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'दोस्ती भी, सेक्स भी' - दोनों के लिए फायदेमंद रिश्ता?
लेकिन जब ऐसे रिश्ते में दो लोगों की उम्मीदें पूरी ना हो पायें तो मुश्किल हो जाती है। ऐसे में लोग अपने आप को फंसा हुआ पाते हैं।
‘‘केवल दोस्त’’ वाले यौन संबंध आपको खुश और वंचानिया महसूस करा सकता है। ऐसा अमरीका के विश्वविद्यालय छात्रों ने शोधकर्ताओं को बताया जब उनसे बिना प्रतिबद्धता के यौन संबंधों के बारे में पूछा गया।
शोधकर्ताओं ने सोचा कि पुरुष ऐसे रिश्तों से महिलाओं की तुलना में अधिक खुश होंगे और अपेक्षानुसार उन्होंने बिना भावनात्मक बंधन के यौन संबंध बनाने वाले पुरुषों की संख्या महिलाओें से ज्यादा ही पाई। ऐसे रिश्तों में दोनों महिला एवं पुरुषों को नकारात्मक भाव कम और सकारात्मक भाव ज्यादा महसूस हुए।
उलझन
हालांकि इस प्रकार के रिश्तों को अगले चरण तक ले जाने के बारे में पुरुषों की सोच महिलाओं से अलग पाई गई।पुरुषों से अधिक महिलाओं ने ऐसे संबंधों को गंभीर संबंध में तब्दिल करने की उम्मीद की और प्रयास किया।
बहुत से लोगों ने निराशा, खालीपन और उलझन महसूस किया क्योंकि उन्होंने पाया कि ऐसा भावहीन यौन संबंध बिल्कुल भी संतुष्टि दायक नहीं था।
उन्होंने अपने आप को बिना भविष्य के रिश्ते में फंसा हुआ पाया क्योंकि अकेले रहना उससे भी बदतर विकल्प था।
उपाय
तो क्या रिश्तों से दूर रहना ही उचित है? शोधकर्ता इस बारे में ज्यादा नकारात्मक नहीं है। उनका मानना है कि ऐसे रिश्तों में अक्सर ध्यान जोखिम पर ज्यादा होता है न कि सकारात्मक पहलू पर।
अमरीकी छात्रों की माने तो ऐसे रिश्ते दोनों महिला और पुरुष के लिए फायदेमंद सौदा है, बशर्ते की दोनों साथियों के बीच अच्छी समझ हो।
फोटो: फ्लिक्र/आइक्युसेड
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