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परिवार में सेक्स - कुछ ज़रूरी तथ्य

परिवार के किसी मेंबर के साथ सेक्स – इस टॉपिक पर लव मैटर्स को हमारे डिस्कशन बोर्ड पर बहुत सारे सवाल मिलते हैं । तो चलिए इसके बारे में बात करते हैं।

एक परिवार का मतलब अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग हो सकता है। लेकिन मोटे तौर पर परिवार के सदस्य या तो रक्त से या फिर विवाह जैसे सामाजिक संस्थानों के माध्यम से संबंधित होते है।

इन्सेस्ट रिश्ता

इन्सेस्ट उस सेक्स संबंध को कहते हैं जो परिवार के उन करीबी सदस्यों के बीच हो जो एक दूसरे से खून के रिश्ते से संबंधित होते हैं - जैसे की माता-पिता और बच्चे, भाई-बहन, चाचा-भतीजी/ बुआ-भतीजा इत्यादि। चचेरे/ममेरे भाई या बहन के सेक्स संबध को भी कही समुदायों में इन्सेस्ट माना जाता है।

गैर- इन्सेस्ट रिश्ता

हालांकि, परिवार केवल खून के संबंधों तक सीमित नहीं होता।  इसमें विवाह जैसे सामाजिक संस्थानों द्वारा बंधे लोगों को भी शामिल किया गया है। उन लोगों के बीच सेक्स जो रक्त से संबंधित नहीं हैं, लेकिन अभी भी उसी परिवार इकाई का हिस्सा हैं, उन्हें गैर-इन्सेस्ट संबंधों के रूप में देखा जा सकता है। इसमें ससुर, देवर, सास, ननद, चाची या चाचा के पति या पत्नी जैसे रिश्तों के साथ सेक्स होना शामिल है।

कानून क्या कहता है? 

ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, ब्राजील, डेनमार्क, कनाडा और अमेरिका जैसे कई देशों में इसे गैरकानूनी माना जाता है, लेकिन भारत में इसके लिए कानून तय नहीं किया गया है।

इसलिए, जबकि किसी व्यक्ति को परिवार के किसी सदस्य के साथ सेक्स संबंध रखने के लिए कानूनी तौर पर दोषी नहीं ठहराया जा सकता है,  लेकिन यौन शोषण, बलात्कार और सोडोमी के नियम लागू किये जा सकते है। उदाहरण के लिए, परिवार के किसी बड़े सदस्य पर बच्चे या नाबालिग के साथ सेक्स संबंध बनाने पर रेप और यौन उत्पीड़न के अंतर्गत जेल हो सकती हैं।

चूंकि 2018 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा IPC की धारा 497 खत्म करने के कारण पारिवारिक व्यस्क सदस्यों के बीच सेक्स रिश्ता, गैर इन्सेस्ट यौन संबंध अब दंडनीय अपराध नहीं हैं फिर भी तलाक और मानसिक क्रूरता के लिए आधार के रूप में काम कर सकता है।

पॉवर फैक्टर    

फैमिली के बीच सेक्स पर मनाही अक्सर नैतिकता के पैमाने पर आधारित होती हैं। समाज ने पारिवारिक रिश्तों में कुछ सीमाओं को खींचने और उनका सम्मान करने के लिए हमें तैयार किया है। इन सीमाओं को पार करना गलत माना जाता है। यही कारण है कि जो लोग इन्सेस्ट के पक्ष  में तर्क देते हैं वे अक्सर सबसे पहले इन सामाजिक सीमाओं को ही चुनौती देते हैं जो परिवार के सदस्यों के बीच यौन संबंधों को प्रतिबंधित करती हैं।

हालांकि, एक और ज़रूरी चीज़ - जो नैतिकता के तर्क से कहीं अधिक ज़रूरी है - अक्सर अनदेखी की जाती है। परिवार के रिश्तों में पॉवर  इस तरह के सेक्स संबंधो में काफी बड़ा फ़ैक्टर होती हैं और अक्सर इन रिश्तो को दुर्व्यवहार में बदल देती है। 

हर परिवार में कुछ सदस्य दूसरे सदस्यों ज्यादा पॉवर  रखते हैं - जैसे की बच्चों से ज्यादा पॉवर  माता पिता, चाचा-चाची, मामा-मामी  इत्यादि के पास होती हैं। ये पॉवर उम्र से जुड़ी होती हैं। इसी तरह कुछ पॉवर  सम्मान और पारिवारिक एवं सामाजिक तौर तरीको से जुड़ी होती हैं। जैसे की परिवार के पुरुषों के पास अक्सर महिलाओं से ज्यादा पॉवर  होती हैं, भले ही वह उम्र में छोटे ही क्यों न हो, जैसे की देवर के पास भाभी से ज्यादा पॉवर  या भाई के पास बहन से ज्यादा पॉवर । यहाँ पॉवर  का मतलब परिवार में आपके बोलने या निर्णय लेने के अधिकार से हैं।  

अक्सर फैमिली के अंदर सेक्स वाले रिश्ते इसी पॉवर (वर्चस्व) का उपयोग कर के बनते हैं - जहाँ ज्यादा पॉवर  या अधिकार रखने वाले सदस्य कम पॉवर वाले सदस्य को उनके साथ सेक्स रिश्ता बनाने के लिए मजबूर या ‘राजी’ कर सकते हैं।

जब एक दादा, पिता, चाचा, माता, मौसी एक पोते, बच्चे, भतीजे या भतीजी के साथ यौन संबंध स्थापित करते हैं, तो छोटे या कम पॉवर वाले मेम्बर की सहमति अक्सर शामिल ही नहीं की जाती है। कभी कभी वे डर, धमकी, दबाव, बरगलाने  या जबरदस्ती के कारण इस तरह की चीज़ों को मना नहीं कर पाते और यहां तक ​​कि चुपचाप इस तरह के सेक्स संबंधों को डर, शर्म या परिवार को टूटने से बचाने के लिए सहन करते रहते हैं।

परिवार के सदस्यों के बीच सेक्स इसलिए भी गलत होता हैं क्यूंकि वह अकसर इसी तरह की पॉवर का इस्तेमाल करके बनाया जाता हैं। चाहे इस पॉवर का इस्तेमाल प्रत्यक्ष हो या अप्रत्यक्ष (दिखाई दे या न दे)।  

मनोवैज्ञानिक प्रभाव

परिवार के मेम्बर के बीच यौन संबंध यह उस व्यक्ति के दिमाग पर खराब असर डाल सकता है जिसे इस तरह के सेक्स एक्शन के लिए मजबूर किया जा रहा है। 

गिल्ट की भावना, के साथ मिलकर यह बात और बड़ी हो जाती है कि उन्हें अपराधी के रूप में उन्हें एक ही छत के नीचे रहना पड़ता है। इसके कारण ऐसे व्यक्तियों की विश्वास करने की क्षमता, उनके इमोशनल विकास और औरों से कनेक्ट करने की क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ सकता हैं.  

अति मामलों में, यह चिंता, अवसाद या सुसाइडल विचारों को भी जन्म दे सकता है।

पारिवारिक रिश्तों पर असर 

इस तरह के सेक्स रिश्ते परिवार के ढांचे को खतरे में डाल सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि देवर भाभी सेक्स संबध में हैं तो जिस शादी के ज़रिये वो जुड़े हैं, वह खतरे में पड़ सकती है। 

यदि सेक्स  संबंध रखने वाले भागीदारों में से एक नाबालिग या दूसरा एडल्ट  है, तो ऐसा करने के लिए उस रिश्ते को रखने वाला व्यस्क पॉक्सो कानून के तहत जेल होगी। इस कारण से बहुत से नाबालिग वर्षों तक परिवार के भीतर यौन शोषण का शिकार होते रहते हैं क्यूंकि उनको डर होता हैं की बता देने से उनके परिवार के व्यक्ति को जेल हो सकती हैं और परिवार का नाम ख़राब होगा।

इसके अलावा, परिवार के अन्य लोग उनकी बात पर विश्वास करने से इनकार कर सकते हैं, इसे बदनाम कर सकते हैं या घटना के लिए पीड़ित को दोषी ठहरा सकते हैं। इस अनुभव का असर  कई गुना बढ़ जाता है, अगर व्यक्ति को अपने परिवार का साथ नहीं मिलता है, या उसे भी बुरे  काम के लिए दोषी ठहराया जाता है, जब वे इसे सामने लाते हैं।

यदि आप परिवार के किसी करीबी सदस्य के साथ सेक्स इच्छा को पाले हुए हैं और उस पर अमल करने का सोच रहे हैं, तो सोचें कि क्या दांव पर लगा है। अक्सर ऐसे सम्बन्ध दुख, अलगाव, आघात और पारिवारिक संबंधों के बारे में भ्रम पैदा करते हैं।

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आरुषि चौधरी एक फ्रीलैंस पत्रकार और लेखिका हैं, जिन्हें पुणे मिरर और हिंदुस्तान टाइम्स जैसे प्रिंट प्रकाशनों में 5 साल का अनुभव है, और उन्होंने डिजिटल प्लेटफॉर्म और प्रिंट प्रकाशनों के लिए लगभग एक दशक का लेखन किया है - द ट्रिब्यून, बीआर इंटरनेशनल पत्रिका, मेक माय ट्रिप , किलर फीचर्स, द मनी टाइम्स, और होम रिव्यू, कुछ नाम हैं। इतने सालों में उन्होंने जिन चीजों के बारे में लिखा है, उनमें से मनोविज्ञान के प्रिज्म के माध्यम से प्यार और रिश्तों की खोज करना उन्हें सबसे ज्यादा उत्साहित करता है। लेखन उनका पहला है। आप आरुषि को यहां ट्विटर पर पा सकते हैं।