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कोरोना और भविष्य - आपके सवालों के जवाब

लव मैटर्स इंडिया ने कोरोनावायरस महामारी से जुड़े सवालों के विषय में देश भर में पांच युवा परामर्श आयोजित किए। इन परामर्शों में, कॉलेज के छात्रों के साथ महामारी के कारण होने वाली चिंताओं और चुनौतियों पर चर्चा की गई। लॉकडाउन, स्कूल-कॉलेज की बंदी, परिवार में बीमारी, आर्थिक तंगी और वैक्सीन पर हिचकिचाहट पर बात हुई। लव मैटर्स ने उन सवालों की एक सूची भी तैयार की, जो युवा लोगों के मन में महामारी के संबंध में थे। इस पेज पर हम उन चर्चाओं में COVID-19 वैक्सीन के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब प्रकाशित कर रहे हैं।

मैंने सुना है कि 2021 में उत्तीर्ण छात्र नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर सकते, क्या यह सही है?

नहीं, ये सिर्फ अफवाहें हैं। ऐसा कोई आदेश नहीं है। योग्यता होने पर कोई भी नौकरी के लिए आवेदन कर सकता है

क्या कोरोना कभी ख़त्म हो पाएगा?

अभी इसके खत्म होने की तारीख या समय का अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है। कोरोना को खत्म करने का एक ही तरीका है, कि सभी लोग वैक्सीन लगवा लें। इसलिए जल्द से जल्द आप भी वैक्सीन लगवाकर सुरक्षित हो जाएं।

हमारी लाइफ पहले जैसी कब तक हो पाएगी?

अभी इसके लिए किसी तारीख या समय की भविष्यवाणी करना बहुत मुश्किल है। जब भारत में अधिकांश लोगों को वैक्सीन लग जाएगी, तो कोरोना का प्रसार नियंत्रित होने लगेगा और तब जाकर प्रतिबंध भी हटाए जा सकते हैं और लाइफ धीरे-धीरे नॉर्मल हो जाएगी। लाइफ नॉर्मल होने के लिए, हर व्यक्ति को वैक्सीन लगवाना और मास्क पहनना, भीड़भाड़ से बचना और पर्याप्त साफ-सफाई बनाए रखना बहुत जरुरी है। ये सभी कदम इंफेक्शन को फैलने से रोकने में मदद करेंगे, जो हमारी लाइफ के नॉर्मल होने के लिए सबसे जरूरी चीज है।

परिवार में कमाने वाले मर गए हैं, तो क्या सरकार कुछ करेगी या क्या उसकी भरपाई हो पाएगी?

मई 2021 में, सरकार ने कोविड -19 के कारण अपने घर की रोजी रोटी चलाने वाले सदस्यों को खो चुके परिवारों के लिए पेंशन सहित कल्याणकारी उपायों की घोषणा की। बच्चों के लिए पीएम केयर्स के तहत घोषित उपायों के अलावा- कोविड प्रभावित बच्चों का सशक्तिकरण, सरकार ने उन परिवारों की मदद करने के लिए और उपायों की घोषणा की है, जिन्होंने कोविड के कारण घर की रोजी रोटी चलाने वाले सदस्य को खो दिया है।

कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) पेंशन योजना का लाभ रोजगार से संबंधित मृत्यु के मामलों में उन लोगों तक भी पहुंचाया जा रहा है जिनकी मृत्यु कोविड के कारण हुई है। ऐसे व्यक्तियों के आश्रित परिवार के सदस्य मौजूदा मानदंडों के अनुसार कर्मचारी द्वारा लिए गए औसत दैनिक वेतन के 90 प्रतिशत के बराबर पेंशन के लाभ के हकदार होंगे। यह लाभ पूर्वव्यापी प्रभाव से 24 मार्च, 2020 से और ऐसे सभी मामलों के लिए 24 मार्च, 2022 तक उपलब्ध होगा।

इस कोरोना ने सभी के भविष्य को तबाह कर दिया है तो अब सब का क्या होगा?

समय ही सबसे बड़ा मरहम है। हम सभी के अंदर हालात से लड़ने और विपरीत परिस्थितियों को पीछे धकेलने की पर्याप्त क्षमता होती है। सबसे पहले अपनी सेहत और अपने प्रियजनों के स्वास्थ्य का ख्याल रखें। अपना और अपने परिवार का टीकाकरण करवाएं। टीकाकरण के बाद एक बार जब हम सभी सुरक्षित हो जाएंगे, तो हालात सामान्य हो जाएंगे, हमारी अर्थव्यवस्था भी बेहतर हो जाएगी और नौकरी/काम ढूंढना और अपने जीवन को पटरी पर लाना आसान हो जाएगा। इसलिए हम में से हर किसी को वैक्सीन लगवाना जरूरी है।

ऐसा कब तक चलता रहेगा और हम कब तक घर में बैठे रहेंगे?

जैसे-जैसे भारत में अधिक से अधिक लोग वैक्सीन लगवाएंगे, कोरोना का प्रसार नियंत्रण में आएगा और जीवन धीरे-धीरे सामान्य होने लगेगा।

क्या जब कोरोना ख़तम हो जायेगा तब हमारे जो दो साल बर्बाद हुए, क्या इसकी भरपाई होगी? सरकार क्या हमारे भविष्य को लेकर कुछ कर पायेगी?

जान है तो जहान है - आपने सुना तो होगा? यह तो आपने सुना ही होगा। कोरोना वायरस महामारी ने हमें एक जरूरी बात सिखाई है - स्वास्थ्य ही धन है। यदि आपका स्वास्थ्य अच्छा है, आप रोग मुक्त हैं, तो आप इस जीवन में कुछ भी कर सकते हैं। इस महामारी में कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है और अपनों को खोया है। हमें ईश्वर का शुक्रगुजार होना चाहिए कि हम सब यहां हैं, एक-दूसरे से बात कर रहे हैं और इस महामारी से बचे हैं। ये दो साल बेशक कठिन रहे हैं लेकिन उम्मीद पर ही जीवन चलता है। 

हम उम्मीद से भरे और दृढ़ हैं कि हम फिर से उठेंगे और बुलंदियों को छूएंगे। अपने परिवार, अपनी सेहत, प्रियजनों को महत्व देने और कम से कम जीवित रहने के बारे में इन पिछले दो वर्षों से हासिल सबक से बहुत कुछ सीख लें और इसे साल बर्बाद समझने के बजाय एक कीमती अनुभव मानें। जहां तक ​​सरकार के मुआवजे की बात है तो इस महामारी के दौरान नुकसान झेलने वाले लोगों के लिए ऐसी कई योजनाएं उपलब्ध हैं।

 सरकार के पास सक्षम युवा योजना जैसी कई योजनाएं हैं, जो 18 वर्ष से ऊपर के किसी भी व्यक्ति को मनचाहे स्किल को सीखने में मदद करती है। इसके अलावा उसे रोजगार के अवसर प्राप्त करने या स्वरोजगार शुरू करने में भी मदद करती है। यह सभी पात्र आवेदकों को बेरोजगारी भत्ता राशि और मानदेय भी प्रदान करता है।

सरकार द्वारा ऐसी ही एक अन्य योजना प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम है, जहां कोई भी व्यक्ति, 18 वर्ष से अधिक आयु और कम से कम आठवीं कक्षा पास, विनिर्माण क्षेत्र में 10 लाख रुपये से अधिक और व्यापार / सेवा क्षेत्र में 5 लाख रुपये से अधिक की लागत वाली परियोजनाओं के लिए आवेदन कर सकता है। 

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