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हर गर्भपात पर अफ़सोस हो, ज़रूरी नहीं

मैं शादी के दो महीने बाद ही प्रेग्नेंट हो गयी थीI हम दोनों ही परेशान और नाखुश थेI नवविवाहित जोड़ो की तरह खुशी मनाना तो दूर, हमें तो एबॉर्शन की चिंता सताने लगी थीI

अपनी बेटी के बेहतर भविष्य के लिए मैने एबॉर्शन को चुना।

‘खानदान का चिराग’ देने के परिवार के दबाव के विरुद्ध जाकर मालिनी ने अपने अनचाहे गर्भ का एबॉर्शन करने का फैसला किया- अपनी बेटी के बेहतर भविष्य के लिए।

'मुझे सेक्स से नफरत हो गयी थी'

‘‘मैं जिन पलों से गुजरी वह अभी भी मेरे दिमाग में ताजा हैं’’, मुंबई की 24 वर्षीय छात्रा का उस समय के बारे में कहना है जब उन्होंने किशोरावस्था में गर्भपात करवाया।प्रेम प्रसंग की वजह से इतना दर्द और आघात पहुंच सकता था, यह उन्हें बहुत अप्रिय रूप से आश्चर्यजनक लगा।

गर्भपात के बाद कैसे दोबारा जोड़ा हमने अपना रिश्ता

रतन को अपनी गर्लफ्रेंड को डेट करते हुए एक साल हो गया था जब उसे पता चला कि वो गर्भवती है। उन दोनों के पास गर्भपात के अलावा और कोई रास्ता नहीं था। आइये जाने कि कैसे वो दोनों इस दर्दनाक हादसे से उबरे...

'मुझे असहज सवालों का जवाब देना था'

यह विडियो लव मैटर्स के विश्वव्यापी अभियान "Step Into Our Stories, Step Into Our Shoes" का हिस्सा है जिसके द्वारा हमने अपने भागीदार WGNRR के साथ मिलकर गर्भपात की सुरक्षित और वैद्य सेवाएं उपलब्ध कराने की एक मुहिम की शुरुआत की हैI

डॉक्टर को मालूम था कि हम शादीशुदा नहीं हैं !!

सुमन और अभय 22 और 24 साल के थेI इस उम्र में उन्होंने बच्चे के बारे में कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा। लेकिन जब सुमन को पीरियड नहीं आया तो गर्भपात कराने की नौबत आ गयी। लेकिन क्या बिना शादी किए गर्भपात कराना संभव था? उन्हें ठीक ठीक मालूम नहीं था। सुमन और अभय ने सोचा कि डॉक्टर के सामने ऐसे पेश आएंगे जैसे शादीशुदा हों। उन्होंने लव मैटर्स इंडिया के साथ अपनी कहानी साझा की।

चार बजे के बाद कॉल करना, अभी मेरी सेक्रेटरी सुन रही है...

जब अमांडा गर्भपात के लिए डॉक्टर के पास गईं तो उसने साफ़ मना कर दिया। डॉक्टर ने बताया कि फिलीपींस में गर्भपात पर प्रतिबंध है। लेकिन अमांडा को डॉक्टर ने जो पर्चा थमाया उस पर लिखा था- 4 बजे के बाद मुझे फोन करना। लव मैटर्स आज आपके लिए फिलीपींस की एक ऐसी कहानी लाया है जहां डॉक्टर अपनी जान को ज़ोखिम में डालकर महिलाओं का सुरक्षित गर्भपात करते हैं।

गर्भ समापन कराना मेरी अपनी मर्ज़ी थी ...फ़िर भी '

वही हुआ जो मैं चाहती थी। यह मेरी ही मर्ज़ी थी। फिर भी मुझे अपराधबोध होता है। लव मैटर्स इंडिया आपको दक्षिण कोरिया की दो ऐसी महिलाओं की कहानी बताने जा रहा है जिन्होंने अपनी मर्ज़ी से गर्भ समापन कराने के बाद अपराधबोध महसूस किया और इसे दुनियाभर की महिलाओं के साथ साझा किया।

घर पर गर्भपात करने के चक्कर में जान से हाथ धो बैठी 

उस दिन एलिजाबेथ ने भी वही किया जो उनसे पहले कई महिलाओं ने किया होगा- घर पर गर्भपात करने की एक ख़तरनाक कोशिश। अगर उनके देश में गर्भपात वैध होता तो उन्होंने यह कदम कभी नहीं उठाया होता। लव मैटर्स इंडिया आपको अर्जेंटीना की एलिजाबेथ की कहानी बताने जा रहा है। हालांकि एलिजाबेथ की ही तरह दुनिया के हर कोने में बहुत सी महिलाएं इस तरह का ख़तरनाक कदम उठाती हैं।

वह मुस्कान जिसने पूरे आयरलैंड को बदल दिया

सविता की मौत ने आयरलैंड को हिलाकर रख दिया। उनकी मौत से वहां की महिलाओं में आक्रोश था। उनका कहना था कि आज जो कुछ सविता के साथ हुआ, कल हममें से किसी के भी साथ हो सकता है। वो सभी सहमत थी कि अगर सविता को गर्भपात कराने की अनुमति दी गयी होती तो उनकी मौत नहीं हुई होती। लव मैटर्स आपके लिए उस भारतीय महिला की कहानी लेकर आया है, जिसकी मौत से आयरलैंड ने वहां की महिलाओं को उस कानून से मुक्त कर दिया, जिसे चुनने के लिए वे स्वतंत्र नहीं थीं।

गर्भपात पर डॉक्टरों से एक निवेदन

गर्भपात एक बहुत ही कठिन विकल्प है। केवल कुछ चीजें ही इसे सहने योग्य बना सकती हैं। उनमें से एक है - मेरे डॉक्टर का पूरा साथ। आज हम आपके लिए ऐसी कुछ बातें लेकर आए हैं जिनके चलते महिलाओं के लिए गर्भपात करवाना बहुत मुश्किल हो जाता है। डॉक्टरों और नर्सों से हमारा अनुरोध है कि वे इस तरह की बातचीत को बदलने में हमारी मदद करें ताकि महिलाओं को सुरक्षित और अच्छी स्वास्थ्य सेवा मिल सके।

गर्भपात के बारे में कैसे लिखें (और कैसे ना लिखें)

सुरक्षित और क़ानूनी गर्भपात की सुलभता के लिए मनाए जाने वाले वैश्विक दिवस (28 सितम्बर) के अवसर पर लव मैटर्स आपके लिए उन शब्दों और शब्दावलियों की एक आसान गाइड लेकर आया है, जिनका प्रयोग गर्भपात के बारे में बात करते हुए ना किया जाए तो बेहतर होगाI इसके साथ ही इन शब्दों के विकल्प भी दिए गए हैं।