Pakistan's Dr Sex busts masturbation myths
Cover of 'Sex Education for Muslims' by Dr Syed Mubin Akhtar

हस्तमैथुन से जुड़े मिथक

पाकिस्तानी यौन विशेषज्ञ डॉक्टर सैयद मुबीन अख्तर  के अनुसार हस्तमैथुन किसी भी तरह से यौन अथवा शारीरिक कमजोरी का कारण नहीं है।

एक नौजवान के रूप में वो भी हस्तमैथुन से होने वाली भयानक बिमारियों के बारे में चिंतित महसूस करते थे लेकिन फिर उन्होने जाना कि ये सब काल्पनिक कहानियां थी।

“दूध की दस बूँदें मक्खन की एक बूँद के समान हैं। मक्खन की दस बूँदें खून की एक बूँद के समान है।  और दस बूँद खून वीर्य की एक बूँद के समान है।”

मिथक

यह एक मिथक है जिस पर पाकिस्तान में काफी लोग विश्वास करते हैं, डॉक्टर अख्तर ने लव मैटर्स को बताया।  पाकिस्तानी मनोविज्ञानिक डॉक्टर अख्तर ‘मुस्लिम के लिए यौन शिक्षा’ पुस्तक के लेखक भी हैं जो पाकिस्तान में एक नायाब पुस्तक मानी जाती है।

“तो हर बार जब भी उनका वीर्य स्खलन होता है तो उन्हें ये सोच कर तकलीफ होती है कि उनके शरीर से काफी खून का नुक्सान हो गया”

लेकिन यह एक काल्पनिक कहानी है- जैसे की ये:

“वीर्य की कुछ बूंदों का स्खलन एक जरयन नामक बीमारी है।  ये माना जाता है कि ये बूँदें शरीर की हड्डियों से बाहर आती हैं और हड्डियों को कमज़ोर बनाती हैं।”

“मैंने जब ये सुना तो मैं भी काफी चिंतित हुआ और मेरा मन उदास हो गया,” डॉक्टर अख्तर ने कहा।  मेडिकल कॉलेज में पढने जाने पर उन्हें पता चला की ये सभी मनगढ़ंत कहानियां थी।

 

सकारात्मक सोच

हस्तमैथुन   के बारे में डॉक्टर अख्तर की सोच सकारात्मक है।  “यह यौन एवं शारीरिक स्वस्थ के लिए अच्छा है।  असल में हस्तमैथुन  करने वाले व्यक्ति में ऐसा नहीं करने वालों की अपेक्षा अधिक यौन कौशल  होता है।”

मिस्र के यौनचिकित्सक डॉक्टर हुसैन घानेम का मानना है कि  हस्तमैथुन  एक स्वस्थ क्रिया है। उन्होंने भी अपने देश में इससे जुडी कई मिथक कहानियां अक्सर सुनी हैं।

 

“हस्तमैथुन   ना करना चिंताजनक है,” उनका मानना है।  ये प्रोस्तात्रेहिया नामक एक शारीरिक समस्या का कारण बन सकता है जिसका अर्थ है शिशन से पेशाब के उपरांत वीर्य का स्खलन होना।  अच्छी बात ये है कि इसका आसान हल है।  सिर्फ हस्तमैथुन  से इसका निवारण किया जा सकताहै।

 

लेकिन कभी कभी पुरुष इस से जुड़े मिथकों से घबरा जाते हैं।  “ऐसे में हम उन्हें धार्मिक नज़रिए से उन्हें समझते हैं,” डॉक्टर घानेम ने बताया।

 

धार्मिक नज़रिए

“हम उन्हें इस्लाम की धार्मिक पुस्तकों में इस बारे में लिखी व्याख्या और राय बताते हैं। बहुत से मुस्लिम विद्वानों ने यह माना है कि हस्तमैथुन  करना सही है क्यूंकि यह विवाह पूर्व सम्भोग की रोकथाम करने के लिए उपयोगी है।  यह अपनी शारीरिक ज़रूरतों को पूरा करने का एक स्वस्थ तरीका है।”

दुर्भाग्यवश, डॉक्टर अख्तर के संपर्क में आने वाले अधिकतर युवा  हस्तमैथुन  के बारे में नकारात्मक सोच रखते हैं।  पाकिस्तान में यौन शिक्षा ना के बराबर ही है।  इसलिए नौजवान सोचते हैं कि  हस्तमैथुन  करने से कमजोरी आती है, उन्होंने कहा।

 

डॉक्टर अख्तर के अनुसार बहुत कम महिलाएं यह मानती हैं कि वो हस्तमैथुन  करती हैं।

 

“मुझे याद है कि एक लड़की ने मुझे लिखा कि वो  हस्तमैथुन  करती है।  उसकी शादी होने वाली थी और वो चिंतित थी कि कहीं उसके पति को ये पता न चल जाये कि वो  हस्तमैथुन  करती है।  लेकिन कैसे पता चलेगा?”

हस्तमैथुन करने की कोई निम्नतम आयु या सीमा नहीं है, डॉक्टर अख्तर का  कहना है।“ बहुत से लोग विवाह के उपरांत भी  हस्तमैथुन  करते हैं।”

हस्तमैथुन से जुडी और जानकारी

 

एक नौजवान के रूप में वो भी हस्तमैथुन से होने वाली भयानक बिमारियों के बारे में चिंतित महसूस करते थे लेकिन फिर उन्होने जाना कि ये सब काल्पनिक कहानियां थी।

“दूध की दस बूँदें मक्खन की एक बूँद के समान हैं। मक्खन की दस बूँदें खून की एक बूँद के समान है।  और दस बूँद खून वीर्य की एक बूँद के समान है।”

मिथक

यह एक मिथक है जिस पर पाकिस्तान में काफी लोग विश्वास करते हैं, डॉक्टर अख्तर ने लव मैटर्स को बताया।  पाकिस्तानी मनोविज्ञानिक डॉक्टर अख्तर ‘मुस्लिम के लिए यौन शिक्षा’ पुस्तक के लेखक भी हैं जो पाकिस्तान में एक नायाब पुस्तक मानी जाती है।

“तो हर बार जब भी उनका वीर्य स्खलन होता है तो उन्हें ये सोच कर तकलीफ होती है कि उनके शरीर से काफी खून का नुक्सान हो गया”

लेकिन यह एक काल्पनिक कहानी है- जैसे की ये:

“वीर्य की कुछ बूंदों का स्खलन एक जरयन नामक बीमारी है।  ये माना जाता है कि ये बूँदें शरीर की हड्डियों से बाहर आती हैं और हड्डियों को कमज़ोर बनाती हैं।”

“मैंने जब ये सुना तो मैं भी काफी चिंतित हुआ और मेरा मन उदास हो गया,” डॉक्टर अख्तर ने कहा।  मेडिकल कॉलेज में पढने जाने पर उन्हें पता चला की ये सभी मनगढ़ंत कहानियां थी।

 

सकारात्मक सोच

हस्तमैथुन   के बारे में डॉक्टर अख्तर की सोच सकारात्मक है।  “यह यौन एवं शारीरिक स्वस्थ के लिए अच्छा है।  असल में हस्तमैथुन  करने वाले व्यक्ति में ऐसा नहीं करने वालों की अपेक्षा अधिक यौन कौशल  होता है।”

मिस्र के यौनचिकित्सक डॉक्टर हुसैन घानेम का मानना है कि  हस्तमैथुन  एक स्वस्थ क्रिया है। उन्होंने भी अपने देश में इससे जुडी कई मिथक कहानियां अक्सर सुनी हैं।

 

“हस्तमैथुन   ना करना चिंताजनक है,” उनका मानना है।  ये प्रोस्तात्रेहिया नामक एक शारीरिक समस्या का कारण बन सकता है जिसका अर्थ है शिशन से पेशाब के उपरांत वीर्य का स्खलन होना।  अच्छी बात ये है कि इसका आसान हल है।  सिर्फ हस्तमैथुन  से इसका निवारण किया जा सकताहै।

 

लेकिन कभी कभी पुरुष इस से जुड़े मिथकों से घबरा जाते हैं।  “ऐसे में हम उन्हें धार्मिक नज़रिए से उन्हें समझते हैं,” डॉक्टर घानेम ने बताया।

 

धार्मिक नज़रिए

“हम उन्हें इस्लाम की धार्मिक पुस्तकों में इस बारे में लिखी व्याख्या और राय बताते हैं। बहुत से मुस्लिम विद्वानों ने यह माना है कि हस्तमैथुन  करना सही है क्यूंकि यह विवाह पूर्व सम्भोग की रोकथाम करने के लिए उपयोगी है।  यह अपनी शारीरिक ज़रूरतों को पूरा करने का एक स्वस्थ तरीका है।”

दुर्भाग्यवश, डॉक्टर अख्तर के संपर्क में आने वाले अधिकतर युवा  हस्तमैथुन  के बारे में नकारात्मक सोच रखते हैं।  पाकिस्तान में यौन शिक्षा ना के बराबर ही है।  इसलिए नौजवान सोचते हैं कि  हस्तमैथुन  करने से कमजोरी आती है, उन्होंने कहा।

 

डॉक्टर अख्तर के अनुसार बहुत कम महिलाएं यह मानती हैं कि वो हस्तमैथुन  करती हैं।

 

“मुझे याद है कि एक लड़की ने मुझे लिखा कि वो  हस्तमैथुन  करती है।  उसकी शादी होने वाली थी और वो चिंतित थी कि कहीं उसके पति को ये पता न चल जाये कि वो  हस्तमैथुन  करती है।  लेकिन कैसे पता चलेगा?”

हस्तमैथुन करने की कोई निम्नतम आयु या सीमा नहीं है, डॉक्टर अख्तर का  कहना है।“ बहुत से लोग विवाह के उपरांत भी  हस्तमैथुन  करते हैं।”

हस्तमैथुन से जुडी और जानकारी

 

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