Are homophobes secretly gay?
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कहीँ समलैंगिकों से डरने वाले पुरुष खुद समलैंगिक तो नहीं?

द्वारा Sarah मई 22, 10:30 पूर्वान्ह
कुछ पुरुष समलैंगिक सेक्स को लेकर इतने आक्रामक और उत्तेजित क्यूँ हो जाते है? कहीँ अंदर ही अंदर वो खुद को भी समलैंगिक तो नहीं मानते?

आज का दिन होमोफोबिया के ख़िलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जा रहा है, इसलिए आज हम लव मैटर्स पर इसी विवादास्पद मुद्दे पर बात करेंगे।

क्यों होती है कुछ पुरुषो को समलैंगिकों से नफ़रत? "दो पुरुषो के बीच में सम्बन्ध गलत है, अप्राकृतिक है", "यह घिनौना है!"

शायद यह लोग इसीलिए ज़्यादा उत्तेजित हो जाते है क्यूंकि इन्हें यह डर होता है कि कहीँ इनकी खुद की असलियत ना सामने आ जाये। क्यूँकि ऐसा कहा जाता है कि जो पुरुष समलैंगिकता से घृणा करते है वो मन ही मन दुसरे पुरुषो को पसंद करते है।

यह जानने के लिए इस बात में कितनी सच्चाई है, अमरीकी शोधकर्ताओं ने इसकी तहक़ीक़ात शुरू करी।

जॉर्जिया के एक विश्वविद्यालय में 64 पुरुषो को एक प्रश्नावली दी गयी, यह पता करने के लिए की वो समलैंगिकों के बारे में क्या सोचते है। उन्हें कुछ वक्तव्य जैसे, "मुझे एक समलैंगिक पुरुष के साथ काम करने में ज़रा भी हिचकिचाहट नहीं है" या "दो पुरुषो को हाथ में हाथ डालकर चलते हुए देख कर मुझे घृणा होती है", का आकलन करने को कहा गया। उनके दिए गए जवाबो के आधार पर 35 पुरुष 'होमोफ़ोबिक'( वो पुरुष जो समलैंगिकों से नफ़रत करते है) पाये गए - मतलब आधे से भी ज़्यादा।

पॉर्न

उसके बाद उन सभी को एक कमरे में बिठा दिया गया जहाँ उन्हें 3 लघु पोर्न फ़िल्मे दिखाई जानी थी। फ़िल्म दिखाने से पहले सभी पुरुषो के शिश्नो पर एक इलेक्ट्रॉनिक बेल्ट लगा दी गयी जिससे फ़िल्म देखने से शिश्न में हो रही  प्रतिक्रियाओ की जानकारी मिल सके।

शोधकर्ताओं ने पुरुषो को तीन तरह के पॉर्न दिखाए - पुरुष-महिला, पुरुष-पुरुष और महिला-महिला। तीनो ही फ़िल्मे कामुकता और भिन्न भिन्न सेक्स मुद्राओ से भरपूर थी।

समलैंगिक महिलाओं वाली फ़िल्म दिखाने के पीछे शोधकर्ताओं का मत यह था कि ऐसी फ़िल्मे उन पुरुषो को बेहद भाती है जो समलैंगिक नहीं होते। तो यह एक ज़रिया था जिससे यह पता चल सकता था कि कौनसे पुरुष किस श्रेणी में आते है।

सूजन

वो पुरुष जो होमोफोबिक नहीं पाये गए थे उनमे से 66 प्रतिशत के शिश्नो में समलैंगिक पुरुषो की फ़िल्म देखने के बाद कोई हरकत नहीं हुई थी। होमोफोबिक पुरुषो में भी केवल 20 प्रतिशत ऐसे थे जिन्हें फ़िल्म देखने से कोई असर नहीं हुआ था।

लेकिन करीब आधे से ज़्यादा होमोफोबिक पुरुषो के शिश्न फ़िल्म देखने के दौरान उन्नत अवस्था में पाये गए।

विकल

तो, 80 प्रतिशत होमोफोबिक पुरुष दुसरे पुरुषो को देखकर उत्तेजित होते है। यानी कि, जो पुरुष समलैंगिकता और समलैंगिकों से उपराक्ष रूप से नफ़रत करते है वो भीतर से खुद समलैंगिक होते है। सच्चाई सामने है?

लेकिन शायद इसके पीछे एक और कारण हो। शोधकर्ताओं का मानना है कि कई बार बैचैनी और अत्यधिक व्याकुलता होने से भी पुरुषो के शिश्नो में कड़ापन पन आ जाता है। तो हो सकता है कि होमोफोबिक पुरुष समलैंगिक पुरुषो की फ़िल्म देखकर इतने बैचेन हो उठे कि उनके शिश्न में ऐंठन आ गयी।

इसके बावजूद जॉर्जिया के मनोवैज्ञानिको के लिए नतीजे साफ़ थे। उनका मानना था कि लोग कितना भी इनकार करे, लेकिन समलैंगिक-विरोधी भावनाएं कहीँ ना कहीँ पुरुषो के प्रति झुकाव से जुड़ी हुई है। यह हो सकता है कि कई पुरुष अपने अंदर के इस एहसास से अनजान हो लेकिन अगर वो समलैंगिकता से नफ़रत करते है तो शायद यह एक मुखोटा हो उनकी असलियत छुपाने का।

स्त्रोत: क्या होमोफोबिआ समलैंगिकों के प्रति उत्तेजना से जुड़ा हुआ है? हेनरी . एडम्स, लेस्टर डब्लू. राइट, जूनियर., और बेथानी . लोह्र, जॉर्जिया विश्वविद्यालय

हर साल 17 मई को होमोफोबिआ, ट्रांस्फोबिआ, और बिओफोबिआ के ख़िलाफ़ अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है।

क्या आपको लगता है कि अगर लोग समलैंगिक विरोधी है तो ऐसा हो सकता है कि वो खुद उनके लिए झुकाव महसूस करते हो? यहाँ या फेसबुक पर हमें ज़रूर बताएं।

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