Shutterstock/MaxFX

कौमार्य: मुख्य तथ्य

अधिकांश संस्कृतियों में, जिसमें हमारी भी शामिल है, पहली बार सेक्स करने को बहुत सवालिया नज़रों से देखा जाता हैI शायद ऐसा विर्जिनिटी या कौमार्य खोने की हमारी धारणाओं की वजह से हैI यह अवधारणा मिथकों से भरी हुई है और अक्सर इसे केवल 'महिलाओं की समस्या' माना जाता हैI कुछ गलत धारणाओं से पर्दा उठाने और कौमार्यता के बारे में और जानने के लिए पढ़िए कुछ ख़ास महत्त्वपूर्ण तथ्यI

विर्जिनिटी क्या है

कौमार्य की कोई एक परिभाषा नहीं हैI अगर इसकी सबसे सरल व्याख्या की बात करें तो कौमार्यता को 'कभी भी सेक्स ना करने की' स्थिति के रूप में वर्णित किया जा सकता है। लेकिन इससे एक सवाल यह उठता है कि सेक्स क्या हैI कई संस्कृतियों में, लिंग-योनि संभोग को यौन क्रिया या सेक्स माना जाता है। मतलब यह कि अगर किसी यौन क्रिया के दौरान एक पुरुष द्वारा महिला की योनि में लिंग का प्रवेश हुआ है तो उन दोनों को ही कुंवारा/कुंवारी या वर्जिन नहीं कहा जा सकताI

हालांकि, संभोग में विभिन्न प्रकार के कृत्यों का समावेश हो सकता है जिसमें कई यौन अंग शामिल होते हैं। यही वजह है कि सेक्स या यौन अनुभव किसे कहा जाए, उसका दायरा बेहद चौड़ा या विस्तृत होता हैI लिंग का खड़ा होना, योनि में नमी , हस्तमैथुन और मुख मैथुन, यह सभी यौन कृत्य हैं। इसके अलावा ऐसा कोई भी काम जो यौन आनंद की प्राप्ति के लिये किया जाए जैसे कि फोरप्ले, छूना और चुम्बन भी यौन कृत्य हैंI अगर इस नज़रिये से देखा जाए तो हर वो व्यक्ति जिसे किसी भी प्रकार की यौन क्रिया का अनुभव हो, उसे वर्जिन नहीं कहा जाना चाहिएI

क्या यह महिला और पुरुष दोनों पर लागू होता है?

हाँ। कोई भी व्यक्ति - महिला, पुरुष, ट्रांसगेंडर, विषमलैंगिक या समलैंगिक - जिनके पास किसी भी तरह का यौन अनुभव नहीं है, वह वर्जिन हैI

इस सबके बावजूद कौमार्य पर बातचीत ज्यादातर महिलाओं पर ही केन्द्रित होती है। अधिकांश समाजों में इस बात पर ना तो ज़्यादा चर्चा होती है और ना ही इस को इतना महत्त्व दिया जाता है कि लड़का वर्जिन है या नहींI दूसरी ओर, कौमार्यता को एक 'स्त्री' का एक लक्षण माना जाता है जिसे सीधे उसके परिवार के सम्मान से जोड़ा जाता है। इसके अलावा, अतीत में, क्योंकि गर्भनिरोधक तरीके या तो अनुपलब्ध थे या उतने कारगर नहीं थे जितने आज हैं, इसीलिए एक महिला के लिए शादी से पहले गर्भवती होने से बचने का एकमात्र तरीका था वर्जिन रहना क्यूंकि शादी से पहले गर्भवती होना पहले भी और आज भी कई समाजों में अभी भी सामाजिक रूप से स्वीकार्य नहीं हैI

हाइमन और मिथ्य

महिलाओं में कौमार्य के साथ एक मिथक और जुड़ा हुआ हैI वो यह कि जब भी एक महिला पहली बार योनि प्रवेशित सेक्स करती है तो योनि के प्रवेश द्वार पर मौजूद नाजुक त्वचा फ़ट जाती हैI त्वचा का यह टुकड़ा हाइमन के रूप में जाना जाता है और यह माना जाता है कि इसके फ़टने पर रक्त्स्राव होता है, जिससे यह निश्चित रूप से स्थापित हो सके कि यह संभोग उस औरत का पहला सम्भोग है - यह एक गलत धारणा है

हाइमन कोई सील नहीं है जो सिर्फ़ प्रवेशित सेक्स के द्वारा ही टूट सकती हैI यह योनी का एक पतला हिस्सा है, योनि के बाहर, उसके अंदर नहीं। हाइमन के विभिन्न आकृति और आकार हो सकते हैं, और इसकी मोटाई भी अलग-अलग महिलाओं में अलग होती हैI कुछ महिलाओं में, यह सेक्स के बिना भी फ़ट सकता है जैसे खेल कूद के दौरान गिरने या खिंचने से जबकि कुछ में यह पहली बार सेक्स के दौरान फटता है तो कुछ में बच्चे के जन्म के बावजूद भी यह ज्यों का त्यों रहता हैI इसके अलावा, यह जानकारी आपके लिए आश्चर्यजनक हो सकती है, लेकिन कुछ महिलाओं में हाइमन होता ही नहीं है!

तो क्या पता लगाया जा सकते हैं?

नहीं, अगर पहली बार सेक्स के बाद किसी महिला की योनि से खून ना निकले तो इसका यह अर्थ नहीं है की वो वर्जिन नहीं है। कोई और तरीका भी नहीं है जिससे यह पता चल सके कि कोई महिला वर्जिन है या नहींI यहाँ तक ​​कि एक बेहद अनुभवी डॉक्टर भी निश्चित रूप से यह बताने में सक्षम नहीं हैं कि कोई महिला वर्जिन है या नहीं, इसलिए किसी भी कौमार्य परीक्षण को विश्वसनीय नहीं कहा जा सकताI पुरुषों के सन्दर्भ में भी कड़े शिश्न या विलंबित ओर्गास्म को कौमार्यता से नहीं जोड़ा जा सकताI

क्या इससे फ़र्क़ पढ़ना चाहिए?

नहीं, इससे कोई फ़र्क़ नहीं पढ़ना चाहिएI पारस्परिक आनंद, आपसी सहमति और सुरक्षा ही तीन मुद्दें हैं जो यौन संबंधों में महत्वपूर्ण होने चाहिएI कोई वर्जिन है या नहीं इससे किसी के भी सेक्स जीवन में ना तो कुछ जुड़ता है और ना ही कुछ घटता हैI फ़िर भी, यदि आपके लिए कौमार्य महत्वपूर्ण है तो बाद में जटिलताओं से बचने के लिए रिश्ते की शुरुआत में ही अपने साथी के साथ इस पर चर्चा करना बेहतर होगाI

अपने साथी की कौमार्यता स्थिति जानने का एकमात्र तरीका क्या है: आप सिर्फ़ उनसे पूछ सकते हैं और फ़िर उनके जवाब पर विश्वास कर सकते हैंI लेकिन अगर आपको उनकी बात पर विश्वास नहीं है तो आपका भगवान् ही मालिक है क्यूंकि ऐसा कोई भी साक्ष्य अभी तो उपलब्द्ध नहीं है जो इस विश्वास की कमी की क्षतिपूर्ति कर सकेI

क्या कौमार्य का पुनः निर्माण किया जा सकता है?

सच कहें तो निर्माण करने के लिए कुछ है ही नहींI अगर किसी ने सेक्स का अनुभव किया है तो किया हैI और क्योंकि पहली बार सेक्स करने का कोई लक्षण, जैसे कि फटा हुआ हाइमन - नहीं होता है, इसीलिए ऐसा कुछ भी नहीं है जिसका पुन: निर्माण किया जाएI

इसी प्रकार, 'हाइमनेराफी' नामक सर्जरी से केवल 'हाइमन का पुनर्गठन' या 'योनि या एक लिंग को कसने' जैसे शारीरिक परिवर्तन ही हासिल किये जा सकते हैंI इसे एक ऐसी प्रक्रिया के रूप में वर्णित करना जो कौमार्यता को पुनर्स्थापित करती हो, सरासर गलत होगाI

कौमार्य - महिलाओं के लिए एक खतरा है?

कई लोग जो कौमार्यता में विश्वास रखते हैं, वे कहते हैं कि कौमार्य महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा करता हैI लेकिन दुर्भाग्यवश, कौमार्य को इतने ऊंचे मंच पर रखने से हम लड़कियों और महिलाओं को उन लोगों के द्वारा हिंसा, दुर्व्यवहार और हमले के जोखिम में डालते हैं, जो सोचते हैं कि एक महिला का मूल्य उसके यौन व्यवहार से जुड़ा हुआ है। उदाहरण के लिए, दुनिया के कई रूढ़िवादी हिस्सों में, दहेज़ को कम करने या उसके परिवार को दंड देने के लिए एक लड़की का बलात्कार होना आम बात है।

इसके अलावा, महिला जननांग काटने जैसी खतरनाक विधियाँ सिर्फ इसीलिए प्रचलित हैं कि लड़किया और महिलाओं को सेक्स करने से रोका जा सकेI फ़िर चाहे इससे उनका जीवन ही खतरे में क्यों ना पड़ जाएँI

कौमार्य से जुड़े मिथकों पर से पर्दा उठाता, लव मैटर्स का यह शानदार वीडियो ज़रूर देखें!

 

यह लेख पहली बार 18 जनवरी, 2018 को प्रकाशित हुआ था 

क्या आपके कौमार्य से सम्बंधित कोई सवाल है? हमारे फेसबुक पेज पर आप हमारे विशेषज्ञों से बात कर सकते हैं। यदि आपके पास कोई विशिष्ट प्रश्न है, तो कृपया हमारे चर्चा मंच पर जाएं।