31 वर्षीय राघव भोपाल में एक बैंक में काम करते हैं।
नए रोल
दो साल पहले मेरी और पूनम की शादी हुई थी। उसके आने से पहले मेरे परिवार में मेरी मम्मी और मैं सिर्फ़ दो ही लोग थे। जब मैं कॉलेज में था तभी पापा की मौत हो गई थी। अब जब मैं और पूनम अपने काम पर चले जाते हैं तब मम्मी कामवाली के साथ घर पर रहती हैं।
सब कुछ अच्छा चल रहा था कि तभी अचानक लॉक-डाउन हो गया।
ऐसे में अब कामवाली घर पर आ नहीं सकती थी तो हम सभी ने एक-एक काम ख़ुद करने का फैसला किया। ना चाहते हुए भी मम्मी ने यह कहते हुए घर की साफ-सफाई की जिम्मेदारी ली कि - इससे थोड़ी कसरत हो जाएगी और रोज़ न टहल पाने की कसार भी पूरी हो जाएगी। पूनम खाना बनाने के लिए तैयार हो गई। मेरे ज़िम्मे कपड़े और बर्तन साफ़ करने का काम आया।
हमने सभी घरेलू जरुरी सामानों को जमा करके रख लिया जिसमें ढेर सारे कॉन्डम भी शामिल थे!
नया प्लान
सेक्स के समय कॉन्डम का इस्तेमाल करना लगभग हमारी आदत में शामिल था। चूंकि आमतौर पर मेरी मम्मी ही घर के कूड़े का डिब्बा खाली करती थीं इसलिए हम इस्तेमाल के बाद कॉन्डम को पेपर में लपेटकर अपने रुम में रखते थे और ऑफिस जाते समय मैं अपनी बिल्डिंग के सार्वजनिक कूड़ेदान में उसे डाल दिया करता था।
लॉकडाउन के बाद हमें जो सबसे पहली दिक्कत आयी वो इस कॉन्डम को फेंकने से जुड़ी थी। मम्मी के ज़िम्मे साफ-सफाई और कूड़ा फेंकने का काम था। ऐसे में उसी डस्टबिन में कॉन्डम डालने के बारे में सोचना भी मुश्किल था।
तब मैंने एक प्लान बनाया। मैंने मम्मी से कहा कि डस्टबिन खाली करने का काम में मैं करूंगा। शुक्र है कि वह मान भी गई। इसी दौरान मुझे बिल्डिंग से नीचे उतरे बिना कचरे वाले ट्रक में कचरा डालने का एक उपाय सूझा। हम पहले फ्लोर पर रहते हैं। मैंने डस्टबिन के हैंडल में एक रस्सी बांध दी और कूड़े वाला ट्रक आने पर मैं रस्सी के सहारे डस्टबिन को ट्रक में पलट देता था। उसमें इस्तेमाल किया हुआ कॉन्डम भी चला जाता था।
मेरा यह प्लान अगले कुछ दिनों तक बहुत अच्छा काम किया।
लेकिन फिर...
उस रात मैंने और पूनम ने देर रात में सेक्स किया। मैंने कॉन्डम को एक अखबार में लपेटा और उसे हमेशा की तरह बेड के नीचे रख दिया। उसके बाद मुझे अपना ऑफिस का काम खत्म करना था इसलिए मैं काम में जुट गया। मैं काफ़ी देर से सोया और मेरी नींद तब खुली जब फर्श पर किसी के झाड़ू पोछा करने की आवाज़ मेरे कानों में पड़ी। मैं तुरंत घबरा गया लेकिन सोने का नाटक करता रहा।
मेरी चिंता ज़ायज थी, पेपर में लिपटा बेड के नीचे पड़ा वो इस्तेमाल किया हुआ कॉन्डम मम्मी के हाथ लग गया। फिर तो कुछ पल के लिए कमरे में भयानक सन्नाटा छा गया। मैंने तिरछी नजर से देखा कि मम्मी ने पेपर खोला और तुरंत कमरे से बाहर निकलकर उसे कॉमन बालकनी के डस्टबिन में डाल दिया। उन्होंने तो कुछ नहीं कहा लेकिन मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं कुछ ग़लत करते हुए पकड़ा गया हूं। मैंने खुद को कोसा कि मैं इतना लापरवाह कैसे हो सकता हूं!’।
फिर हम रोजमर्रा के कामों में वैसे ही जुट गए जैसे कुछ हुआ ही न हो। उस शाम डिनर के बाद जब मम्मी सोने चली गईं तब मैंने पूनम को उस घटना के बारे में बताया।
सेक्स और संस्कार
पूनम जोर से हंसते हुए बोली, ‘ओह, अब मुझे समझ में आया कि वह आज दोपहर से अपना काम क्यों बदलना चाहती थीं! उन्होंने कहा कि वह खाना बनाएंगी और उनकी जगह मैं घर की साफ़-सफ़ाई करुं। अब तक तो मैं ये सोच रही थी कि उन्हें मेरे हाथ का खाना पसंद नहीं आ रहा है। तो ये बात है...अब जाकर मुझे राहत मिली, यह कहते हुए वह जोर से हंसने लगी।
‘बेशक, मां को पता है कि हम सेक्स करते हैं। इसमें चिंता की क्या बात है!’, वह बोली।
दरअसल कल ही जब हम रामायण देख रहे थे तो मां ने पूछा कि तुम लोग बच्चे की प्लानिंग कर रहे हो क्या। लेकिन फिर फ़ौरन ही बोलीं कि इस लॉकडाउन के दौरान प्रेगनेंसी का जोखिम उठाना ठीक नहीं होगा।
और आज उनके हाथ कॉन्डम लग गया! वाह क्या संयोग हैं! पूनम तो हंसते-हंसते बिस्तर पर गिर ही गई।
जब उसकी हंसी रुकी तो वह बोली, ‘हालांकि मुझे लगता है कि हमें अपनी पर्सनल लाइफ को प्राइवेट रखना चाहिए और बेहद सावधानी से कॉन्डम फेंकना चाहिए।
वाकई में हम थोड़े लापरवाह हो गए थे, खासकर मैं । पूनम ने कहा हमें अपने बाथरुम में एक अलग डस्टबिन रखना चाहिए और हर रोज खुद ही उसे खाली करना चाहिए। मुझे उसका आइडिया अच्छा लगा और में फ़ौरन ही मैं बाथरुम में डस्टबिन रखने निकल पड़ा।
बाथरुम में नया बिन रखते हुए मैं संस्कार और सेक्स के कॉम्बिनेशन के बारे में सोचकर मुस्कुराया जिसने पूनम और मम्मी को जोड़े रखा था। तीन सदस्यों के इस छोटे से परिवार में हम एक दूसरे से कुछ भी नहीं छिपाते हैं। इस बात की मुझे बेहद खुशी हुई।
अगले दिन मां ने आकर मेरा कंधा थपथपाते हुए कहा। ‘बेटा, कचरे के डिब्बे को खाली कर दो। इसमें जो भी हैं मैं नहीं देखना चाहती! फिर हम सभी जोर से हंस पड़े।
गोपनीयता बनाये रखने के लिए नाम बदल दिए गये हैं, तस्वीर में मॉडल का इस्तेमाल किया गया है।
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लेखक के बारे में: अर्पित छिकारा को पढ़ना, लिखना, चित्रकारी करना और पॉडकास्ट सुनते हुए लंबी सैर करना पसंद है। एस आर एच आर से संबंधित विभिन्न विषयों पर लिखने के अलावा, वह वैकल्पिक शिक्षा क्षेत्र में भी काम करते हैं। उनको इंस्टाग्राम पर भी संपर्क कर सकते हैं।