एक स्वस्थ महिला का अंडाशय मादा सेक्स हार्मोन यानि एस्ट्रोजन का उत्पादन करता है, जिसमें नर सेक्स हार्मोन यानि एंड्रोजन की भी थोड़ी मात्रा होती है। ये हार्मोन मासिक धर्म चक्र के दौरान अंडाशय में अंडे के विकास को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
लेकिन अगर किसी महिला को पीसीओडी या पीसीओएस है तो उसके अंडाशय सामान्य से अधिक मात्रा में एंड्रोजन का निर्माण करने लगते हैं। यह अंडों को पूरी तरह से परिपक्व होने से रोकता है और मासिक धर्म के दौरान ये अंडे स्रावित होने की बजाय अंडाशय में एक सिस्ट (गाँठ जैसा) बना लेते हैं।
डॉक्टर और वैज्ञानिक अभी तक पीसीओडी के सटीक कारणों का पता नहीं लगा पाये हैं। यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ एंड ह्यूमन डेवलपमेंट (एनआईसीएचडी) का कहना है कि कुछ पर्यावरणीय कारकों की वज़ह से महिलाओं में पीसीओडी विकसित होता है। यह भी संदेह है कि इसमें जीन की भी भूमिका होती है, लेकिन अभी तक यह निर्धारित नहीं किया जा सका है कि यह कैसे और क्यों शुरू होता है?
शिकागो विश्वविद्यालय के अनुसार, दुनिया भर में 5 से 10 प्रतिशत महिलाएं इस बीमारी से प्रभावित हैं। इसके लक्षण पहली बार मासिक धर्म की शुरुआत के दौरान दिखाई देते हैं - हालांकि यह कई वर्षों बाद भी दिख सकते हैं । लेकिन यह रोग महिला के अंदर जीवन भर रहता है। यह हर धर्म और हर देश की महिलाओं को प्रभावित करता है।
यह बीमारी हर महिला में अलग-अलग तरीके से प्रकट होती है। मेयो क्लीनिक के अनुसार असामान्य, अनियमित या लम्बे मासिक धर्म चक्र से लेकर चेहरे और शरीर पर अधिक मात्रा में बाल आना पीसीओडी के मुख्य लक्षण हैं। इसके अलावा तेजी से मुँहासे निकलना, पुरुषों की तरह गंजापन, वज़न बढ़ना, प्रजनन समस्याएं और यहां तक कि डिप्रेशन भी इस समस्या के अन्य लक्षण हो सकते हैं।
पीसीओडी से ग्रसित महिलाओं को इंसुलिन प्रतिरोध या मधुमेह, लिपिड असामान्यताएं, नींद की समस्या यानि ओबस्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया, हृदय रोग और एंडोमेट्रियम कैंसर (जो कि गर्भाशय की परत में होता है) सहित कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
इस बीमारी का कोई इलाज़ नहीं है लेकिन इंग्लैंड की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के अनुसार, ऐसे कई तरीके हैं जो इस बीमारी के लक्षणों को कम कर सकती हैं या ख़त्म कर सकती हैं।
- जीवनशैली में बदलाव: वजन घटाने से पीसीओडी से जुड़े कई लक्षण कम हो सकते है, साथ ही इस बीमारी से पैदा होने वाली कई स्वास्थ्य समस्याएं भी खत्म हो सकती हैंI
- दवाएं: कुछ दवाएं जैसे जन्म नियंत्रण की गोलियां माहवारी को नियमित करती हैं और पीसीओडी के लक्षणों को नियंत्रण में रखने में मदद कर सकती हैं। ख़ुद से अपना इलाज़ ना करें बल्कि डॉक्टर से सलाह लेकर ही कोई दवा खाएं।
- सर्जरी: लेप्रोस्कोपिक ओवेरियन ड्रिलिंग नामक एक शल्य प्रक्रिया के बाद अंडाशय में एण्ड्रोजन उत्पादक ऊतकों को नष्ट करने के लिए उष्मा या एक लेजर का उपयोग किया जाता है। यदि यह इलाज़ आपकी स्थिति के अनुसार ठीक है, तो आपका डॉक्टर आपको विकल्पों की सलाह दे सकता है।