genital piercing
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जननांगो को छिदवाने (जेनिटल पियर्सिंग) से पहले जान लें ये ज़रूरी बातें

यदि आप अपने जननांगों को छिदवाने के बारे में सोच रहे हैं, तो इस आर्टिकल में हम आपको इसकी प्रक्रिया, जोखिम, सुरक्षा उपाय और अन्य चीजों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।

आमतौर पर बहुत से लोग अपने कान छिदवाते हैं। यह एक आम बात है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपनी जीभ, होंठ, नाक, आइब्रो और यहां तक कि शरीर के सबसे संवेदनशील अंग यानी अपने जननांग को भी छिदवाते हैं? सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी अपने जननांग छिदवाते हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।

जेनिटल पियर्सिंग क्या है?

इसके बारे में विस्तार से जानने से पहले आइए जानते हैं कुछ बेसिक बातें। जेनिटल पियर्सिंग का अर्थ है जननांगों में गहने पहनने के लिए इसे छिदवाना। शरीर के अन्य अंगों की तरह लोग जननांगों को भी छिदवाते हैं और इसे कई अलग-अलग तरीकों से किया जाता है।

महिलाओं में, आमतौर पर क्लिटोरिस या लेबिया को छेदा जाता है। जब कि पुरुष अपने लिंग, अंडकोश या पेरिनियम छिदवाते हैं।

जेनिटल पियर्सिंग कैसे किया जाता है?

जननांग शरीर का एक संवेदनशील हिस्सा हैं। इसके कारण चोट और संक्रमण की संभावना अधिक होती है। यदि आप अपने गुप्तांगों को छिदवाना चाहते हैं तो  आपको अधिक सुरक्षा बरतने की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए, इसकी प्रक्रिया और बेहतर रिजल्ट के लिए आवश्यक सुरक्षा मानकों को जानना बहुत जरूरी है।

भारत में, ऐसा कोई कानून नहीं है कि केवल लाइसेंस प्राप्त प्रोफेशनल ही जेनिटल पियर्सिंग कर सकते हैं। इसलिए आपको हमेशा अनुभवी प्रोफेशनल से ही जननांग छिदवाना चाहिए। ये विशेषज्ञ टैटू पार्लर में होते हैं। जननांग छेदने वाले अपॉइंटमेंट बुक करने से पहले ही वे इसकी पूरी प्रक्रिया के बारे में आपको बताएंगे।

इस प्रक्रिया में त्वचा की सफाई और छेदने वाली जगह को मार्क किया जाता है। जब आप जननांग छेदने की जगह बता देते हैं तब छेदने वाला आपकी बताई हुई जगह पर सुई से छेद करके उसमें ज्वेलरी लटका देता है। इस तरह जननांग छिदवाने की प्रक्रिया पूरी हो जाती है। फिर पियर्सर या छेदने वाला आपको पियर्सिंग की देखभाल के बारे में बताएगा ताकि यह तेजी से ठीक हो सके और संक्रमण से बचा जा सके।

आप जिस पियर्सिंग प्रोफेशनल के पास गए हैं, वह साफ सफाई का पालन कर रहा है या नहीं, यह जानने के लिए इन बातों को ध्यान में रखें:

  • जिस कमरे और मेज पर पियर्सिंग की जा रही है, वह साफ और सैनिटाइज होना चाहिए।
  • जननांग छिदवाने के लिए स्टेराइल, बंद, नए और डिस्पोजेबल उपकरणों और ज्वेलरी का इस्तेमाल करना चाहिए। ये सभी आपके सामने खोले जाने चाहिए। यदि इस्तेमाल किए जा रहे उपकरण डिस्पोजेबल नहीं हैं, तो उन्हें एक आटोक्लेव में अच्छी तरह स्टेरिलाइज्ड करना चाहिए।
  • -जननांग छेदने के लिए पियर्सिंग गन की सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि इसे स्टेरिलाइज्ड नहीं किया जा सकता है।
  • -पियर्सिंग करने वाले प्रोफेशनल और इस प्रक्रिया में उसकी सहायता करने वालों को अपने हाथ धोना चाहिए और स्टेरिलाइज्ड दस्ताने पहनना चाहिए।

जेनिटल पियर्सिंग क्यों किया जाता है?

अब आप अच्छी तरह समझ गए होंगे कि जेनिटल पियर्सिंग कैसे की जाती है। लेकिन कई लोग इस बात को लेकर बहुत कन्फ्यूज रहते हैं कि लोग जेनिटल पियर्सिंग क्यों करवाते हैं? खैर, इसका सटीक कारण बताना मुश्किल है, क्योंकि हर व्यक्ति अलग-अलग कारणों  से जननांग छिदवाता है।

मोटे तौर पर इसके तीन प्रमुख कारण हो सकते हैं:

  • आकर्षित करने के लिए- बहुत से लोग मानते हैं कि अपने प्राइवेट पार्ट छिदवाकर वे अपने पार्टनर को इंप्रेस कर सकते हैं।
  • रोमांच का एहसास 
  • आमतौर पर, महिलाओं में यौन संतुष्टि बढ़ाने के लिए सेक्स के दौरान संवेदनशील क्लिटोरिस के ऊतक को उत्तेजित करने के लिए ऐसा किया जाता है।

जेनिटल पियर्सिंग: जोखिम और सुरक्षा संबंधी चिंताएं

जेनिटल पियर्सिंग के दौरान दर्द और असहजता के अलावा भी और कई तरह की समस्याओं का खतरा होता है:

  • ब्लीडिंग
  • बैक्टीरियल इंफेक्शन
  • गहनों से एलर्जिक रिएक्शन 
  • तंत्रिका डैमेज होना
  • गहरा निशान
  • एचआईवी/एड्स और हेपेटाइटिस बी और सी जैसे यौन संक्रामक रोगों का खतरा 
  • पुरुषों में, अगर सुई इरेक्टाइल टिश्यू को छेद देती है तो नपुंसकता का जोखिम 

इन समस्याओं को कम करने के उपाय

नीचे दी गई सावधानियों को अपनाकर इनमें से अधिकांश संभावित जटिलताओं के जोखिम को कम किया जा सकता है:

  • पियर्सिंग प्रोफेशनल चुनने से पहले आसपास पूछ लें और रिव्यू देख लें
  • 14K सोने, टाइटेनियम या सर्जिकल स्टेनलेस स्टील से बने स्टेराइल उपकरणों और आभूषणों के उपयोग पर जोर दें
  • छिदवाने के बाद देखभाल से जुड़े निर्देशों का पालन करें जैसे कि नमक वाले पानी से उस हिस्से को नियमित रूप से साफ करना और धोना
  • जब तक यह पूरी तरह से ठीक न हो जाए तब तक दूसरों को इसे छूने न दें
  • छेदी गई जगह को छूने से पहले हमेशा अपने हाथ धोएं
  • पियर्सिंग के बाद कम से कम दो सप्ताह तक या पूरी तरह से ठीक होने तक ( 4 से 8 सप्ताह तक) सेक्स करने से बचें।
  • जब आप सेक्स करना फिर से शुरू करें, तो यौन संपर्क के बाद हमेशा छेद वाली जगह को नमक पानी से साफ करें
  • पियर्सिंग ठीक होने तक तैराकी ना करें या हॉट टब के उपयोग से बचें
  • पियर्सिंग ठीक होने के बाद भी उस जगह को हमेशा साफ रखें, क्योंकि संक्रमण किसी भी समय हो सकता है
  • लाली, सूजन, दुर्गंधयुक्त स्राव, पियर्सिंग वाली जगह पर दाने या बुखार जैसे संक्रमण के लक्षणों से सावधान रहें
  • अपने आप संक्रमण का इलाज न करें, यदि आपको कोई लक्षण दिखाई दे तो डॉक्टर से परामर्श करें

जेनिटल पियर्सिंग करवाने के निर्णय को हल्के में नहीं लेना चाहिए। इसके फायदे और नुकसान को जान लें, और देखें कि यह लंबे समय तक आपकी जीवनशैली के साथ फिट बैठता है या नहीं। यदि आपका बहुत मन कर रहा है तो बेशक आप जेनिटल पियर्सिंग करवा सकते हैं। लेकिन अपनी सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना जरूरी है।

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आरुषि चौधरी एक फ्रीलैंस पत्रकार और लेखिका हैं, जिन्हें पुणे मिरर और हिंदुस्तान टाइम्स जैसे प्रिंट प्रकाशनों में 5 साल का अनुभव है, और उन्होंने डिजिटल प्लेटफॉर्म और प्रिंट प्रकाशनों के लिए लगभग एक दशक का लेखन किया है - द ट्रिब्यून, बीआर इंटरनेशनल पत्रिका, मेक माय ट्रिप , किलर फीचर्स, द मनी टाइम्स, और होम रिव्यू, कुछ नाम हैं। इतने सालों में उन्होंने जिन चीजों के बारे में लिखा है, उनमें से मनोविज्ञान के प्रिज्म के माध्यम से प्यार और रिश्तों की खोज करना उन्हें सबसे ज्यादा उत्साहित करता है। लेखन उनका पहला है। आप आरुषि को यहां ट्विटर पर पा सकते हैं।

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