Savita Halappanavar Indian in Ireland abortion
The Irish Times

वह मुस्कान जिसने पूरे आयरलैंड को बदल दिया

द्वारा Sarah सितम्बर 14, 10:07 पूर्वान्ह
सविता की मौत ने आयरलैंड को हिलाकर रख दिया। उनकी मौत से वहां की महिलाओं में आक्रोश था। उनका कहना था कि आज जो कुछ सविता के साथ हुआ, कल हममें से किसी के भी साथ हो सकता है। वो सभी सहमत थी कि अगर सविता को गर्भपात कराने की अनुमति दी गयी होती तो उनकी मौत नहीं हुई होती। लव मैटर्स आपके लिए उस भारतीय महिला की कहानी लेकर आया है, जिसकी मौत से आयरलैंड ने वहां की महिलाओं को उस कानून से मुक्त कर दिया, जिसे चुनने के लिए वे स्वतंत्र नहीं थीं।

डबलिन पर धब्बा 

आयरलैंड की राजधानी डबलिन की सड़कों पर चलते हुए आपको वहां की दीवारों पर एक बड़ा पोस्टर दिखायी देगा। लंबे काले बाल, जीवन से भरी बड़ी बड़ी आंखें, माथे पर बिंदी और पोस्टर पर बड़े अक्षरों में लिखे 'हाँ' शब्द के पीछे से मुस्कुराती हुई एक भारतीय महिला की तस्वीर।

सैकड़ों लोग उसके पास फूल, नोट और कार्ड छोड़ जाते हैं। ‘माफ़ करना, हमने बहुत देर कर दी, लेकिन अब हम साथ हैं' दीवार पर लिखे एक नोट पर लिखे यह शब्द जैसे पूरे डबलिन के लोगों की भावनाओं को व्यक्त कर रहे थेI

Savita's mural in Ireland
Creative Commons/Zcbeaton

नए मेहमान के स्वागत की तैयारी

दीवार पर जिस महिला की फोटो लगी है उनका नाम है सविता हलप्पनावर, आयरलैंड में अपने पति प्रवीन के साथ रहने वाली 31 वर्षीय डेंटिस्ट। 2012 की गर्मियों में सविता और प्रवीन के जीवन में उनका पहला बच्चा आने वाला थाI वो दोनों बेहद खुश थे और आने वाले नए मेहमान के स्वागत की तैयारियों में व्यस्त थेI

मौत का इंतजार

गर्भावस्था के 17वें सप्ताह में सविता को कमर में दर्द की शिकायत हुई तो वह इलाज़  के लिए हॉस्पिटल गईं। डॉक्टर ने कहा कि सब ठीक है और सविता को शाम तक अस्पलात से छुट्टी दे दी गई। हालांकि बाद में उसी दिन, उन्हें वापस आना पड़ा क्यूंकि उनके लग रहा था जैसे उनकी योनि से कुछ रिसाव हो रहा है। सविता को अकाल प्रसव हो रहा थाI उसे बताया गया कि शायद उसका बच्चा शायद जीवित नहीं था।

सविता और प्रवीण ने गर्भावस्था को खत्म करने के लिए डॉक्टरों से गर्भपात करने की विनती की। इतनी गंभीर स्थिति होने के बावजूद डॉक्टरों ने गर्भपात करने से इनकार कर दिया। सविता और प्रवीन को बताया गया कि जब तक इस बात का पर्याप्त सबूत नहीं मिल जाता कि सविता की जान को खतरा है तब तक आयरिश कानून के तहत गर्भपात कराने की अनुमति नहीं है। डॉक्टरों ने बताया कि वे गर्भपात नहीं कर सकते क्योंकि भ्रूण की दिल की धड़कनें अभी भी चल रही हैं।

सविता को तब तक अस्पताल में ही इंतज़ार करने के लिए कहा गया, जब तक कि भ्रूण की धड़कन अपने आप बंद न हो जाए। सविता को अस्पताल में बच्चे की डिलीवरी के लिए नहीं बल्कि भ्रूण की धड़कनें बंद होने के लिए रुकना था। महज गर्भपात से सविता की पीड़ा दूर हो सकती थी, लेकिन एक रूढ़िवादी क़ानून यह होने नहीं दे रहा थाI

गर्भपात में देरी जानलेवा साबित हुई। सविता को संक्रमण हो गया। बच्चे की धड़कनें तो नहीं रुकी लेकिन एक सप्ताह बाद 28 अक्टूबर 2012 की मध्य रात्रि उसी संक्रमण की वजह से सविता के दिल की धड़कनें रुक गयीI


दु: ख और गुस्सा

सविता की मौत ने आयरलैंड को हिलाकर रख दिया। महिलाएं गुस्से में थीं। वे सविता के दर्द को महसूस कर रही थीं और उन्हें यह अपनी समस्या लग रही थी। उन्होंने सरकार से प्रतिबंध हटाने की मांग की। महिलाओं ने कहा कि अगर सविता को गर्भपात कराने की अनुमति मिल गयी होती तो उसकी मौत ना हुई होती।

प्रदर्शनकारियों में ज़्यादातर महिलाएं थीं जो हाथ में मोमबत्ती लेकर सड़कों पर उतरी थीं। भीड़ अपना पश्चाताप और क्रोध दिखा रही थी। विशेष रूप से युवा महिलाओं को यह एहसास हुआ कि उनके साथ भी इस तरह की घटना बहुत आसानी से हो सकती है!

सविता की मौत से आयरलैंड में शोक छा गया और देश को अपने कानूनों के बारे में सोचने के लिए मजबूर होना पड़ा। उस कानून के ख़िलाफ़ अपील की गई जिसने महिलाओं के जीवन और विकल्पों को खतरे में डाल दिया था।

Protests in Ireland
Creative Commons/William Murphy

सविता की मौत ने बदला कानून 

वर्ष 2018 में गर्भपात पर प्रतिबंध हटाने के लिए आयरिश संसद में एक विधेयक पेश किया गया था। सविता की मृत्यु के छह साल बाद मई 2018 में आयरलैंड ने गर्भपात (विशिष्ट परिस्थितियों में) के पक्ष में मतदान किया।

लोग सड़को पर जश्न मानाने और सविता को धन्यवाद देने हज़ारों की तादाद में, तरह तरह के पोस्टर लेकर उमड़ आये थेI

सविता की फोटो हवाई जहाजों, दीवारों, होर्डिंग, प्लेकार्ड और सोशल मीडिया सहित पूरे आयरलैंड में लगी थी।

आयरिश कलाकार एचेस ने डबलिन की सड़कों पर सविता के मुस्कुराते चेहरे के साथ एक विशाल भित्ति चित्र भी बनाया। ( चित्र ऊपर देखें)

Messages on Savita's mural
Twitter/Laura Silver

आत्मा को शांति मिले

भारत में उनके घर बेलगाम में सविता के माता-पिता ने बीबीसी को बताया कि, पिछले छह वर्षों से कजल रहे इस संघर्ष में अंततः जीत हासिल हुई हैI उम्मीद है कि अब सविता की आत्मा को शांति मिलेगी। 

2018 से पहले गर्भपात कराने की इच्छा ज़ाहिर रखने वाली आयरिश महिलाएं विदेश जाने या फिर इंटरनेट से गर्भपात की दवाएं खरीदने के लिए मजबूर थीI पकडे जाने पर जेल जाने का जोखिम अलग थाI

सविता के कारण आयरलैंड में महिलाएं अब गर्भावस्था के 12 सप्ताह तक (बिना कोई कारण बताए) गर्भपात करवा सकती हैं। और अगर किसी महिला के जीवन या स्वास्थ्य को ख़तरा हो तो 24 हफ्ते से पहले भी गर्भावस्था को समाप्त करवाना संभव है।

एक भारतीय महिला के लिए स्वतंत्रता का आंदोलन जिसकी मुस्कान अब आयरलैंड के लोगों के चेहरे पर दिखती है।

लव मैटर्स महिलाओं को अपने शरीर के बारे में निर्णय लेने एवं अधिकारों को चुनने का समर्थन करता है। गर्भपात और गर्भनिरोध विकल्पों के बारे में अधिक जानकारी लव मैटर्स पर पढ़ें।

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