आंध्र करी खाते ही मानो हमारे मुँह में आग सी लग जाती है। इसकी वजह होती है कैप्साइसिन। यह वो पदार्थ है जो काली मिर्च को तीखापन देता है। इससे पसीना आ सकता है और शरीर में बैचैनी उत्पन्न हो सकती है। यहां तक की अत्यन्त पीड़ा भी हो सकती है। लेकिन हमने देखा है कि इन सब शारीरिक परेशानियो के बावजूद पूरे विश्व में मसालेदार खाने के शौकीनों की कमी नहीं है।
कुछ लोग औरों की तुलना में ज़्यादा तीखापन झेल पाते हैं? इसका जवाब ढूँढने के लिए फ्रेंच शोधकर्ताओं की एक टीम ने विज्ञान का सहारा लिया। उनकी रिसर्च पुरुषों पर केंद्रित थी क्योंकि समाजशास्त्रियों ने व्यक्त किया है कि तीखा खाना पुरुषों के मामले में पौरुष दिखाने का एक तरीका हो सकता है।
मसाले और मर्दानगी
एक आम पुरुष का बर्ताव और उसका खानपान उसके शरीर के टेस्टोस्टेरोन स्तर से सम्बंधित हो सकता है। इस तर्क को ध्यान में रखते हुए उन्हें लगा कि उन्हें अपनी शोध पुरुषो की लार में पायी गयी टेस्टोस्टेरोन की मात्रा के आधार पर शुरू करनी चाहिए।
144 फ्रेंच पुरुषो को प्रयोगशाला में बुलाकर कुचले हुए आलुओं की दावत दी गयी। उन्हें बताया गया कि वे अपने खाने में जितनी चाहे उतनी चटपटी चटनी और नमक डाल सकते है। भोजन शुरू करने से पहले उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें तीखा खाना पसंद है और भोजन के उपरान्त उन्होंने शोधकर्ताओं को बताया कि जो खाना उन्होंने खाया वो उन्हें तीखा लगा या नहीं?
जिन पुरुषो के अंदर टेस्टोस्टेरोन का स्तर ज़्यादा था उन्होंने अपने खाने में तीखी चटनी का ज़्यादा इस्तेमाल किया था। यह भी पाया गया कि नमक का इस हार्मोन (वृषणी) से कोई सम्बन्ध नहीं था। जिन पुरुषों ने तीखा खाना पसंद किया उनके टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर औरों की तुलना में ज़्यादा पाया गया, लेकिन शोधकर्ता अभी इन दोनों कड़ियों को आपस में नहीं जोड़ पाये हैँ।
वो मानते है कि बढ़े हुए टेस्टोस्टेरोन स्तर पुरुषों के तीखे खाने के रुझान की एक वजह हो सकते हैं लेकिन इसका विपरीत भी संभव हैई जैसे कि, हो सकता है कि कैप्साइसिन से भरपूर भोजन से इस हार्मोन का स्तर बढ़ जाता हो।
आयुर्वेदिक
इस बात के और भी कई कारण हो सकते है की कुछ पुरूष चटपटा और तीखा खाना पसंद करते है। कई बार हमारी खानपान की आदतें आनुवंशिक हो सकती हैं और कुछ पुरुष सिर्फ इसिलए तीखा पसंद करते है क्योंकि यह उनके व्यक्तित्व का एक लक्षण होता है।
दिलचस्प बात यह है कि मसाले और टेस्टोस्टेरोन के बीच के सम्बन्ध की कड़ी एक पुरानी आयुर्वेदिक धारणा की तरफ इशारा करती है जब यह माना जाता था कि तीखे मसाले राजसिक भोजन है। ऐसा समझा जाता था कि यह ऊर्जायुक्त आहार आपको ओजस्वी , निश्चयात्मक और अति महत्त्वाकांक्षी बनाता है। दुसरे शब्दों में, एक ऐसी शख्सियत जिसको आप "श्री वृषणी" कह सकते है।
निस्संदेह, इसका एक सांस्कृतिक पहलू भी है। जहाँ विश्व के कुछ हिस्सों में मसालेदार और तीखी पाक शैली प्रचलित है, वही ऐसी जगह भी है जहाँ लोग फीका खाना बहुत चाव से खाते है। वैसे शोध के द्वारा यह साबित हो चुका है कि आप जितना ज़्यादा चटपटा खाना खाते है उतना ही उसे पसंद करने लगते है।
शुरुवात में शायद आपको इतना अच्छा न लगे, लेकिन एक बार आपके मुंह पर स्वाद चढ़ गया तो फिर आप चटपटा खाना देख कर अपने आप को रोक नहीं पाएंगे।
स्रोत - Some like it hot: Testosterone predicts laboratory eating behavior of spicy food, Laurent Bègue, Véronique Bricout, Jordane Boudesseul, Rébecca Shankland, Aaron A. Duke