दो साल पहले, सीमा के एक संजीदा रिश्ते के ख़त्म होने के बाद, उसने काफी सारे लड़को को डेट किया। एक बार गर्भवती होने के डर के बाद से उसने घर में ही कंडोम रखना शुरू कर दिया। "मैं अपनी तरफ से पूरी तरह ज़िम्मेदार युवती बनने कि कोशिश कर रही थी लेकिन मुझे लगता है मेरे ज़िन्दगी के पुरुषों को ज़िम्मेदार बनने कि ज़यादा ज़रूरत थी," सीमा का कहना है।
पेश है 'मेरे स्वास्थ्य, मेरा चुनाव' अभियान के अंतर्गत हमारा पहला लेख। इस पूरे हफ्ते हम जानकारी देंगे गर्भनिरोधन के ऊपर।
सीमा (नाम बदला हुआ) एक 29 वर्षीय थिएटर अदाकारा हैं और बंगलोर में रहती हैं।
एक ऐसी लड़की होने कि वजह से जो कि 18 साल कि उम्र से कई बार यौन सम्बन्ध बना चुकी है, मैं पूरी तरह वाक़िफ़ थी आलोचनात्मक सोच से जो कि महिलाओं के ऊपर उनके यौनिक अधिकारो को लेकर थोपी जाती है। अगर आप एक शहर में अकेली रेह रही हैं तो ऐसा लगता है जैसे आपके मकान-मालिक से लेकर नौकर और नौकरानी तक यह समझते हैं कि जो कुछ भी उस अकेली लड़की / महिला के कमरे में चल रहा है वो जानने का हक़ और उस पर अपनी टिपण्णी देने का हक़ इन सभी को है।
आलोचनात्मक
अगर आप इस बात को सोच कर जीने लगेंगे कि औरों को कैसा लगता है, क्या अच्छा लगता है और क्या बुरा, तो फिर तो आपका जीना बहुत मुश्किल हो जायेगा। इसलिए बेहतर है मोटी खाल बन जाना और ऐसा जताना कि आपको उनकी सोच और उनकी बातें समझ ही नहीं आ रही। इसलिए जब बात आती है मेरी नीजि ज़िन्दगी कि तो मैंने अपने आस-पास सिर्फ आज़ाद सोच वाले लोगों को ही रखा है और बाकी लोगों कि आलोचनात्मक सोच और बातें को मैं नज़रअंदाज़ करना बेहतर समझती हूँ।
लेकिन दिलचस्प बात यह है कि पिछले साल मैंने पाया कि ये आज़ाद विचार वाले पुरुष भी कई बार आलोचनात्मक अंकल और आंटी कि तरह बर्ताव करने लगते हैं।
गर्भवती होने का डर
दो साल पहले मेरे ब्रेक-अप के बाद मैंने गर्भनिरोधन गोली लेना छोड़ दिया था। उसके बाद मैं एक ऐसे लड़के को डटे कर रही थी जो मुझे काफी पसंद था और सब ठीक ही चल रहा था लेकिन एक दिन गर्भवती होने के डर ने बहुत कुछ बदल दिया। ये उस दिन कि बात है जब उसके पास कंडोम नहीं था और मुझे लगा कि मेरे 'सुरक्षित दिन' चल रहे थे इसलिए हमने बिना कंडोम के सम्भोग किया। लेकिन फिर मेरी अगली माहवारी दो हफ्ते देरी से हुई और उन दो हफ़्तों में मैं गर्भवती होने के डर कि वजह से बहुत परेशान हो गयी थी। फिर मैंने गर्भवती होने कि जांच करी और वो नेगेटिव आया। लेकिन इतना कम समय में शायद इतना कुछ हो गया था हमारे बीच कि हमारे बीच चीज़ें अटपटी भी होने लगी।
माहौल गर्म
उस दिन के बाद से मैं इतना डर गयी थी कि मैंने खुद ही कंडोम का एक पैकेट खरीद कर घर में रख लिया। और मुझे लगता था कि मेडिकल दुकान से कंडोम खरीदना मेरी ज़िन्दगी का सबसे शर्मिंदगी वाला पल होगा।
इस गर्भवती होने के डर के एक साल बाद मैं एक नए लड़के के साथ थी। वो अच्छा लड़का था और मुझे काफी पसंद था लेकिन हम अपना रिश्ता आगे बढ़ाने में कोई जल्द-बाज़ी नहीं कर रहे थे। लेकिन एक रात जब वो मेरे घर पर था तो माहौल गरम होने लगा और हम दोनों के अंदर सेक्स करने कि इच्छा जागी। लेकिन उसके पास कंडोम नहीं था।
मुझे याद आया कि मैंने कंडोम का एक पैकेट खरीद कर घर में रखा था और मैंने उसे कहा कि मैं वो लेकर आती हूँ। लेकिन अचानक ही वो मुझसे बहुत नाराज़ हो गया और बिना कुछ कहे मेरे घर से चला गया।
ज़िम्मेदार होना
मुझे नहीं पता कि मैंने क्या गलत किया था जब तक मुझे उसने ईमेल नहीं भेजा जिसमे उसने लिखा था कि मैं उसे बहुत समय से बेवकूफ बना रही थी और मुझपर इलज़ाम लगाया कि मैं किसी और के साथ सेक्स समबन्ध में थी - क्यूंकि उसके अलावा और कोई वजह नहीं हो सकती मेरे घर में कंडोम रखने कि।
मैंने बहुत कोशिश करी उसे समझाने कि घर में कंडोम रखने का मतलब यह नहीं कि मैं उसे धोखा दे रही हूँ या बहुत सारे लड़कों के साथ सेक्स सम्बन्ध बना रही हूँ लेकिन वो मानने को तैयार ही नहीं था। मैं अपनी तरफ से ज़िम्मेदार युवती बनने कि कोशिश कर रही थी लेकिन मुझे लगता है मेरे ज़िन्दगी के पुरुषों को ज़िम्मेदार बनने कि ज़यादा ज़रूरत थी।
(इस फोटो में सीमा नहीं है)
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