मैंने लोगों को कहते सुना है की महिलाओं की सेक्स में रुचि सबसे उचाई पर तब होती है जब वो 30 साल की होती है - क्या यह सच है?
इसके बाद क्या होगा? मेरे पति के साथ तो ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। किरण, कोल्कता
आंटी जी कहती है...वाह जी वाह, क्या बात है पुत्तर! यह तो सचमुच कलयुग ही है। रब जी तो तुझे और तेरे पति को कितना शानदार तोहफा दे रहे हैं और तू है की शिकायत कर रही है! हाय...हाय, हाय! मेरी प्यारी किरण, सेक्स की चाह होना तो प्रकृति का सबसे बड़ा सुख है। इसलिए पेड़ मत गिन, सिर्फ आम खाने के मजे ले!
देख सबसे पहले तो क्यूँ...कहाँ...कैसे...इन सब की चिंता छोड़ दे। जी हाँ, रिसर्च यह दिखाता है की महिलाओं की सेक्स में रुचि सबसे उचाई पर तब होती है जब वो 30 साल के पड़ाव में होती हैं। वैज्ञानिकों का मानना है की यह 'क्रमिक विकास' मतलब एवोलूशन की वजह से होता है और इस उम्र में बच्चा होने में थोड़ी परेशानी होने की वजह से होता है।
लेकिन एक दूसरी रिसर्च यह दर्शाती है की महिलाओं की सेक्स में रुचि सबसे ज़्यादा किशोरावस्था में होती है। और मुझे लगता है की कोई रिसर्च यह बताएगी की सेक्स में रुचि सबसे ज़्यादा तब होती है जब मासिक धर्म बंद होने वाला होता है। किरण बेटा, तू समझ रही है ना की मैं क्या कहना चाह रही हूँ?
जहाँ तक इन रिसर्च का सवाल है, कुछ तो यह भी कहेंगे की सेक्स की उचाई होना भी एक मिथ्या है, और कुछ के लिए तो यह मनोवैज्ञानिक सम्बन्धी समस्या है। तो पुत्तर, मैं तो कहूँगी की - 'कुछ तो लोग कहेंगे...लोगों का काम है कहना...', इसलिए तो अपनी सेक्स की तरफ रुचि को लेकर ज़्यादा चिंता करना छोड़ दे।
हम सब का शरीर एक दुसरे से बिलकुल अलग है और हमारे शरीर भी लगा अलग तरह से काम करते हैं। इसलिए इस चीज़ के पीछे के कारण की अधेड़ -बुन करना छोड़ दे, और मज़े ले।
चुप्पी तोड़
तेरी दूसरी बड़ी चिंता है की पति क्या सोचेगा। अब चाहे तो इसे तू मेरा इतने सालों का अनुभव समझ ले या फिर कुछ और, लेकिन मुझे नहीं लगता की तेरे पति यह जानकर बिलकुल हताश नहीं होगा की सेक्स को लेकर तू और ज़्यादा उतेजित महसूस कर रही है।
अब मैं यह कल्पना कर रही हूँ की तेरा तेरे पति के साथ रिश्ता बिलकुल नोर्मल है, चाहे वो बेडरूम के अन्दर हो या बाहर। नहीं, उसे यह जानकार सचमुच अजीब नहीं लगेगा। और फिर अगर तेरी यह बात सुनकर वो सड़क पर नाचने लगे तो तू उसे अजीब मत समझना।
वैसे क्या पता, जो तुझे महसूस हो रहा है, वही उसे भी महसूस हो रहा हो। ओये होए! मेरी मम्मी जी कहती थी की शादी के कुछ सालों बाद ना पति पत्नी एक जैसे लगने लगते हैं।
मैं यह कहती हूँ की वो एक जैसा बर्ताव भी करने लगते हैं, और उनका शरीर भी एक जैसा बर्ताव करने लगता है। शायद तेरा मुंडा थोडा शर्मा रहा हो और तुझे बता नहीं रहा हो। यह वक़्त है चुप्पी तोड़ने का, यह मेरा मानना है।
अपनी ज़रूरतों के बारे में बोले
सबसे ख़राब स्थिति: अगर तेरा पति तेरी बात सुनकर गुस्सा हो जाता है, तो तुझे उसे अपनी बात अच्छे से समझाने की कोशिश करनी होगी। शाररिक तौर पर संतुष्ट होना बहुत ज़रूरी है - मेरे हिसाब से यह एक संवैधानिक अधिकार बना देना चाहिए।
तुम दोनों को एक दुसरे से अपनी ज़रूरतों के बारे में खुल कर बात करनी चाहिए और कैसे तुम एक दुसरे की इन ज़रूरतों को पूरा कर सकते हो। उसको थोडा वक़्त दो, मुझे नहीं लगता उसे अपनी साइड लाने में तुझे ज़्यादा टाइम लगेगा।
और सच में मैं ना तुझे धन्यवाद देना चाहती हूँ। क्यूंकि तेरे आज के सवाल मैं मुझे सच में कोई प्रोब्लम नहीं दिखी। ऐसी चीज़ का अंत या तो अच्छा होगा या बहुत ही अच्छा।
ज़रूरत तो नहीं लेकिन मैं फिर भी कहूँगी, की इस स्थिति में तो बहुत सारा रूह अफज़ा पीना बनता है और बहुत सारा सुरक्षित सेक्स भी। लेकिन तुम दोनों तो इसका ख्याल रखोगे ही। और हाँ, पति को वो कामसूत्र खरीद के लाने के लिए बोल जिसपर तू नज़र टिकाये बैठी है।
तस्वीर में मॉडल का इस्तेमाल किया गया है।
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