्टर आपकी ऊपरी बांह में त्वचा के नीचे डालते हैं।

इस रॉड से हार्मोन निकलता है, तो ऑव्युलेशन (अंडा बनने की) की प्रक्रिया को रोकता है और योनी के अंदर गर्भाशय से निकलने वाले म्युकस (द्रव्य) को गाढ़ा कर देता है, जिससे शुक्राणु और अंडा एक दूसरे तक नहीं पहुंच पाते। 

ऐसे में प्रेगनेंट होने के चांसेज बहुत कम हो जाते हैं। एक बार इंप्लांट लगने के बाद करीब 3-5 सालों तक प्रेगनेंट होने से बचा जा सकता है लेकिन यह इंप्लांट के ब्रांड पर निर्भर करता है,और इसके बाद पिल्स लेने या प्रेगनेंसी को रोकने के लिए अन्य उपायों को करने की जरूरत भी नहीं होती है। 

इसे कैसे लगाया जाता है?

इंप्लांट को लगाने और हटाने में करीब 5-10 मिनट लगते हैं और इसके लिए किसी सर्जरी की जरूरत नहीं होती है।

इसे डॉक्टर के क्लिनीक पर जाकर लगाया जा सकता है, जहां वो आपकी ऊपरी बांह को सुन्न करने के बाद इंप्लांट को लगा देंगे। इस दौरान लोकल एनेस्थेसिया ( केवल बांह की जगह को सुन्न करना) भी दी जाती है ताकि आपको कोई दर्द महसूस ना हो। 

एक बार इंप्लांट लग जाए या हट जाए, तो उस वक्त थोड़ा दर्द या सूजन हो सकता है लेकिन ये कुछ वक्त के लिए ही रहता है।

यह कैसे काम करता है

इंप्लांट में प्रोजेस्टीन नाम का हार्मोन होता है। यह प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन का सिंथेटिक वर्जन है, जो एक महिला के शरीर में प्राकृतिक तरीके से भी बनता है। 

इंप्लांट से प्रोजेस्टीन हार्मोन निकलता है, जो सर्विक्स से निकलने वाले म्युकस को  गाढ़ा कर देता है और फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया नहीं होती है। इसके अलावा, प्रोजेस्टीन ऑव्युलेशन की प्रक्रिया यानी की महिला के गर्भशाय से अंडा निकलने की प्रक्रिया को भी रोक देता है, जिससे प्रेगनेंट होने की संभावना कम होती है।

प्रोजेस्टीन - वाले गर्भनिरोधक तरीके, जैसे- इंप्लांट, मिनी पिल्स, और हार्मोनल आईयुडी बिना एस्ट्रोजेन के काम करते हैं इसलिए प्रोजेस्टीन वाला तरीका कम हानिकारक होता है क्योंकि ये एस्ट्रोजेन संबंधित साइड इफैक्ट जैसे- वजन बढ़ना, मितली नहीं होने देता है। 

क्या स्तनपान कराने वाली महिला इंप्लांट लगा सकती है? 

प्रेगनेंसी को रोकने वाले इंप्लांट्स में प्रोजेस्टीन हार्मोन होता है, जो स्तनपान कराने वाली मांओं के लिए सुरक्षित होता है। प्रोजेस्टीन वाले तरीकों में इंप्लांट्स, मिनी पिल्स और हार्मोन आधारित आईयुडी होते हैं, जो एस्ट्रोजेन के बिना ही काम करते हैं। यही कारण है कि सबसे असरदार और सुरक्षित होते हैं। 

एस्ट्रोजेन हार्मोन स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रभावित कर सकता है लेकिन प्रोजेस्टीन के साथ ऐसा नहीं होता है।

क्या पीरियड्स साइकिल के दौरान कोई निश्चित समय है, जब इंप्लांट को लगाया जाए?

इंप्लांट को पीरियड्स के दौरान कभी भी लगाया जा सकता है और इसके लिए कोई खास समय नहीं है। हालांकि अगर इसे पीरियड्स के शुरूआती समय में लगाया जाए, तो यह प्रेगनेंसी को रोकने में ज्यादा प्रभावी होता है। 

अगर इंप्लांट को पीरियड्स साइकिल में किसी और टाइम लगाया जाता है, तो उसके साथ कंडोम या अन्य प्रेगनेंसी को रोकने वाले तरीकों को करना जरूरी है। 

प्रेगनेंसी को रोकने में इंप्लांट कितना कामयाब है?

अगर इंप्लांट को सही तरीके से लगाया जाए तो यह प्रेगनेंसी को रोकने के लिए बहुत प्रभावी होता है। इसकी न काम करने की संभावना 0.05% - 0.2% है। अगर पीरियड्स के शुरूआती दिनों में लगाया जाए, तो यह ज्यादा असरदार होता है।  

हालांकि पीरियड्स के अलावा किसी और दिन लगाया जाए, तो इसके साथ प्रेगनेंसी को रोकने के लिए अन्य तरीकों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। यह बात याद रखें कि इंप्लांट यौन संचारित रोगों से सुरक्षा नहीं देता है।    

साइड इफैक्ट्स क्या हैं?

इंप्लांट लगाने के कुछ सामान्य साइड इफैक्ट्स हैं। जैसे - अनियमित पीरियड्स, पीरियड्स के बीच में स्पॉटिंग, स्तन में कसाव, मूड स्विंग या सिर दर्द। हालांकि ये साइड इफैक्ट्स हर महिला में अलग अलग हो सकते हैं और कुछ महिलाओं को बिल्कुल भी साइड इफैक्ट्स नहीं होते। 

क्या ये भारत में मिलता है, इसकी कीमत क्या है? 

भारत में आप किसी निजी या सरकारी अस्पताल में जाकर इंप्लांट लगवा सकते हैं। यह पूरी तरह से वहां क्या सुविधाएं दी जा रही हैं, इस पर भी निर्भर करता है। इंप्लांट की कीमत ब्रांड पर भी निर्भर करती है, जैसे- 3000-5000 रुपये तक। यह डॉक्टर के यहां भी मिल सकता है। आप इसकी कीमत के बारे में किसी डॉक्टर या पारिवारिक क्लीनिक से पता कर सकते हैं।

इंप्लांट को लगाने और कंस्लटेशन के लिए अलग-अलग पैसे लग सकते हैं। Nexplanon, Implanon NXT और Sino-implant (II) जैसे इंप्लांट भारत में आसानी से मिल सकते हैं। 

इंप्लांट के फायदे 

इंप्लांट इस्तेमाल करने के कई फायदे हैं। यह बहुत असरदार है, अगर सही से इस्तेमाल किया जाए, तो इसकी फेल्यर रेट बहुत कम है, यह 3-5 सालों तक सुरक्षा प्रदान करता है। साथ ही जब मन करे, इसे हटवा भी सकते हैं।

इंप्लांट में प्रोजेस्टीन होने के कारण यह उन लोगों के लिए फायदेमंद हो जाता है, जिन्हें एस्ट्रोजेन आधारित गर्भनिरोधक लेने में परेशानी होती है। कुछ लोगों को पीरियड्स के दौरान कम रक्त स्त्राव होता है या कभी-कभी नहीं भी होता है इसलिए ये पीरियड्स के कारण होने वाले दर्द को कम करने में सहायक होता है। 

इंप्लांट के नुकसान 

इंप्लांट एक असरदार गर्भनिरोधक है लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं, जैसे- अनियमित रक्तस्त्राव, धब्बे, अनियमित पीरियड्स आदि। शुरूआत में स्तन में कसाव, मूड स्विंग या सिर दर्द भी हो सकता है। इंप्लांट को लगाने और हटाने की प्रक्रिया के लिए मेडिकल प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ सकता है, जिससे दिक्कत हो सकती है। 

यह यौन संचारित रोगों से सुरक्षा प्रदान नहीं करता। इंप्लांट को लगाने के लिए भी पैसे खर्च करने पड़ते हैं, जो अन्य गर्भनिरोधकों की तुलना में महंगे हो सकते हैं। हालांकि यह लंबे वक्त तक सुरक्षा प्रदान करता है। वहीं गांवों में इंप्लांट  का मिलना और लगवाना थोड़ा मुश्किल है।

क्या इंप्लांट लगाने के बाद पीरियड्स पूरी तरह बंद हो जाता है? 

गर्भनिरोधक इंप्लांट का पीरियड्स पर असर हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकता है। कुछ के पीरियड्स कम हो सकते हैं, तो कुछ के रुक सकते हैं या किसी किसी को अनियमित पीरियड्स हो सकते हैं।

इसकी कोई गारंटी नहीं है कि इंप्लांट से पीरियड्स हमेशा के लिए रूक जाएंगे। हर किसी के लक्षण अलग हो सकते हैं इसलिए चिकित्सक से सलाह लेना जरूरी है। 

क्या टीनएजर्स इंप्लांट लगवा सकते हैं

हां, टीनएजर्स इंप्लांट लगवा सकते हैं। इंप्लांट उन टीनएजर्स के लिए प्रेगनेंसी को रोकने का एक बेहतर तरीका है, जो सेक्सुअली एक्टिव हैं और लंबे वक्त तक गर्भनिरोध के उपायों की तलाश कर रहे हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें अपने अभिभावकों और डॉक्टर से सलाह लेने की जरुरत है।

डॉक्टर टिनएजर के स्वास्थ्य, जरुरतों आदि को समझ सकते हैं कि उनके लिए कौन सा गर्भनिरोध का तरीका सटीक है। टिनएजर्स के लिए यह जानना और समझना जरुरी है कि यौन संचारित रोगों से बचना क्यों जरूरी है।

क्या इंप्लांट को लगाने के लिए कोई आयु सीमा है।  

इंप्लांट लगाने के लिए ऐसी कोई आयु सीमा नहीं है। यह किसी भी उम्र की महिला लगा सकते है, चाहे उसके बच्चे हों या न हों।

इंप्लांट लगाने का निर्णय किसी व्यक्ति के स्वास्थ और गर्भनिरोध की जरुरतों पर निर्भर करता है। बड़े लोगों के लिए लंबे वक्त तक गर्भ निरोध के तरीके बेहतर हो सकते हैं।हालांकि किसी भी गर्भनिरोध के इस्तेमाल से पहले डॉक्टर से बात करना जरूरी है ताकि वे आपको सही-गलत बता सकते हैं।

क्या इंप्लांट शरीर के अंदर चले जाते हैं

ऐसा संभव नहीं है कि इंप्लांट या गर्भनिरोधक शरीर के अंदर गायब हो जाएं। इंप्लांट एक छोटा सा लचीला रॉड है, जो त्वचा के अंदर ऊपरी बांह में होता है। यह किसी डॉक्टर के जरिए ही लगाया जा सकता है।

समय के साथ-साथ इंप्लांट के आसपास की कोशिकाएंं बन जाती हैं, ताकि इंप्लांट सही जगह पर रहे। अगर किसी व्यक्ति को दिक्कत हो रही हो, तो उसे स्वास्थकर्मी से संपर्क करना चाहिए। रूटीन चेकअप की मदद से इंप्लांट से होने वाली किसी दिक्कत से बचा जा सकता हो।

तस्वीर में मॉडल का इस्तेमाल किया गया है। 

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