यह शादी है, जादू नहीं!
ओह सारिका पुत्तर, मेरी जान! मैं समझती हूं कि तुम अपने पीरियड्स के दौरान बहुत दर्द से गुजर रही हो और तेरे बहुत सारे काम भी पीछे छूट जाते होंगे। सुन बेटा, अपनी हेल्थ के बारे मैं सोचना बहुत ज़रूरी है। मैं जानती हूं कि तुम्हारी मां तुम्हारे लिए अच्छा ही सोचेंगी लेकिन यह भी सच नहीं है कि शादी के बाद सब कुछ जादुई रूप से ठीक हो जाएगा।
मैं जानती हूं कि हमारी दादी, नानी और यहां तक की मां (परिवार की अधिकांश बुजुर्ग महिलाएं) का यह मानना होता है कि अगर किसी महिला को पीरियड्स के दौरान दर्द होता है, तो वह शादी के बाद दूर हो जाएगा या उसमें सुधार हो जाएगा। यह धारणा पुरानी परंपराओं से आती है, जो शादी और सेक्स यौन संबंध को एक महिला के प्रजनन/यौन स्वास्थ्य से जोड़ती है। लेकिन यह मान्यताओं का कोई भी वैज्ञानिक आधार नहीं है और यह हर किसी पर लागू नहीं होती है।
शादी के बाद पीरियड्स के दर्द ठीक हो जाएंगे, एक ऐसी मान्यता है, जो पीढ़ियों से चली आ रही है। बुजुर्ग लोग इस पर विश्वास कर सकते हैं क्योंकि हो सकता है कि शादी के बाद उन्हें व्यक्तिगत रूप से बेहतर महसूस हुआ हो, लेकिन यह उनकी अपनी स्थितियों के कारण हो सकता है।
बच्चे को जन्म देने के बाद पीरियड्स का दर्द शायद में थोड़ा कम हो सकता है क्योंकि बच्चे के जन्म के दौरान योनि का नीचे का हिस्सा चौड़ा हो जाता है लेकिन इस राहत का शादी या सेक्स से कोई लेना-देना नहीं है। यह सब प्रसव प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है। शादी या सेक्स करने से पीरियड्स के दर्द पर सीधा असर नहीं पड़ेगा।
साथ ही यह तथ्य कि बच्चे के जन्म के बाद पीरियड्स का दर्द कम हो सकता है, यह केवल तभी तक सच होता है, जब दर्द योनि के छोटे आकार के कारण होता है। पुत्तर, लेकिन इस दर्द के अन्य कारण भी हैं, जो पूरी जांच के बाद ही पता चल सकते हैं।
शादी पीरियड्स के दर्द का इलाज नहीं है। हालांकि कुछ महिलाओं को नॉर्मल डिलीवरी द्वारा जन्म देने के बाद राहत का अनुभव हो सकता है, लेकिन यह सभी के लिए समान नहीं है। पीरियड्स का दर्द शादी के बाद भी बना रह सकता है और हो सकता है कि किसी अन्य परेशानी का लक्षण हो।
पीरियड्स को सामान्य बनाएं, ना की दर्द को
सारिका पुत्तर, कई लड़कियों को पीरियड्स के दौरान थोड़ा दर्द या परेशानी महसूस होना सामान्य बात है। पीरियड्स के दौरान आपका गर्भाशय (आपके शरीर के अंदर का वह हिस्सा जहां बच्चे का विकास होता है) अपनी परत को हटाने के लिए सिकुड़ता है। ये संकुचन आपके निचले पेट या पीठ के दर्द का कारण बन सकते हैं। यह दर्द हल्का या तेज़ ऐंठन जैसा महसूस हो सकता है।
कुछ लड़कियों को बिना दर्द के भी पीरियड्स होते हैं, जबकि कई लड़कियों को दर्द ज्यादा महसूस हो सकता है। कोई भी व्यक्ति हार्मोनल बदलाव और दर्द को लेकर कितना सहनशील है, ये कुछ बातें ही दर्द की तीव्रता निर्धारित करते हैं।
हालांकि पीरियड्स के दौरान कुछ हद तक दर्द या परेशानी आम बात है, लेकिन गंभीर दर्द (जिसे डिसमेनोरिया भी कहा जाता है) को नार्मल नहीं माना जाता है। इस स्तर का दर्द रोज़ के कामों को करने से रोकता है और किसी अंदरूनी समस्या का संकेत भी हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से तुरंत सलाह लेना बहुत जरूरी है।
हमें पीरियड्स के बारे में बात करने का माहौल बनाना होगा लेकिन गंभीर पीरियड्स के दर्द को नार्मल न समझे। क्या आप जानते हैं कि कई महिला एथलीटों ने अपने पीरियड्स के दौरान टेनिस और यहां तक कि कुश्ती जैसी दौड़ और मैच में जीत हासिल की है? अगर उन्हें पीरियड्स में इतना दर्द होता तो यह कैसे संभव था? आपको इसे सहने की जरूरत नहीं है।
किसी विश्वसनीय से बात करें
पीरियड्स के दर्द के कई कारण हो सकते हैं। जैसे- पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम), हार्मोनल असंतुलन, कुछ फाइब्रॉएड या यहां तक कि एंडोमेट्रियोसिस। मैं तेरे को ऐसे नाम देकर डराना नहीं चाहती लेकिन दर्दनाक पीरियड्स के ये कुछ कारण हैं! बाकी पुत्तर अब तेरे को अपने दर्द के पास जा के इसके पीछे के कारण को ढूंढ़ना होगा।
जैसा कि मैंने पहले बताया, पीरियड्स के दौरान होने वाला दर्द शादी या यौन संबंध बनाने या बच्चे पैदा करने के बाद भी अपने आप दूर नहीं होता है।
तुम्हे अपनी मां से बातचीत करनी होगी और समझाना होगा कि तेरे को डॉक्टर के पास ले के जाएं। यदि मना करती यही तो सुन पुत्तर तू 18 साल से ऊपर है न? खुद से डॉक्टर के पास जा सकती है! हिम्मत कर और जा!
यदि तेरे को फिर भी शर्म आ रही है अकेले जाने में तो पुत्तर किसी बड़े के साथ चले जा - जैसे के कोई भरोसेमंद चाची या मामी? कोई बड़ी, समझदार बहन?
लेकिन डॉक्टर को दिखाना जरूरी है। एक बार चेक उप के बाद तेरे को पता चल जाये की इसके पीछे वजह क्या है तो तू इलाज भी करवा सकती है, हैना?
मुझे याद है, एक बार मेरी एक दोस्त इसी समस्या को लेकर लेडी डॉक्टर के पास गई थी लेकिन डॉक्टर ने भी उसकी इस प्रॉब्लम को सीरियस नहीं समझा। उसने उसे केवल अजवाइन का पानी या गर्म पानी की बोतल लगाने की सलाह दी, लेकिन फिर एक हफ्ते के बाद उसका दर्द इतना बढ़ गया कि उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बाद में पता चला कि उसे एंडोमेट्रियोसिस हुआ है। इसके बारे में यहां और पढ़। इसलिए जब तू डॉक्टर के पास जाए, तो अपने चेक उप पर जोर देना और बोलना की मेरे को इसकी वजह बताओ। यदि वे डॉक्टर फिर भी तेरे को सही से ना देखे, तो डॉक्टर बदल देना।
खुद को इम्पोर्टेन्स दो!
तुम्हारी सेहत तुम्हारे लिए सब से ज़रूरी होनी चाहिए पुत्तर। वो कहते हैं न - जान है तो जहाँ है! पीरियड्स के दर्द से राहत पाना तेरा हक़ है। डॉक्टर/स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलने में में संकोच न कर। वे तेरे दर्द को कम करने में तेरी मदद करेंगे - तुझे यह सहना नहीं है पुत्तर!
चल अब आल दी बेस्ट तेरे को!
तस्वीर में मॉडल का इस्तेमाल किया गया है।नाम बदल दिए गए हैं।
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