हमने कायरो युनिवर्सिटी के यौन विषेशज्ञ डॉक्टर हुसैन घुनेम से इस आश्चर्जनक रूप से आम बिमारी के बारे में बात की और यह भी जाना की वे इसका सामना कैसे करते हैं।
‘‘इस अवस्था को प्रोस्ततोर्हेरिया नाम से जाना जाता है और यह प्रायः उन किशोरों में पाई जाती है जो धार्मिक संस्कृति कारणवश हस्त मैथुन करते’’। उन्हें पेशाब करते समय एक स्राव होता है। पेडु पर दाब बढाने से बाहर आता है।
संक्रमित लिंग?
‘‘लगभग एक या दो हफ्तों में कोई ना कोई मरीज मेरे पास स्राव की शिकायत ले कर आता है। मैं हमेश पूछता हूँ, क्या यह हमेशा होता है और जांघिया में धब्बे नजर आते हैं। अगर ऐसा होता है तो शायद इसकी वजह संक्रमण हो सकती है।’’ अगर यह लक्षण नहीं है तो डॉक्टर घानेम पूर्ण रूप से यकिन रखते हैं कि वह प्रोस्ततोर्हेरिय का ही एक और मामला है।
डॉक्टर घानेम के अनुसार, रूढि़वादी समाज में यह लिंग स्राव की सबसे आम समस्या है - गोनोरिया और चल्माडिया से भी अधिक।
‘‘हम से मानते हैं कि स्रावित पदार्थ वीर्य संबंधी द्रव्य होता है। किषोरों में दिन में कई बार यौन उत्तेजना हो सकती है। जैसे की जब वो कोई उत्तेजक चीज देख लें या फिर यौन क्रिया के बारे में सोचें। जब ऐसा होता है तो जनन ग्रथियों से द्रव्य पदार्थ स्रावित होने लगता है। यह द्रव्य पदार्थ एकत्रित होता रहता है और क्योंकि यह स्खलन से बाहर नहीं आ पाता है, तो पेशाब करते समय रिसाव के रूप में बाहर आ जाता है।’’
हस्त मैथुन ही ‘‘उपचार’’ है
तो इसका क्या है? ‘‘हम रोगियों को हस्त मैथुन करने को प्रोत्साहित करते हैं’’ डॉक्टर घानेम का कहना है। ‘‘अक्सर वो खुश होते हैं कि उनको इस समस्या से निजात मिल जाती है।’’
लेकिन कभी कभी पुरुष हस्त मैथुन पर व्याप्त मिथ्या के कारण भयभीत भी हो जाते हैं। ‘‘तो हम उनसे धार्मिक बात-चीत शुरू कर देते हैं।’’ डॉक्टर घानेम करते हैं।
‘‘हम इस्लाम में पाये जानी वाली अलग-अलग राय और व्याख्यानों का हवाला देते हैं। जैसे, बहुत से मुस्लिम विद्वान मानते हैं कि हस्त मैथुन सही है क्योंकि इसे करेन से लोगों में विवाह पूर्व यौन संबंधों पर अपने आप अंकुश लगता है। यह अपनी यौन जरूरतों को पूरा करने का एक सुरक्षित उपाय है।’’ 99 प्रतिशत किशोर हस्त मैथुन करते हैं
‘‘हम उन्हें यह भी बताते हैं कि हस्त मैथुन चिंता का विशय नहीं है क्योंकि 99 प्रतिशत किशोर ऐसा करते हैं। कुछ लोग कहते है कि यह एक मानसिक विकार है, लेकिन मैं ऐसा नहीं मानता, क्योंकि हस्त मैथुन शुरू करते ही मरीजों में स्राव बंद हो जाता है। तो हम किशोरों को हस्त मैथुन करने का लाइसेंस दे देते हैं।
अभी तक प्रोस्ततोर्हेरिया पर बहुत कम विश्वसनीय डाटा मौजुद है। इस वजह से डॉक्टर घानेम और उनके साथियों ने इस समस्या और मरीजों के लक्षणों के वर्गीकरण के लिए एक अध्ययन की शुरुआत की है। ‘‘हमें अपनी धारणा को साबित करने के लिए साक्ष्य एकत्रित करने होंगे।’’
क्या आपका इस अवस्था/बिमारी के साथ कोई अनुभव है? हमें बतायें की आपने इसका सामना कैसे किया।