आंटी जी कहती हैं.... हम्म्म, यह अच्छी बात है कि तुमने माना यह गलत है और इस बारे में तुम्हे सलाह मशवरे की ज़रुरत हैI और मैं तुझे यह भी बता देती हूँ कि यह बहुत आम समस्या है और तुझ जैसे और भी लोग हैंI
कड़वा सच
देखो बेटा, जैसा कि हमने पहले भी कहा है कि इसके बारे में अलग अलग संस्कृतियों के विभिन्न विचार हैं - जहाँ कुछ सभ्यताओं में चचेरे/ममेरे/फुफेरे/मौसेरे भाई-बहनों के बीच रिश्तों को मान्यता प्राप्त है वहीं कुछ सभ्यताओं में इसकी सख्त मनाही हैI लेकिन एक बात तो तय है, किसी भी संस्कृति में सगे भाई-बहनों के रिश्तों को स्वीकृति बिलकुल नहीं हैI
हालांकि, युवा वर्ग के मन में इसको लेकर बडी उत्सुकता हैI ऐसी भावनाएं कैसे जन्म लेती हैं? क्यों एक बहन को अपने ही भाई के प्रति जिसके साथ अब तक वो बिलकुल बेफिक्र होकर रहती थी, अब सतर्क रहना पड़ता है?
सांस्कृतिक बेमेल
रक्षा बंधन के त्यौहार की बात करें तो ज़रा उन बहनों से पूछिये जिन्हे उन्ही लोगों से सुरक्षा मांगनी पड़ती है जो उन्हें बुरी नज़र से देखते हैं और ज़बरदस्ती छूने का कोई भी मौक़ा नहीं जाने देतेI कितना अजीब है यह? इसका नाम रक्षा बंधन नहीं राक्षस बंधन होना चाहिए!
इस त्यौहार को जिस तरह की सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक मंज़ूरी हमारे देश में मिली हुई है वो उन बहनों के लिए ज़ख्मों में नमक भरने जैसा हैI एक बार फ़िर सोचिये उस लड़की के बारे में जिसे उसी आदमी की कलाई में राखी बांधनी पड़ती है जिसने उसे दूषित किया हैI
गलत सोच
बेटा, कई बार हम समझने में भयंकर भूल कर बैठते है - निकटता को "उपलब्धता" समझ लेते हैंI क्यूंकि तेरे आस पास और कोई युवा लड़की नहीं है तो तुझे अपने बहन के प्रति यौन आकर्षण हो गया हैI उस घर में रहने का उसे भी उतना ही हक़ है जितना कि तुझे, है ना? तो तू अपने दिलों-दिमाग पर काबू रखI
उस बेचारी को तो तेरी इस सनक की खबर भी नहीं होगीI लेकिन तू जब भी उसकी ओर देखता होगा तो तुझे तुम दोनों की बचपन की अठखेलियां नहीं बल्कि सेक्स की संभावना नज़र आती होगीI अब यह थोड़ी निराशाजनक बात है, है कि नहीं? तुझे नहीं लगता कि यह गलत है?
सही रास्ता चुन
तू इस बारे में पूछ रहा है, यह एक अच्छा संकेत हैI मैं देख सकती हूँ कि तू भी परेशान और दुखी हैI बेटा कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जिनमें सेक्स हो ही नहीं सकता - भाई-बहन, माता-पिता, वो लोग जो हम पर विश्वास करते है, बच्चे और बूढ़े, यह सब लोग इसी श्रेणी में आते हैं और मुझे नहीं लगता इन रिश्तों से सेक्स को दूर रखने में कोई मुश्किल आनी चाहिएI
कई जवान लड़के-लडकियां हमेशा दुखी, पीड़ित और नाराज़ रहते हैं क्यूंकि बचपन में उनके भाई, चाचा, मामा और ऐसे कई रिश्तेदारों ने बिलकुल वही किया जो तू सोच रहा है और ऐसा ना जाने कब से चला आ रहा हैI बेटा मैं मानती हूँ कि तुझे तेरी बहन बहुत "सेक्सी" लगती होगी और वो ज़रूर होगी भी लेकिन बेटा मुझे कहना होगा कि यह गलत है और तुझे भावनाओं को नियंत्रित करना पड़ेगाI
बुरा समय निकट है
कैसा होगा वो दिन जब प्यारा भाई राखी बंधवाने के लिए अपना हाथ आगे बड़ाता है और बहन बोल उठती है, "बस अब और नहीं झेल सकती इस पुरुष-प्रधान समाज की बेतुकी नौटंकियाँI तुम्हे मेरी सुरक्षा करने की ज़रुरत नहीं है बल्कि असल में तो मुझे तुझसे सुरक्षा चाहिएI कितने सालो से तो तू मुझे शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है, गंदी नाली के कीड़े!"
ऐसा तो नहीं होना चाहिए किसी त्यौहार पर, क्यों? तो "भाइयों" संभल जाओ क्यूंकि अब छित्तर पड़ने वाले हैं!