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घर से भागकर शादी करने वाले हैं - ज़रा यहाँ एक नज़र डाल लें!

Submitted by Harish P on बुध, 02/21/2018 - 02:37 बजे
हम सब ऐसे कई जोड़ों की साहसी और प्रेरणादायक कहानियां सुनकर बड़े हुए हैं जिन्होंने समाज से लड़कर घर से भागकर शादियां की। लेकिन घर से भागकर शादी करना क्या हमेशा सही होता है? आगे पढ़ें इससे जुड़े कुछ ऐसे पहलु जिनके बारे में लोग अक्सर बात नहीं करतेI
फ़िल्मो में दिखाई हर बात सही नहीं होती 

आमतौर पर फ़िल्मो में घर से भागने के कई पहलूओं को दर्शाया जाता है लेकिन इसकी जटिलाओं को प्रस्तुत नहीं किया जाता है। घर से भागने के बाद घर की याद आने, भागने पर पछतावा होने और यहां तक कि रोटी, कपड़ा और मकान जैसी समस्याओं से जुड़े संघर्ष को फ़िल्मो से गायब कर दिया जाता है। कई बार तो इस बात पर भी बल नहीं दिया जाता कि भागने से पहले आपको अपने साथी को अच्छे से जानना, समझना अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैI

उम्र भी मायने रखती है !

कभी-कभी जोश में आकर दो प्रेमी घर से भागकर शादी करने का फैसला कर लेते हैं। लेकिन आपको यह बात नहीं भूलनी चाहिए कि भागकर शादी करने का यह मतलब नहीं है कि आप सभी नियम-कानूनों को ताक पर रख देंI भारत में बाल विवाह निषेध अधिनियम के अंतर्गत 18 वर्ष से कम उम्र  की लड़की को विवाह करने की इजाजत नहीं है और 21 वर्ष से पहले लड़का भी शादी नहीं कर सकता है। इसलिए आप मां-बाप और सामाजिक दबाव से तो बच सकते हैं लेकिन देश के कानून के हिसाब से उम्र से पहले शादी नहीं कर सकते हैं।

सिविल /कोर्ट मैरिज

घर से भागकर शादी करने वाले जोड़े अक्सर अलग धर्म, जाति और क्षेत्र से होते हैंI ऐसी परिस्थिति में पारंपरिक समारोहों में शादी करने की बजाय सिविल कोर्ट में शादी करना उनके लिए आसान रहता है। लेकिन कोर्ट में शादी करने के लिए तीन गवाहों की जरूरत पड़ती है जो शादी के घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करते हैं। इसलिए पहले से ही इसकी तैयारी करके रखें।

इसके अलावा विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत अदालत में शादी करने के लिए यह नियम होता है कि उस समय आप दोनों शादीशुदा ना हों, मानसिक रूप से आपसी सहमति हो, बच्चा पैदा करने के लिए मानसिक रूप से तैयार हों और आप दोनों का आपसी कोई खून का रिश्ता या गोद लिए जाना वाला रिश्ता ना हो।

धूमधाम वाली शादी

बहुत से लोग अदालत में शादी करने के साथ ही पारंपरिक तरीके से धूमधाम से शादी करना चाहते हैं। लेकिन आपको मेहमानों, रीति रिवाजों और शादी के समारोह आदि के खर्च का भी अंदाजा लगा लेना चाहिए। घर से भागने वालों को मां-बाप की ओर से कोई सहायता नहीं मिलती है इसलिए उन्हें पारंपरिक तरीके से शादी करने से पहले होने वाले खर्चों पर भी ध्यान देना चाहिए।

शादी के बाद

यह सच है कि जब दो लोग एक दूसरे से सच्चा प्यार करते हैं तो उन्हें दुनिया की कोई ख़ास परवाह नहीं होतीI लेकिन देखा जाये तो एक तरह से दुनियावालों की भी जरूरत पड़ती है। शादी के बाद जीवन में दोस्तों और शुभचिंतकों की भी जरुरत होती है। अगर आपके परिवार ने साथ छोड़ दिया है तो आखिर कौन साथ देगा। इसके बाद तो किसी दोस्त, पड़ोस के अंकल, आंटी, सहकर्मी का ही सहारा रहता है जो आपके भरोसे को तोड़े बिना साथ देता है।

गृहस्थी को बसाने में समय लगता है इसके लिए ऊर्जा, धन और लोगों की मदद और पहले से योजना बनाने की भी जरूरत होती है। सबसे जरूरी है पैसों की पहले से प्लानिंग। भागने से पहले आपके पास बैंक में पैसा भी होना चाहिए क्योंकि एक बार आप घर से भाग गए तो आपके माता-पिता तो आपकी कोई मदद नहीं करेगें। इसलिए भागकर शादी करने से पहले इन सभी बातों का ध्यान रखें।

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तस्वीर के लिए मॉडल का इस्तेमाल किया गया है

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लेखक के बारे में: मुंबई के हरीश पेडाप्रोलू एक लेखक और अकादमिक है। वह पिछले 6 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्यरत हैं। वह शोध करने के साथ साथ, विगत 5 वर्षों से विश्वविद्यालय स्तर पर दर्शनशास्त्र भी पढ़ा रहे हैं। उनसे लिंक्डइन, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर संपर्क किया जा सकता है।