आजकल कंडोम वगैरह खरीदना बड़ा आसान है क्यूंकि सब कुछ ऑनलाइन मिल जाता हैI लेकिन फिर भी हम सब (खासकर अगर आप एक लड़की हो तो) उस मानसिक दबाव से गुज़र चुके हैं जब आप पहली बार गर्भनिरोध खरीदते हैंI हमने कुछ नौजवानों से उनके "पहली बार" के बारे में पुछा...
'आश्चर्यचकित दुकानदार!'
वो बड़ा ही मज़ेदार पल थाI मैं अपनी गर्लफ्रेंड के साथ उस सुपरमार्केट में घुसा था जहाँ यह सब उपलब्ध थाI हमने पहले ही निर्णय कर लिया था कि सारी बातचीत वो ही करेगीI मैं देखना चाहता था कि वहां के लोगों की क्या प्रतिक्रिया होगीI जैसे ही सेल्सपर्सन आयी मेरी गर्लफ्रेंड शुरू हो गयीI उसने उसे वो सब कुछ बता दिया जो उसे एक कंडोम में चाहिए था, यहाँ तक कि यह भी, कि मेरा शिश्न बड़ा हैं और हमें थोड़ा बड़ा साइज़ चाहिएI बेचारी भोंचक्की होकर हमारे सामने खड़ी थीI मेरी गर्लफ्रेंड को लगा कि मैं कुछ कहूँगा लेकिन मुझे इतनी शर्म आ रही थी कि मैंने तो अपना मुँह ही दूसरी तरफ कर लियाI
उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे तभी वहां एक दूसरी सेल्सगर्ल आ गयी जिसने हमारी मदद कीI उस दिन के बाद से जब भी मैं गर्भनिरोधक खरीद रहा होता हूँ तो उस लड़की का चेहरा मेरी आँखों के आगे आ जाता हैI
मनीष कामरा*(35), व्यवसायी, मुंबई
'मैंने बोला कि मैं बखेड़ा खड़ा कर दूँगी'
अगर आप एक औरत हैं और गर्भनिरोधक खरीद रहीँ हैं तो लोग आपको एक अलग नज़र से देखते हैं और यह देख कर मुझे बहुत खीज मचती है। जब मैंने काउंटर के पीछे बैठे व्यक्ति से गर्भनिरोधक दिखाने के लिए कहा तो पहले तो उसने कुछ प्रतिक्रिया ही नहीं दिखाई, थोड़ी देर बगल वाले आदमी से खुसर-पुसर करने के बाद वो बोला "मैडम आपके पास डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन है?"
मैं जानती थी कि मुझे किस तरह का गर्भनिरोधक चाहिए था। मुझे मेरे डॉक्टर ने बता दिया था। लेकिन जब मैंने उन्हें बताया कि मेरे पास प्रिस्क्रिप्शन नहीं है तो उन्होंने कहा कि उसके बिना नहीं मिलेगा।
मेरे गुस्से का ठिकाना नहीं था। मैंने चिल्ला कर कहा कि "मेरा सामान देते हो या शोर मचा कर लोगों को इकठ्ठा करूँ? मेरे ख्याल से वो डर गए थे क्योंकि उसके बाद आनन-फानन में उन्होंने मुझे वो सब दे दिया जो मैंने माँगा। यहाँ तक कि लुब्रीकेंट भी। दूकान से निकलते हुए मैंने उन्हें बड़बढ़ाते हुए सुना 'आज कल की लड़कियां भी'।
अनहिता परमार*(26), फैशन ब्लॉगर, मुम्बई
केशियर की नज़रे
मेरे साथ कुछ ख़ास नहीं हुआ। मैंने बस शेल्फ से एक बॉक्स उठाया और पैसे देने की लाइन में लग गयी। बिल देते हुए केशियर की नज़रें मेरे हाथ में पकडे कंडोम के 'फॅमिली पैक' पर गयी और उसके हाव-भाव देखकर मुझे समझ आ गया कि मुझसे ज़्यादा असुविधा तो उसे हो रही थी।
मणि सुब्बालक्ष्मी*(22), लेखिका, मुम्बई
लुब्रिकेंट्स पर सीख
मैं बहुत नर्वस थी। मेरे पास मेरे डॉक्टर का दिया पर्चा तो था ही, उसके अलावा मेरे दोस्तों ने मुझे बता भी दिया था कि दूकान में जाकर लुब्रीकेंट माँगना है। मैं अपने घर से बहुत दूर एक दूकान में गयी थी। वहां मौजूद सेल्समेन को जब मैंने पर्चा दिखाया तो उसने ऐसा कुछ भी ज़ाहिर नहीं किया जिससे लगे कि उसके लिए यह कुछ अजीब है।
वो गया और जाकर गोलियां ले आया और इससे पहले मैं कुछ कह पाती, उसने मुझसे पुछा कि क्या मुझे लुब्रीकेंट भी चाहिए? उसने मुझे यह राय भी दी कि लुब्रीकेंट हम दोनों के लिए बहुत अच्छा होगा।
उसने मुझे अलग अलग तरीके के लुब्रिकेंट्स दिखाए जो वहाँ उपलब्ध थे। आज भी अगर मैं उस दूकान के आसपास होती हूँ तो वहां ज़रूर जाती हूँ क्योंकि मुझे पता है कि वहां मुझे ज़रूर बताया जायेगा कि कौनसा लुब्रीकेंट और गर्भनिरोधक नया है, अच्छा है और कौनसा सर्वाधिक लोकप्रिय।
जोनिता पिंटू* (22), विद्यार्थी, पुणे
*गोपनीयता बनाये रखने के लिए नाम बदल दिए गए हैं।